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मौसम विभाग ने जारी किया रेड और येलो अलर्ट: लगातार जारी बारिश से दर्जनों गांव टापू में हुए तब्दिल

मौसम विभाग ने जारी किया रेड और येलो अलर्ट: लगातार जारी बारिश से दर्जनों गांव टापू में हुए तब्दिल
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बीजापुर। जिले में लगातार हो रही बारिश अब मुसीबत का सबब बनती जा रही है। रविवार की दरम्यानी रात अंचल में हुई मूसलाधार बारिश के बाद दर्जनों गांवों के हालात टापू जैसे बन गए हैं। मौसम विभाग से जारी अलर्ट के अनुसार 17 अगस्त को दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। जिससे आंशिक लाभ होगा 16 अगस्त को इन जिलों में रेड अलर्ट होने से मूसलाधार बारिश हुइ थी, जिसके चलते बाढ़ की गंभीर स्थिति निर्मित हुई है। आज भी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। 
 
 
प्राप्त जानकारी के अनुसार लगातार हो रही बारिश के चलते इंद्रावती, चिंतावागु, मिनगाचल नदियां उफान पर है तो वही नदियों में आई बाढ़ के कारण बीजापुर-गीदम, बीजापुर-भोपालपट्नम, बीजापुर-गंगालूर, बीजापुर-कुटरू मार्ग पर कई स्थानों पर पुल-रपटे डूब जाने से इन इलाकों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है। लगातार एक सप्ताह से हो रही बारिश बीजापुर वासियों के लिए आफत बनी हुई है।
 
 
बारिश से भोपालपट्नम नेशनल हाईवे पर मोदकपाल पुल डूब गया। नदी का जलस्तर उंचा होने से पानी ना सिर्फ पुल के उपर बह रहा बल्कि मोदकपाल थाने के भीतर भी पानी घुस आया। अचानक आई बाढ़ में जवान संभल पाते कि इससे पहले थाना जलमग्न हो गया। जवानों ने पूरी रात छत पर बिताई लेकिन राशन सुरक्षित ठिकाने पर ले जाने असफल रहे। ठीक ऐसे ही हालत मिनगाचल में देखने को मिला। 
 
 
जहां मिनगाचल नदी किनारे स्थित कैम्प भी बाढ़ की जद में आ गया। किसी तरह जवान सुरक्षित ठीकाने तक पहुंचे। हालांकि मिनगाचल पर बने पुल के एप्रोच पर पानी आ जाने से बीजापुर-गीदम नेशनल हाईवे पर आवागमन ठप हो गया। बीजापुर कुटरू मार्ग पर कई पेड़ धराशायी हो गए। इलाके के अधिकतर गांव बाढ़ की जद में है। 
 
 
जिला मुख्यालय से सटे गांवों में भी हालात बिगड़े हुए हैं। कोकड़ापारा में घर के बाहर खड़ी स्कार्पियों को को अचानक आई बाढ़ बहा ले गई। वाहन को सुरक्षित निकालने वाहन मालिकों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इधर चिंतावागु नदी उफान पर होने से भोपालपट्नम-तारलागुड़ा-हैदराबाद रूट पूरी तरह से बंद हो गया। दूसरी ओर बीजापुर-गंगालूर मार्ग पर पोंजेर और चेरपाल रपटा डूबा हुआ है। नतीजतन इस तरफ बसे दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। लोगों की बेबसी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिजली और नेटवर्क ठप होने से प्रशासन को अपनी परेशानी बताने में सक्षम नहीं हैं। 
 
 
जिले के चेरपाल, चेरकंटी, कोटेर, गंगालूर सहित दो दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क मुख्यालय से टूटा हुआ है। वहीं पोंजेर स्थित सीआरपीएफ कैम्प के जवान भी बाढ़ से जूझते दिखे। आधी रात नाले का पानी कैम्प में चढ़ जाने से सिक्योरिटी लाइट कट गई। जवानों के शौचालयों में पानी भर गया। पूरी रात जवान संघर्ष करते रहे। बाढ़ के चलते सुबह से अधिकतर इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप होने के साथ मोबाइल, इंटरनेट कनेक्टिविटी भी प्रभावित है।


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