बड़ी खबर: सिविल अस्पताल की स्थिति महीनों बाद भी जस की तस, जमकर भड़के कलेक्टर
रायगढ़। रायगढ़ के जिलाधीश भीमसिंह ने बुधवार को सिविल अस्पताल खरसिया का आकस्मिक निरिक्षण किया। वहीं महीनों बाद भी अस्पताल की स्थिति में कोई बदलाव हुआ ना देख सभी डॉक्टर्स एवं स्टाफ पर जमकर भड़के।
बताना लाजिमी होगा कि 31 जुलाई को किए निरीक्षण के दौरान कलेक्टर भीमसिंह ने सिविल अस्पताल की अव्यवस्थाओं तथा खामियों को सुधारने के निर्देश दिए थे। वहीं शुक्रवार 11 नवंबर को पुनः आकस्मिक रूप से निरिक्षण पर पहुँचे। समय पर डॉक्टर्स की उपस्थिति को लेकर प्रतिदिन हाजिरी दर्ज करने एसडीएम गिरीश रामटेके को निर्देशित किया। वहीं मनमानियों को लेकर बीएमओ डॉ.सुरेश राठिया तथा अस्पताल प्रभारी डॉ.सजन अग्रवाल, डॉ.सौरभ अग्रवाल, बीपीएम भास्कर देवांगन पर भी बरसे। लैब में निरंतर जांच के निर्देश देते हुए अस्पताल परिसर में अतिरिक्त भूमि पर गार्डनिंग के बजाय बिखरी गंदगी को व्यवस्थित कर बागवानी के निर्देश दिए।
गिर सकती है सस्पेंशन की गाज
अस्पताल प्रभारी डॉ.सजन अग्रवाल को सख्त निर्देश देते हुए कलेक्टर भीम सिंह ने कहा कि जो भी कर्मचारी ड्यूटी के प्रति लापरवाह हैं अथवा समय पर नहीं पहुंच पाते, इन सबकी लिस्ट बनाकर तत्काल प्रेषित करें। वहीं एनआरसी की मरम्मत का निरीक्षण किया तथा ब्लड बैंक की स्थिति जानकारी ली। बताया कि नई एक्स-रे मशीन जल्द ही स्थापित की जा रही है। संवेदनशील जिलाधीश भीमसिंह के आज के तेवर देखकर कहा जा सकता है कि यदि स्थिति शीघ्र कंट्रोल नहीं हुई तो डॉक्टर्स एवं स्टाफ पर सस्पेंशन की गाज कभी भी गिर सकती है।