छत्तीसगढ़ पर फिर पड़ा Corona का साया,एक ही दिन में इस जिले में मिले इतने कोरोना मरीज,जानिए किस जिले में कितने एक्टिव केस ?    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 10 नए मरीज मिले, कहां कितने केस मिले, देखें सूची…    |    प्रदेश में थमी कोरोना की रफ्तार, आज इतने नए मामलों की पुष्टिं, प्रदेश में अब 91 एक्टिव केस    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    BREAKING : प्रदेश में आज 15 नए कोरोना मरीजों पुष्टि, देखें जिलेवार आकड़े    |    प्रदेश में कोरोना का कहर जारी...कल फिर मिले इतने से ज्यादा मरीज, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 100 के पार    |    छत्तीसगढ़ में मिले कोरोना के 14 नए मरीज...इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित,कुल 111 एक्टिव केस    |    सावधान : छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    Corona update: प्रदेश में 2 कोरोना मरीजों की मौत...इलाज के दौरान तोड़ा दम    |

विवादों से घिरे आईएएस रणवीर से अब एसोसिएशन भी नाराज, पहले भी कर चुके हैं बड़ी लापरवाहियां

विवादों से घिरे आईएएस रणवीर से अब एसोसिएशन भी नाराज, पहले भी कर चुके हैं बड़ी लापरवाहियां
Share

सूरजपुर। सूरजपुर में लागू लॉकडाउन के दौरान कलेक्टर रणवीर शर्मा ने एक युवक को थप्पड़ मारा और पुलिस ने उसकी पिटाई कर दी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सूरजपुर कलेक्टर को तत्काल प्रभाव से कलेक्टर पद से हटाने के निर्देश दे दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने रणबीर शर्मा को सूरजपुर कलेक्टर पद से हटाकर संयुक्त सचिव (प्रतीक्षारत) मंत्रालय में पदस्थ किया गया है। वहीँ रायपुर जिला पंचायत सीईओ गौरव कुमार सिंह को सूरजपुर का नया कलेक्टर बनाया गया है।


उल्लेखनीय है कि आईएएस रणबीर शर्मा की इस करतूत से आईएएस एसोसिएशन भी नाराज है। अधिकारियों के इस संगठन ने सोशल मीडिया में एक ट्वीट के जरिए रणबीर शर्मा की हरकत पर निंदा जाहिर की है। एसोसएशन ने लिखा है कि मुश्किल के इस दौर में एक आईएएस का व्यवहार जनता के प्रति बेहद जिम्मेदार होना चाहिए।


गौरतलब है कि रणबीर शर्मा पहले भी कई विवादों से घिरे रह चुके है। साल 2012 बैच के आईएएस शर्मा सबसे पहले विवाद में तब आए जब उन्होंने पेंड्रा-मरवाही एसडीएम रहते हुए जंगली भालू पर पुलिस वालों को गोली चलाने के निर्देश दिए थे। जनवरी 2014 में ग्राम भर्रीडांड निवासी युवक भूपेंद्र सिंह लाश मिली थी, जिसे भालू ने मारा था। ग्रामीणों ने पुलिस और वनविभाग को जानकारी दी। देर रात भालू उसी शव के पास आया और उसे खाने लगा। ग्रामीण वहां से भाग गए मगर इस घटना के 24 घंटे के भीतर ही कुछ और लोगों पर भालू ने हमला किया था। तब सूचना पर रणवीर शर्मा वहां पहुंचे। साथ में पुलिस भी थी, भालू को जब खदेड़ा नहीं जा सका तो शर्मा के आदेश पर पुलिस ने इंसास रायफल से भालू पर फायरिंग की और वो वहीं मर गया।


ज्ञातव्य है कि वाइल्ड एनिमल प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत टाइगर, पैंथर, भालू की जान लेने पर सात साल तक की सजा का प्रावधान है। इन जानवरों के आदमखोर होने की दशा में भी पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ की अनुमति के बिना जान नहीं ली जा सकती। इस बारे में बेहद कड़े नियम हैं। गोली मारने के पहले निर्देश हैं कि पहले वन्य प्राणी को जाल में फंसाकर या बेहोश करने वाली गन का इस्तेमाल कर काबू में करने का प्रयास किया जाए। पेण्ड्रा में ऐसा प्रयास करने का सोचा भी नहीं गया। तब वन विभाग के प्रमुख पीसीसीएफ रामप्रकाश ने कहा था कि रिपोर्ट में यदि यह प्रमाणित हो गया कि भालू को जीवित पकडऩा संभव था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इसके बाद भी शर्मा अलग-अलग पदों पर बनते चले गए।


लेकिन, इसके बाद भी उन्होंने अपनी इस करतूत पर लगाम नहीं लगाया और जुलाई 2015 में रिश्वत लेते एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा था। उस वक्त वे कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में प्रशिक्षु आईएएस के तौर पर एसडीएम बनाये गए थे। चौगेल में पदस्थ पटवारी सुधीर लकड़ा ने शिकायत की थी कि एसडीएम रणवीर शर्मा जमीन के खरीद-फरोख्त मामले में जांच रोकने और कार्रवाई नहीं करने के लिए रकम की मांग कर रहे थे। पटवारी की शिकायत के मुताबिक रणवीर शर्मा ने 40 हजार मांगे थे, 30 में डील हुई थी। इसकी जानकारी पटवारी ने एंटी करप्शन ब्यूरो को दी थी। पटवारी ने पहली किश्त के रूप में 20 हजार रुपए एसडीएम कार्यालय के चपरासी गणेश राम शोरी के माध्यम से शर्मा को पहुंचा दिए और बात रिकॉर्ड कर ली। पटवारी ने दूसरी किश्त के 10 हजार रुपए दोबारा चपरासी के हाथ एसडीएम को भेजे। जैसे पैसे शर्मा के चेंबर में पहुंचे एंटी करप्शन की टीम ने उसे पकड़ लिया। बाद में राज्य शासन ने एक आदेश जारी कर रणवीर को एसडीएम के पद से हटाकर मंत्रालय में अवर सचिव बना दिया था।



Share

Leave a Reply