सड़क हादसे में 108 वाहन चालक की हुई मौत, अस्पताल में हर एक कर्मचारी की आंखें हुई नम...
रामानुजगंज : बुधवार की रात 9:30 बजे के करीब खाना खाकर मोटरसाइकिल से ड्यूटी में जा रहे 108 के चालक एवम ईएमटी पीछे से आ रहे शराब के नशे में धुत युवक के द्वारा लापरवाही पूर्वक मोटरसाइकिल चलाते हुए अस्पताल के समीप टक्कर मार दिया जिससे मौके पर 108 चालक की मौत हो गई वही ईएमटी घायल हो गए जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 108 ड्राइवर संतोष मिंज ईएमटी मोहम्मद नसीम के साथ खाना खाकर वापस ड्यूटी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आ रहे थे इसी दौरान अस्पताल के समीप अटल चौक के आगे पीछे से शराब के नशे में धुत लापरवाही पूर्वक मोटरसाइकिल चलाते हुए नंदू कुमार पिता शिवचद उम्र 18 वर्ष के द्वारा जबरदस्त टककर मार दिया गया। जिससे संतोष मिंज के सिर पर गंभीर चोट लगी जिसकी मौके पर ही मौत हो गई वहीं नंद कुमार एवं मोहम्मद नसीम भी घायल हो गए जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है। संतोष के 11 माह का मासूम पुत्र एवं 6 वर्ष की पुत्री थी जिसके सिर पर से बाप का साया उठ गया। संतोष की मौत की सूचना पर स्वास्थ्य कर्मचारियों में शोक की लहर है।
जिसने सैकड़ों लोगों की जान बचाई अपनी ही जीवन से जंग हार गया
संतोष मिंज विगत 8 वर्षों से रामानुजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ है उसके द्वारा सैकड़ों लोगों की 108 के माध्यम से समय पर अस्पताल पहुंचा कर बचाई है। वही दिन भर ड्यूटी कर रात में दुर्घटना में घायल संतोष अपनी जिंदगी से जंग हार गया।
अस्पताल में हर एक कर्मचारी की आंखें हुई नम
संतोष इतना व्यवहार कुशल था कि अस्पताल के हर एक छोटे-बड़े कर्मचारी के चहेता था जैसे ही अस्पताल के लोगों को संतोष के घायल होने की सूचना मिली तो सभी कर्मचारी जमा हो गए वही जब पता चला कि संतोष अब इस दुनिया में नहीं रहा तो सबकी आंखें नम हो गई।
मानवता कूट-कूट कर भरी थी, सेवा के लिए रहता था तत्पर
संतोष 8 वर्षों से 108 में कार्यकर्ता था उसमें सेवा भावना कूट-कूट कर भरी थी 24 घंटे लोगों की सेवा के लिए तत्पर तथा कई बार ऐसी स्थिति निर्मित हुई थी पेशेंट बहुत सीरियस स्थिति में रहा और कागजी प्रक्रिया पूरा करने में कुछ समय लगता परंतु वह अपने रिक्स पर मरीज को उसके गंतव्य तक पहुंचाया।
घायल साथी ने कहा पहले मदद की आवश्यकता संतोष को है
दुर्घटना के बाद संतोष एवं मोहम्मद नसीम दोनों बेहोश हो गए थे घटना के पांच सात मिनट के बाद जब मोहम्मद नसीम को होश आया तो उसने आसपास के लोगों को मदद के लिए बुलाया जब लोग उसको उठाकर अस्पताल ले जाना चाहे तो वह बोला पहले संतोष को ज्यादा चोट लगा है पहले संतोष को अस्पताल पहले ले जाइए।
अस्पताल के सामने हुआ दुर्घटना परंतु अस्पताल पहुंचने में लग गया 20 मिनट
संतोष एवं मोहम्मद नसीम के द्वारा सैकड़ों लोगों की जान समय पर अस्पताल पहुंचाकर बचाई परंतु जब दोनों का दुर्घटना हुआ तो अस्पताल ामने होते हुए भी जाने में 20 मिनट का कम से कम समय लग गया। शायद तत्काल संतोष को ले जाते तो उसकी जान बच जाती।