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छत्तीसगढ़: जिले में होने जा रहे बाल विवाह को महिला बाल विकास विभाग ने रोका

 छत्तीसगढ़: जिले में होने जा रहे बाल विवाह को महिला बाल विकास विभाग ने रोका
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गरियाबंद। महिला बाल विकास विभाग की जिला बाल संरक्षण इकाई के टीम बाल विवाह को रोकने हरसंभव प्रयास कर रही है। टीम को एक बाल विवाह रोकने में कामयाबी मिली है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी के अनुसार मैनपुर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम काण्डेकेला के बालिका वधु जिसकी आयु शैक्षणिक दस्तावेज के आधार पर विवाह 18 जनवरी को 16 वर्ष 10 माह पाया गया। उक्त बालिका का विवाह उनके परिजनों ने ग्राम तिलीमाल जिला-नुवापाड़ा, उडीसा में तय किया गया था। 

बाल विवाह होने की मिली सूचना के अनुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग जगरानी एक्का के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण इकाई के टीम ने बाल-विवाह की प्रारंभिक जांच की गयी। जांच उपरान्त बालिका वधु की उम्र 16 वर्ष 10 माह होना पाया है, जो कि विवाह की निर्धारित आयु सीमा से कम है।

जिला बाल संरक्षण टीम ने बालिका के परिजनों और ग्रामीण जनों को समझाईश दी गई कि बालिका के 18 वर्ष पूर्ण होने पर ही विवाह करें। सभी लोगों ने उक्त समझाईश पर सहमति जताई। ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार विवाह के लिए बालिका की आयु 18 वर्ष और लड़के की आयु 21 वर्ष पूर्ण होना चाहिए। निर्धारित आयु से कम आयु में विवाह करने या करवाने की स्थिति में सम्मिलित व सहयोगी सभी लोग अपराध की श्रेणी में आते है। इसके लिए 2 वर्ष तक का कठोर कारावास और एक लाख रूपए का जुर्माना और दोनों से दण्डित किया जा सकता।
 


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