CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 10 नए मरीज मिले, कहां कितने केस मिले, देखें सूची…    |    प्रदेश में थमी कोरोना की रफ्तार, आज इतने नए मामलों की पुष्टिं, प्रदेश में अब 91 एक्टिव केस    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    BREAKING : प्रदेश में आज 15 नए कोरोना मरीजों पुष्टि, देखें जिलेवार आकड़े    |    प्रदेश में कोरोना का कहर जारी...कल फिर मिले इतने से ज्यादा मरीज, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 100 के पार    |    छत्तीसगढ़ में मिले कोरोना के 14 नए मरीज...इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित,कुल 111 एक्टिव केस    |    सावधान : छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    Corona update: प्रदेश में 2 कोरोना मरीजों की मौत...इलाज के दौरान तोड़ा दम    |    छत्तीसगढ़ में तेजी से पांव पसार रहा कोरोना,कल फिर 8 नए मरीजों की पुष्टि...एक्टिव मरीजों की संख्या हुई 71    |

जीपी सिंह के अभिनव प्रयास को मिला राष्ट्रीय स्तर पर एक और पेटेंट

जीपी सिंह के अभिनव प्रयास को मिला राष्ट्रीय स्तर पर एक और पेटेंट
Share

भिलाई । भिलाई इस्पात संयंत्र ने अपने मानव संसाधन के अभिनव प्रयासों से निरन्तर राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कार व उपलब्धियां प्राप्त करता आ रहा है। भिलाई के कर्मवीरों ने अपने इनोवेटिव कार्यों से पूरे देश में एक अलग पहचान बनाने में सफलता हासिल की है। संयंत्र के एक ऐसे ही कर्मवीर है सेफ्टी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष तथा कार्यकारी मुख्य महाप्रबंधक जी पी सिंह। इनको ए सिस्टम फॉर कंट्रोलिंग एंड मैनेजिंग बर्नर ऑपरेशन इन सिंटर प्लांट के डिजाइन व क्रियान्वयन के अभिनव प्रयास के लिए पेटेंट अधिनियम 1970 के तहत इस आविष्कार को भारत सरकार के इटेलैक्चुअल प्रॉपर्टी इंडिया के पेटेंट ऑफिस द्वारा पेंटेंट प्रदान किया गया। जिसकी पेटेंट संख्या 370951 है। यह पेटेंट 20 वर्षों के लिए प्रदान किया जाता है। इस प्रकार जी पी सिंह ने अपने क्रिएटिव कार्यों के लिए पेटेंट प्राप्त कर सेल एवं भिलाई इस्पात संयंत्र का नाम रोशन किया है।
इस इनोवेटिव कार्य से संयंत्र को अनेक लाभ प्राप्त हुए हैं। इस नवोन्मेषी विधि की मदद से जहाँ सयंत्र की दक्षता और सुरक्षा में सुधार हुआ है। वहीं मशीन डाउन टाइम को कम करने में तथा लागत बचाने में मदद मिली है। इससे माप और नियंत्रण की विश्वसनीयता बढ़ी और मनुष्य और उपकरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकी है।
विदित हो कि जी पी सिंह ने आईआईटी चेन्नई से इलेक्ट्रानिक्स में बी.टेक करने के साथ ही एमबीए (फायनेंस) में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर चुके है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में श्री सिंह के नाम 2 कॉपीराइट तथा 3 पेटेंट दर्ज है। अब तक उन्होंने जापान, चीन तथा भारत में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय क्वालिटी सर्कल प्रतिस्पर्धा में भाग लेकर संयंत्र का नाम रोशन किया है। साथ ही श्री सिंह ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों में 15 से अधिक तकनीकी पेपरों की प्रस्तुति की है।
इनके इनोवेटिव कार्य के लिए प्राप्त इस पेटेंट के लिए श्री सिंह को भिलाई इस्पात संयंत्र के डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता, ईडी (वक्र्स), अंजनी कुमार सहित भिलाई की इस्पात बिरादरी ने बधाई दी।



Share

Leave a Reply