शिकार के लिए बिछाए गए करंटयुक्त फंदे की चपेट में बायसन की मौत, 3 गिरफ्तार
महासमुंद। महासमुंद वनमण्डल के अंतर्गत वन परिक्षेत्र पिथौरा परिवृत्त सांकरा बोइरडीह परिसर में अवैध शिकार के लिए बिछाए गए करंटयुक्त फंदे की चपेट में आने से एक बायसन की मौत हो गई। वन विभाग पिथौरा ने शिकार के आरोप में तीन ग्रामीणों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार पिथौरा परिक्षेत्र के कक्ष क्र. 264 में शनिवार रात क्षेत्र के कुछ शिकारियों ने करंटयुक्त जीआई तार बिछाया था। ये फंदा ग्रामीण चीतल एवं जंगली सुअर के शिकार के लिए लगते हैं पर इसमें निरीह बायसन, बंदर एवं पालतू मवेशी भी फंस कर अक्सर मारे जाते हैं। इस फंदे की चपेट में जंगल में ही पानी पीने जा रहा एक बायसन आ गया और करंट से घटनास्थल पर ही मारा गया। कल सुबह जब शिकारियों ने देखा कि बायसन फंस कर मारा गया है तब वे उसे वहीं छोड़ स्वयं भाग खड़े हुए। घटना की जानकारी वन विभाग को मिलते ही एसडीओ यूआर बसंत तत्काल घटनास्थल पहुंचे तब मौके पर वन अधिकारियों एवं वन अमले ने पाया कि करंटयुक्त तार से उक्त मौत हुई है। अधिकारियों ने सुरेश नवरंग डॉग स्क्वाइड प्रभारी अचानकमार टाइगर रिजर्व को बुलाकर शिकारियों तक पहुंचने का प्रयास किया। डॉग स्क्वाड द्वारा बताए गए समीप के ग्राम जर्रा के ग्रामीणों के यहां छापा मारकर शिकार में प्रयुक्त सामग्री जब्त कर कार्रवाई की। एसडीओ श्री बसंत ने बताया कि ग्राम जर्रा निवासी प्रसंन (बटो) पिता संतू के घर में जीआई तार बांस की डंडी 02 नग, कांच की शीशी 71 नग तथा बांस की खूंटी, इन्द्रजीत पिता अलेख कोंध, ग्राम जर्रा के घर से लगभग 200 ग्राम जीआई तार एवं अनिल पिता जितेन्द्र के निवास स्थल से 03 बंडल जीआई तार एवं बांस की खूंटी जब्त की। मृत गौर. (बायसन) के शव को सहायक पशु चिकित्सक पिथौरा व्दारा शव परीक्षण किया गया तथा पंचनामा पश्चात घटनास्थल कक्ष क्र. 264 में जलाया गया। आरोपियों के विरुद्ध वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 9, 39, 50, 51 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33 के तहत कार्रवाई कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।