समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कर कौन सा जिला पहुंचा प्रदेश में टॉप पर, पढ़े पूरी खबर
कवर्धा । पूरे प्रदेश में कबीरधाम जिला खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर किसानों से शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से धान खरीदी करने के मामले लगातार टॉप पर अपना स्थान बनाए हुए है। जिले में धान खरीदी के शुरुआत से लेकर अब तक 88 प्रतिशत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कर लिया गया है। कबीरधाम जिले में धान उपार्जन के लिए खरीफ विपणन वर्ष में जिले के कुल 1 लाख 385 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है। जिसका कुल पंजीकृत रकबा 1 लाख 8 हजार 764 हेक्टेयर है। धान खरीदी से शुरूआत से लेकर अब तक जिले के 88 हजार 690 किसानों ने समर्थन मूल्य पर 3267940 क्विंटल धान बेच लिया है। इस लिहाज से जिले मे अब तक पंजीकृत रकबा में से 88 हजार हेक्टयर का धान किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी कर लिया गया है। किसानों के विक्रय किए गए धान का कुल मूल्य 614 करोड़ रूपए है। प्रदेश में किसानों के पंजीकृत रकबे में से सर्वाधिक रकबा प्रतिशत का धान का क्रय कर कबीरधाम प्रथम स्थान पर है। कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि जिले के पंजीकृत किसान, धान खरीदी के मामले में फैलाई जा रही किसी भी प्रकार के भ्रम में नहीं आए। जिले के सभी पंजीकृत किसानों से धान की खरीदी की जाएगी।
कबीरधाम जिले में 2.5 एकड़ तक के पंजीकृत कृषक 64090 है। जिसमें से 55469 किसान एक बार में ही समिति में अपना समस्त धान विक्रय कर चुके हैं। उन्हें धान विक्रय के लिए दोबारा समिति आने की आवश्यकता ही पड़ी। जिले में 2.5 एकड़ से 5 एकड़ भूमि वाले 24878 पंजीकृत किसानों में से 22700 किसान धान विक्रय कर चुके है।
धान उठाव में आई तेजी, अब तक 1040127 क्विंटल धान उपार्जन केन्द्रों से हुआ उठाव:-
धान खरीदी के जिला नोडल अधिकारी और डिप्टी कलेकट संदीप सिंह ठाकुर ने बताया कि जिले में संचालित 94 धान उपार्जन केन्द्रों से जिले के दो संग्रहण केन्द्रों के लिए धान उठाव में तेजी आई है। जिले में मार्कफेड के कुल दो संग्रहण केन्द्रों में 379197 क्विंटल धान आज तक संग्रहित किया जा चुका है। जिले के राईस मिलर्स के डिलवरी आर्डर के माध्यम से कुल 660930 क्विंटल धान उपार्जन केन्द्रों से उठाया जा चुका है। इस प्रकार जिले के धान उपार्जन केन्द्रों से कुल 1040127 क्विंटल धान का उठाव हो चुका है। जिले में धान उपार्जन हेतु कुल 94 समितियां कार्यरत है। 11 जनवरी की स्थिति में अब तक किसी भी समिति में धान उपार्जन कार्य विशेष परिस्थिति को छोड़कर बंद नहीं हुआ है। कम जगह वाली समितियों में तौलाई के लिए वैकल्पिक भूमि की व्यवस्था कर धान खरीदी कार्य लगातार किया जा रहा है।