जेल से छूटने पर बहाली के बाद सिपाही ने फांसी लगाकर की खुदकुशी
कोरबा। जिला पुलिस बल में पदस्थ सिपाही एल गोविंदा राव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सिपाही राव बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर 22 लाख की ठगी के मामले का आरोपी था। जेल से छूटने के बाद करीब 6 माह पहले ही उसकी बहाली हुई थी।
जानकारी के अनुसार पुलिस लाइन के पीछे गोकुलनगर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित आवास क्रमांक-13 के में सिपाही राव बहाली के बाद से परिवार समेत किराए में निवासरत था। सोमवार सुबह वह क्रिकेट खेलकर लौटा था, दोपहर उसने कमरे में फांसी लगा ली। घटना के समय परिजन नहीं थे। जब वे लौटे तो फंदे पर उसे लटका देखा। जीवित होने की उम्मीद से फंदा काटकर उसे नीचे उतारकर बेड में रखा गया। लेकिन उसकी सांस थम चुकी थी। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस अधिकारियों को दी गई। पुलिस लाइन समेत रामपुर चौकी से पुलिस अधिकारी घटनास्थल पहुंचे। मामले में मर्ग कायम कर पंचनामा कार्रवाई किया गया। देर शाम शव को पोस्टमार्टम के लिए मरच्यूरी में सुरक्षित रख दिया गया।
वर्ष 2017 में ठगी के शिकार बेरोजगारों ने तत्कालीन एसपी डी श्रवण से शिकायत की थी। जिसके बाद मामले में रामपुर चौकी में उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया। वह 3 साल तक फरार रहा। हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत नहीं मिलने के बाद मार्च 2020 में उसने कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। जिसके बाद करीब 8 माह तक जेल में था। गोविंदा राव की भर्ती एमटी-डॉक रनर के पोस्ट पर हुई थी, लेकिन उसने ट्रेनिंग नहीं की थी। धोखाधड़ी के मामले में उसे बर्खास्त कर दिया गया था। जेल से छूटने के बाद आईजी कार्यालय नेे उसकी बर्खास्तगी कैंसिल कर दी। जिससे 6 माह पहले उसकी बहाली हुई। 20 दिन पहले उसकी वापसी पुलिस लाइन में हो गई थी। पुलिस के मुताबिक घटनास्थल पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। गमगीन होने की वजह से परिजन का बयान भी नहीं हो सका है। लेकिन चर्चा है कि उसने बहुत लोगों से पहले उधार में रकम ली थी। कई जगह से कर्जा भी ले रखा था। दूसरी ओर उसकी जुएं की लत नहीं छूटी थी। इस कारण लोगों के रकम वसूली के साथ ही कर्ज चुकाने का दबाव था।