देश में कोरोना के भयावह स्थिति के लिए केन्द्र जिम्मेदार : मंत्री डाहरिया
दल्लीराजहरा। नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डाहरिया ने देश में बढ़ते कोरोना के भयावह स्थिति के लिए केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा की फरवरी 2021 में जब कोरोना अपने भयावह रूप में महाराष्ट्र और पंजाब के कुछ इलाकों में दस्तक दे रहा था तब पी एम मोदी पूरी दुनिया में कोरोना से मुक्तिदाता के रूप में प्रस्तुत हो रहे थे। कोरोना पार्ट वन गुजरते समय यह चेतावनी दे गया था कि देश के सभी 28 राज्यों और नौ केन्द्र शासित प्रदेशों में ऑक्सीजन व जीवनरक्षक दवाईयों के इंतजामात सुनिश्चित करने का संकेत दे दिया था। अभी हाल में ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति के जरिये व प्रेस कांफ्रेंस में बताया की देश में ऑक्सीजन की कमी बिल्कुल नही है केन्द्र के पास स्टॉक में 50 हजार मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन पड़ा हुआ है। आज हर राज्यों में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। ऑक्सीजन नही मिलने से कई संक्रमण मरीजों की मौत हो रही है ।इससे साफ प्रतीत होता है की केन्द्र सरकार इस बात को भी छिपाये रखा की देश में ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त मात्रा में है। मोदी सरकार हमेशा देश की जनता से कहती है की 70 साल में देश में सब सत्यानाश हुआ है मगर सात सालों में मोदी सरकार प्राणवायु का प्रबंधन सही ढंग से क्यों नही कर पाई इसका उत्तर जनता आज सबसे बड़ी आपदा के समय मांग रही है। उन्होने आगे कहा की कोरोना की दूसरी लहर में जवान मौतें जबरदस्त तादात में हुई है मगर केन्द्र का हट योग देश की जनता ने देखा वैक्सीन की उम्र सीमा 45 साल बांध रखी थी देशव्यापी हाहाकार मचने के बाद अब इसे 1मई 2021 से घटाकर 18 साल मोदी सरकार ने किया है, जो हजारों युवा इन गलत नीतियों से मारे गये उसे पी एम मोदी का मिस्टेक माने अथवा हत्या देश में हर दिन तीन लाख से ज्यादा मामले आ रहे हैं मोदी सरकार ने हालात की गंभीरता को नहीं समझा और देश में कोरोना की सुनामी खड़ी कर दी फिर भी मोदी सरकार को अपने ध्वस्त प्रबंधन में अफसोस नहीं है अब जाकर प्रधानमंत्री नये ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य कर रही है, यह सरकार जब आग लगे तब कुआं खोदो के सिध्दांत पर कार्य करने में अग्रसर होती है। मंत्री डाहरिया ने आगे कहा की आज बड़े बड़े राज्यों से संक्रमण की पहली लहर के जैसे श्रमिको का पलायन हो रहा है मोदी सरकार इन मेहनतकश श्रमिकों के तरफ ध्यान न देकर बंगाल में चुनावी रैली में मस्त है सिर्फ चित परिचित तरीके से अपने मन की बात देश से कह रहे हैं। अभी कुछ दिन पूर्व व आज कोरोना की स्थिति को लेकर मन की बात कही उसमें स्पष्ट नही किया गया की देश में कोविड मरीजों के उपचार के लिए वैक्सीन ऑक्सीजन की कमी क्यों है साथ ही पीएम केयर्स फंड के संबंध में देश को कुछ नहीं बताते की कोरोना की लड़ाई में इस फंड का इस्तेमाल किस तरह से हो रहा है। देश करीब डेढ़ साल से इस महामारी से जूझ रहा है लेकिन केन्द्र सरकार इससे निपटने कोई राष्ट्रीय नीति तैयार नही की अनुसूचित जाति के प्रदेश महामंत्री शंकर पिपरे ने कहा की नेतृत्व क्षमता की संवेदनाओं की मृत्यु के बाद ही आम आदमी की मृत्यु होती है।केन्द्र सरकार इतनी अंहकारी हो गई है की इन्हे विपक्ष की सही बात भी बर्दाशत नही होती है मोदी सरकार कोरोना की दूसरी लहर का पूर्वोनुमान लगाने में पूर्णत: असफल रही और यह भी भूला दिया, कि कोविड-19 की दूसरी लहर बच्चों और युवाओं को भी प्रभावित कर सकती है साथ ही पिपरे ने यह भी कहा की भाजपा अपने ही नीति एक देश एक बाजार के खिलाफ जाकर कोरोना वैक्सीन के दाम अलग अलग रखा है, उन्होने केन्द्र सरकार से मांग किया है कि वैक्सीन की कीमत पूरे देश में एक समान हो साथ ही सभी 18 साल से अधिक युवक युवतियों को 1 मई से शुरू हो रही टीकाकरण केन्द्र में जाकर वैक्सीन लगवाने की अपील भी किये हैं।