सूचना आयोग ने खनिज अधिकारी पर लगाया डेढ़ लाख का जुर्माना
रामानुजगंज । जिले में सूचना के अधिकार को लेकर अधिकारी किस तरह लापरवाह है यह बात तब पता चली जब राज्य सूचना आयोग ने जिले के सहायक खनिज अधिकारी को 145000/-रुपए का अर्थदंड का आदेश पारित की। अफसोस की बात यह है कि केंद्र में जब कांग्रेस की शासन थी तब उसी के शासनकाल में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 लागू किया गया था। लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी इसका सही तरीके से पालन न होना कई संदेशों को जन्म देता है। आरटीआई कार्यकर्ता सह अधिवक्ता डी के सोनी ने जन सूचना अधिकारी कार्यालय सहायक खनिज अधिकारी बलरामपुर में बारी-बारी से कुल 13 आवेदन पत्र प्रस्तुत कर जिले के रेत खदानों के आंबटन सहित धनवार खनिज बैरियर में इंद्राज होने वाले रजिस्टर की जानकारी चाही गई थी। जिसे समय पर नहीं दिया गया। जानकारी के लिए प्रथम अपील की गई, जहां से अधिकारी द्वारा आदेश पारित करने के बाद भी उन्हें जानकारी नहीं मिली। तत्पश्चात उक्त मामले को लेकर राज्य सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील प्रस्तुत की गई। आयोग द्वारा द्वितीय अपील की सुनवाई करते हुए पारित आदेश में जन सूचना अधिकारी कुमार मंडावी सहायक खनिज अधिकारी बलरामपुर को 145000/-रुपए कि अर्थदंड से दंडित करते हुए कर्तव्यों के निर्वहन में शिथिलता बरतने के लिए अधिनियम की धारा 20(2) के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए (विभाग प्रमुख) संचालक, भौमिकी एवं खनिकर्म, छत्तीसगढ़ इंद्रावती भवन नवा रायपुर अटल नगर जिला रायपुर को अनुशंसा करने हेतु पत्र लिखा गया। साथ ही आधिरोपित अर्थदंड राशि की वसूली उनके वेतन से कर शासन के कोष में जमा करने को कहा गया है। उक्त पारित आदेश की कॉपी कलेक्टर बलरामपुर कार्यालय को भी भेजा गया है।