मुख्यसचिव ने एसईसीएल के अधिकारियों को लंबित प्रकरणों के निराकरण के दिये निर्देश
रायगढ़। छत्तीसगढ़ में स्थापित व संचालित उद्यमों से राज्य के भीतर निवेश को प्रोत्साहन मिलता है। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। रोजगार के नये अवसर सृजित होते है तथा विकास कार्यों को गति मिलती है। प्रदेश में उद्योगों के सुगम संचालन के लिये उद्योगों तथा शासन-प्रशासन को आपस में संवाद करते हुये समस्याओं को समझकर उसके त्वरित निदान की दिशा में काम करना है। उक्त बातें मुख्यसचिव अमिताभ जैन ने एसईसीएल के परियोजनाओं के संबंध में वीडियो कान्फ्रेसिंग से आयोजित बैठक में कही। बैठक में कलेक्टर भीम सिंह भी शामिल हुये
रायगढ़ जिले में संचालित छाल व बरौद खदान के संचालन पर चर्चा की गई। कलेक्टर भीमसिंह ने छाल खदान प्रभावितों के रोजगार का मुद्दा बैठक में रखा। मुख्यसचिव ने एसईसीएल के सीएमडी को निर्देशित किया कि रोजगार प्रदान करने के संंबंध में सभी आवश्यक प्रक्रियायें जल्द पूर्ण करें। इसी प्रकार वहां फॉरेस्ट क्लीयरेंस तथा लंबित अन्य सभी जरूरी कार्यवाही भी जल्द पूर्ण करने के लिये निर्देशित किया। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि बरौद खदान के प्रभावितों में कई प्रकरण में मुआवजा का वितरण नहीं किया गया है। उसे भी प्रक्रियानुसार शीघ्र पूरे करने के निर्देश मुख्य सचिव ने एसईसीएल के अधिकारियों को दिये।
तैनात करें नोडल अधिकारी-
मुख्य सचिव श्री जैन ने सीएमडी एसईसीएल को निर्देशित करते हुये कहा कि जिन जिलों में एसईसीएल खदान संचालित कर रहा है या करने जा रहा है वहां एक जिला स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त करें। जो प्रशासन से सीधा जुड़कर काम करेगा जिससे समस्याओं का त्वरित निराकरण संभव हो सकेगा। इस दौरान अपर कलेक्टर आर.ए.कुरूवंशी बैठक में उपस्थित रहे।