बड़ी खबर: कवर्धा समेत इन जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद, पहचाने गए 5 दर्जन उपद्रवियों को किया गया गिरफ्तार
कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा शहर में शांति व्यवस्था लागू करने प्रशासन ने 11 जिलों से लगभग डेढ़ हजार पुलिस बल तैनात किए हैं। एडीजी सहित छ: आईपीएस और दस एएसपी शहर संभाले हुए हैं। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने कवर्धा में देर रात करीब 12 बजे इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं थीं। इसके बाद पड़ोसी जिलों बेमेतरा और राजनांदगांव में भी इंटरनेट बंद करा दिया गया है।
बताया जा रहा है कि भड़काऊ पोस्ट की शेयरिंग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। पुलिस टीमें वीडियो और फोटो के आधार पर दंगाइयों की पहचान करने में जुटी हैं। अब तक 70 लोगों की पहचान की जा चुकी है। इसमें से 59 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उपद्रव फैलाने, हिंसा भड़काने और तोडफ़ोड़ को लेकर तीन अलग-अलग स्नढ्ढक्र दर्ज की गई हैं। '
गौरतलब हो कि तीन दिन पहले झंडा लगाने को लेकर शुरू हुए विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया था। इसकी शुरुआत मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद की ओर से बुलाए गए बंद और रैली से हुई। लोग लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर निकल आए और करीब 100 से ज्यादा वाहनों में तोडफ़ोड़ कर दी। इस दौरान पुलिस फोर्स पर भी पत्थर फेंके गए। शहर की सड़कों पर घंटों उपद्रव चलता रहा और तमाम लोग दहशत से घरों में कैद रहे। स्थिति को संभालने के पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और फिर कफ्र्यू लगा दिया गया। पुलिस टीमें वीडियो और फोटो के आधार पर दंगाइयों की पहचान करने में जुटी है। झंडे को लेकर हुए झगड़े की मजिस्ट्रियल जांच की मांग को लेकर शहर बंद व चक्काजाम का आह्वान किया था। रैली निकालने आवेदन दिया था, लेकिन प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी। प्रशासन को भरोसा दिलाया था कि विपरीत परिस्थितियां नहीं बनने देंगे। ऐसे में प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए 11 जिलों से करीब 1500 पुलिस बल बुलाए थे। कुछ आउटर पर शहर के एंट्री पॉइंट पर तैनात थे, तो वहीं ज्यादातर हाईवे पर चक्काजाम में ड्यूटी कर रहे थे। इसके बाद भरोसा टूटा तो जवान इसे संभाल नहीं सके।
आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि वीडियो फुटेज देखकर पुलिस टीम घटना में शामिल अन्य लोगों की पहचान कर रही है। जिले में धारा 144 लगे होने के बाद भी विहिप ने बंद और धरना प्रदर्शन का आयोजन किया। इसमें शामिल होने के लिए जिले के अलावा राजनांदगांव, बेमेतरा, मुंगेली, धमतरी और रायपुर से लोगों की भीड़ पहुंची थी। उन लोगों ने बंद के दौरान कवर्धा के चिन्हांकित वार्डों में उपद्रव मचाया और तोडफ़ोड़ की। उग्र प्रदर्शन के कारण शहर में शांति, साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ा है। कलेक्टर ने कहा कि उपद्रवियों ने कई गाडिय़ों के शीशे तोड़ दिए और वाहनों को पलट दिया। कवर्धा में हालात बिगडऩे की सूचना के बाद डीजीपी डीएम अवस्थी और आईजी इंटेलिजेंस आनंद छाबड़ा कवर्धा पहुंच गए हैं। सूत्रों के अनुसार डीजीपी डीएम अवस्थी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वहां जाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कवर्धा जाकर देर रात तक हालात की समीक्षा की। इससे पहले तीन दिन से दुर्ग रेंज के आईजी और एडीजी विवेकानंद सिन्हा कवर्धा में ही कानून व्यवस्था को संभाल रहे हैं। इसके अलावा दुर्ग एसएसपी बद्री नारायण मीणा, कवर्धा एसपी मोहित गर्ग, कमांडेंट डॉ. लाल उमेंद सिंह, राजनांदगांव एसपी डी श्रवण समेत 10 एएसपी कवर्धा में हैं।
गौरतलब हो कि कवर्धा में पूरा विवाद वार्ड नंबर 27 के लोहारा नाका चौक इलाके में झंडा लगाने को लेकर शुरू हुआ था। रविवार दोपहर कुछ युवकों ने अपना झंडा चौराहे पर लगा दिया। इसी बात को लेकर दो गुटों के युवक सड़क पर लाठी-डंडे लेकर उतर आए और एक दूसरे को पीटा, यहाँ पत्थरबाजी भी हुई। पुलिस की आंखों के सामने एक युवक को भीड़ पीटती रही। मारपीट में आठ लोग घायल हुए हैं। इनका इलाज कवर्धा के अस्पताल में कराया जा रहा है।