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रायपुर कलेक्टर और एसएसपी को हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस...जानिये क्या है मामला

रायपुर कलेक्टर और एसएसपी को हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस...जानिये क्या है मामला
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 बिलासपुर। नागरिक समिति की अवमानना याचिका पर रायपुर कलेक्टर और एसएसपी को नोटिस जारी किया गया है। ध्वनि प्रदूषण मामले में नियमों का सही ढंग से पालन नहीं करने को लेकर छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति की तरफ से बिलासपुर हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका दायर की थी।

रायपुर शहर में प्रतिबंध के बावजूद गाड़ियों में बड़े-बड़े स्पीकर लगाकर बज रहे धुमाल डीजे के मामले में छत्तीसगढ़ नागरिक समिति ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई। याचिका की सुनवाई में न्यायमूर्ति पी. सेम कोशी और न्यायमूर्ति पी.पी.साहू की युगल पीठ ने दोनों अधिकारियों के विरुद्ध नोटिस जारी किया है। समिति की तरफ से अधिवक्ता सूर्या डांगी ने पक्ष रखा।

क्या अवमानना हुई

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पूर्व में नितिन सिंघवी द्वारा दायर याचिका में कोर्ट ने आदेशित किया था कि था कलेक्टर और एसपी यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी वाहन पर साउंड बॉक्स रख कर ना बजे. गाड़ियों पर साउंडबॉक्स रखकर डीजे बजाने पर साउंड बॉक्स जप्त करना है और बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के उन्हें नहीं छोड़ा जाना है. साउंड बॉक्स मिलने पर वाहन का रिकॉर्ड रखा जाए. दूसरी बार उसी गाड़ी पर साउंड बॉक्स बजाये जाने पर उस वाहन का परमिट निरस्त किया जावे और बिना उच्च न्यायलय के आदेश के कोई नया परमिट जारी नहीं किया जाये।

नहीं करते आयोजकों के खिलाफ कार्यवाही

पूर्व में दायर की गई जनहित याचिका में कोर्ट ने आदेशित किया था कि अगर कोई आयोजक पुलिस द्वारा मना करने के बावजूद भी डीजे बजाना बंद नहीं करता तो ध्वनि विस्तारक यंत्र जप्त करना है तथा उस आयोजक के विरुद्ध हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करना है। याचिका में बताया गया कि पुलिस ध्वनि विस्तारक यंत्र जप्त कर लेती है परंतु आयोजकों के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर नहीं करती। गत वर्ष राखी थाना और पुरानी बस्ती थाना में पुलिस द्वारा मना करने के बावजूद भी डीजे बजाया गया। इस साल भी कई प्रकरण हुए, गणेश उत्सव के दौरान 3 सितंबर की रात को शंकर नगर चौक पर गणेश उत्सव समिति द्वारा बजाए जा रहे डीजे को जप्त किया गया परंतु आयोजकों के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका नहीं दायर की गई। पूर्व में दायर की गई जन हित याचिका में कोर्ट द्वारा कई निर्देश दिए गए थे पर आदेश के बावजूद सडकों पर धुमाल डी.जी बजते है। गणेश उत्सव के दौरान पांच दिन सडकों पर रात दिन धुमाल-डी.जी बजते रहे।

पहले भी की गई है अवमानना याचिका द्दायर

समिति ने सडकों पर बज रहे डी जी धुमाल और कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने के कारण पहले भी अवमानना याचिका द्दायर की थी। इससे पहले अधिवक्ता व्यास मुनि द्विवेदी ने भी अवमानना याचिका द्दायर की थी। कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने अंडरटेकिंग दी थी की वो कोर्ट के आदेश का अक्षरतः पालन करवाएंगे, परन्तु कोर्ट के आदेश की अवमानना की गई। गणेश उत्सव के दौरान पुलिस की मनाही के बावजूद, पुलिस की मौजूदगी में ही सैकड़ों की संख्या में धुमाल डीजे बजे।

इससे पहले इसी मामले में 7 अप्रैल को कोर्ट ने राज्य को पालिसी बनाने और ध्वनि प्रदूषण पर शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर जारी करने के निर्देश दिये थे। कोर्ट ने कहा था कि ध्वनि प्रदूषण को लेकर कोर्ट के पूर्व आदेश का अक्षरस पालन किया जाये।

पूर्व कलेक्टर और एसपी द्वारा दिए गए वचन पत्र को नए कलेक्टर और एसपी को समिति सोपे

कोर्ट ने नोटिस जारी करने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति को आदेशित किया है कि वह पूर्व में दायर की गई अवमानना याचिका में रायपुर कलेक्टर और एसपी द्वारा दी गई अंडरटेकिंग की प्रति कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक सौपे जिसमे अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश का शबत: पालन करवाने की अंडरटेकिंग दी गई थी।गणेश विसर्जन के दौरान महिलाएं फोन कर सहयोग मांगती रहे।

समिति के डॉ राकेश गुप्ता ने चर्चा में बताया की गणेश विसर्जन के दोनों दिन उन्हें कई गर्भवती महिलायें फ़ोन कर डीजे की ध्वनि से छुटकारा पाने के लिए सहयोग मांगती रहीं। महिलाएं कहती रही की पुलिस खड़ी है पर कुछ नहीं कर रही। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने समिति के सदस्यों से चर्चा की तथा शीघ्र ही अवमानना याचिका दायर की।पुलिस कर देती है 121 में फोन करने वाले का नाम उजागर।

डॉ गुप्ता ने बताया कि डीजे के लिए जारी किए गए नंबर और 121 में फोन करने पर आयोजकों को पुलिस शिकायतकर्ता का नाम बता देती है। जिससे बाद में आयोजकों द्वारा शिकायतकर्ता को परेशान किया जाता है। शहर में कई शिकायतकर्ता इसी कारण से परेशान किए गए। इस कारण से आम जनता ने 121 में शिकायत करना बंद कर दिया है। दीनदयाल नगर के ऐसे ही एक प्रकरण में एक महिला द्वारा पुलिस को फोन करने पर पुलिस ने डीजे बजवाने वाले आयोजकों को महिला का नाम बता दिया, जिसके बाद महिला को परेशान किया गया तथा उसके घर के सामने दूसरे दिन थाली बजाई गई। याचिका में यह तथ्य भी कोर्ट को बताया गया।

पुलिस द्वारा ज्यादा स्तर पर ध्वनि प्रदूषण की अनुमति दी गई

याचिका में बताया गया की साइलेंस जोन में अर्थात अस्पताल स्कूल के आसपास दिन के समय 50 डेसिबल से अधिक ध्वनि नहीं निकलनी चाहिए परंतु पुलिस द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी करके साइलेंट जोन में 60 डेसीबल तक डीजे बजाने की अनुमति दी गई जो कि नाइस रूल्स के विरुद्ध है।कैमरे के डाटा सुरक्षित रखे।

समिति की तरफ से याचिका में बताया गया है कि उन्होंने कलेक्टर व एसपी को लिखित में निवेदन किया है कि गणेश विसर्जन के दौरान गाड़ियों में बजाए गए धुमाल-डीजे की सड़कों में लगे कैमरा से ली गई फोटो के डाटा को सुरक्षित रखवाया जावे ताकि उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा सके।



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