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नन्हीं रिया की चहल कदमी से रौनक है एनआरसी

नन्हीं रिया की चहल कदमी से रौनक है एनआरसी
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जांजगीर-चांपा । जिला अस्पताल जांजगीर के एनआरसी (पोषण पुनर्वास केन्द) में भर्ती ग्राम सेंदरी-नवागढ़ की 17 माह की नन्ही रिया की चहल कदमी आसपास के लोगों को सहज आकर्षित करती है। नन्ही रिया की मां ने बताया कि गंभीर कुपोषित होने के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सलाह से रिया को आठ दिन पूर्व पोषण पुनर्वास केंद्र जांजगीर (एनआरसी) में भर्ती कराया गया है। इन आठ दिनों में समुचित उपचार और पौष्टिक आहार से रिया के वजन में 200 ग्राम की वृद्धि हुई है। वह अन्य भर्ती बच्चों के साथ खेलती है और उसकी मासूम शरारतों से लोग सहज ही आकर्षित हो रहे हैं। एनआरसी के रिपोर्ट के अनुसार भर्ती के समय रिया का वजन 7.420 किलोग्राम था, आठ दिन बाद अब 7.66 किलोग्राम है। वह अब पहले की तरह सुस्त नहीं रहती। खूब खेलती है और खाने में भी उसकी रूचि बढ़ गई है। चिकित्सकों की ओर से रिया सहित यहां भर्ती बच्चों का प्रतिदिन स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। बच्चों के खेलने के लिए खिलौने और अभिभावकों के मनोरंजन के लिए टीव्ही की व्यवस्था है। एनआरसी के सभी दस बेड में गंभीर कुपोषित बच्चो को भर्ती कर समुचित उपचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत कुपोषित बच्चों का समुचित उपचार कर समान्य श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार की ओर से समुचित प्रबंध किया गया है। गंभीर कुपोषित बच्चों के उपचार के लिए अस्पताल में पोषण पुनर्वास केन्द्र की व्यवस्था की गई है। यहां बच्चों के स्वास्थ पर सतत निगरानी करते हुए उन्हें पौष्टिक आहार और आवश्यक दवाईयां दी जाती है। इसके अलावा भर्ती के समय ब्लड सेम्पल जांच कर हिमोग्लोबिन तथा अन्य संभावित रोगों की जांच की जाती है। जांच उपरांत शिशु रोग विशेषज्ञ के मार्ग दर्शन में उपचार और न्यूट्रीशियन की सलाह से पौष्टिक आहार दिया जाता है। बच्चों के साथ भर्ती अभिभावक मां को भी पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जाता है। घर पर उपलब्ध समाग्री से पौष्टिक आहार तैयार करने का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। बच्चों की समुचित देखभाल और स्वच्छता के संबंध में भी अभिभावक माताओं को जागरुक किया जाता है।
 



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