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छत्तीसगढ़: घर-घर हुई माता की आराधना, देवी मंदिरों में रहा भक्तों का अभाव

 छत्तीसगढ़: घर-घर हुई माता की आराधना, देवी मंदिरों में रहा भक्तों का अभाव
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खरसिया। नवरात्रों में माता के मंदिरों में भक्तों की लंबी कतार दिखाई देती थी। वहीं संक्रमण काल के कारण इस बार सभी देवी मंदिर सूने-सूने दिखाई दे रहे हैं। हालांकि मंदिरों तथा घर-घर में माता रानी की आराधना भक्तिपूर्वक की गई।

बोतल्दा की पहाड़ियों में स्थित ग्राम उल्दा का माँवैष्णो देवी दरबार हूबहू जम्मू के प्रसिद्ध माता वैष्णोदेवी के दरबार की तरह निर्मित है। यहां दूर-दूर से आये भक्तों का मेला प्रत्येक नवरात्रि में देखा जाता है, परंतु इस बार नजदीकी इक्के-दुक्के भक्त ही पहुंच रहे हैं। हालांकि पूरे विधि-विधान के साथ पुजारियों द्वारा यहां सुबह शाम माता की आरती उतारी जाती है। वहीं भक्तों ने मनोकामना दीप भी प्रज्वलित किए हुए हैं। मान्यता है कि माता रानी के दरबार में ज्योति कलश प्रज्वलित करने से मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

इसी तरह माँ बेरी वाली, माँ देवसर वाली, परेवा पहाड़ पर स्थित माँ काली, चंदन तालाब पर स्थित माँ गुड़गांववाली, माँ भद्रकाली, चौकी परिसर स्थित माता धामा देवी सहित सभी मंदिरों में भक्तों का अभाव रहा। परंतु घर-घर में गृहणियों ने माता की मंगल चौकी सजा कर पूरे नवरात्र, पूरी श्रद्धा के साथ उपवास एवं आराधना की। वहीं कई घरों में महाअष्टमी के दिन कन्या भोज संपन्न हुआ, तो अनेक घरों में महानवमी के दिन कन्या भोज करवा कर नवरात्रि की आराधना पूर्ण होगी।
 


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