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अधिकारी विभागीय समन्वय के साथ योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन करें : कलेक्टर

अधिकारी विभागीय समन्वय के साथ योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन करें : कलेक्टर
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गरियाबंद। जिले के पांच विकासखण्ड में सात गौठान को मॉडल गौठान के रूप में विकसित किया जायेगा। इनमें गौठान की गतिविधियों के अलावा विभागीय योजनाओं की क्रियान्वयन के साथ अलग से पहचान बनाई जायेगी। मत्स्य, पशुपालन और वन विभाग द्वारा 1-1 गौठान में तथा उद्यानिकी एवं जिला पंचायत द्वारा 2-2 गौठान को विभागीय गतिविधियों से विकसित किया जायेगा। कलेक्टर प्रभात मलिक ने आज कृषि, पशुपालन, मछलीपालन, उद्यानिकी, क्रेडा, मंडी बोर्ड, रेशम और कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा संचालित योजनाओं की विभागवार समीक्षा करते हुए अधिकारियों को विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन कर गौठान को मॉडल स्वरूप प्रदान करने के निर्देश दिये। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रोक्तिमा यादव, सभी जनपद सीईओ और संबंधित विभाग के अधिकारी तथा विभागीय मैदानी अमला मौजूद थे।

कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि जिला एवं विकासखण्ड स्तर के अधिकारी विभागीय समन्वय के साथ जिले में शासन की योजनाओं का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी जनपद सीईओ को नए स्वीकृत गौठान के लिए जगह चिन्हांकित कर गौठान निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण करने तथा जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत में गोधन न्याय योजना के तहत गौठान में गोबर खरीदी प्रारंभ करने निर्देशित किया है। उन्होंने गौठान का जी-मैप, जिओ-टैग व स्टॉक एन्ट्री पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। समीक्षा के दौरान उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को गौठानों में बाड़ी विकास तथा मैनपुर विकासखण्ड में जिडार और देवभोग विकासखण्ड के नवागांव में चिन्हित स्थानों पर उद्यानिकी नर्सरी विकासित करने निर्देशित किया।

पशुपालन विभाग के अधिकारियों को ग्राम पंचायतवार पी.आई.डल्ब्यू प्रशिक्षण तथा गौठान में सक्रिय समूह को विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करने, चिन्हांकित गौठान में हेचरी निर्माण एवं अन्य विभागीय गतिविधियाँ गौठान में प्रदर्शित करने निर्देशित किया। मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी व अद्यतन प्रगति की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारी को प्रत्येक विकासखण्ड के दो गौठान में मत्स्य विभाग के योजना अंतर्गत तालाब निर्माण कर गौठान से जुड़े समूह को मत्स्य पालन हेतु प्रोत्साहित करने के निर्देश दिय। क्रेडा द्वारा संचालित योजना अंतर्गत जहां सौर ऊर्जा चलित बैटरी डाउन के कारण सिस्टम फेल है, इसे पुनः रिचार्ज करने नये बैटरी की व्यवस्था हेतु क्रेडा के अधिकारी को निर्देशित किया। साथ ही सभी जनपद सीईओ को सौर सिस्टम फैल होने संबंधी सूची क्रेडा विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। समीक्षा के दौरान रेशम विभाग के अधिकारी ने अवगत कराया कि जिले के लोहरसी, कौंदकेरा, किरवई और रावड़ कोसा उत्पादन केन्द्र में टसर व मलबरी कोसा का उत्पादन किया जा रहा है।

गरियाबंद विकासखण्ड के मालगांव में नया कोसा उत्पादन सेंटर विकसित किया गया है। कृषि विभाग के समीक्षा के दौरान जिले में खाद, बीज की उपलब्धता, गोधन न्याय योजना अंतर्गत गोबर खरीदी, गौठान में प्रसंस्करण इकाई की प्रगति व मल्टी एक्टीविटी केन्द्र, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन और धान के बदले अन्य फसल की जानकारी लेते हुए अधिकारियों से कहा कि धान के बदले अन्य फसल लेने वाले कृषकों का पंजीयन धान फसल के लिए न होने पाये, अधिकारी सतर्क रहे। मक्का फसल हेतु पंजीयन बढ़ाई जाए। वर्तमान में अन्य फसल पैदावारी हेतु 1750 हेक्टेयर पंजीयन हुई है, इसे 4000 हेक्टेयर तक पंजीयन बढ़ाई जाए। कलेक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारियों से कहा कि जिले के कोई भी किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, धान के बदले अन्य फसल परिवर्तन योजना और किसान क्रेडिट कार्ड योजना से वंचित न होने पाये। अधिकारी उक्त योजनाओं के जिले में बेहतर क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देवे।

कलेक्टर ने जिले में विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में आ रही दिक्कतें एवं समस्याओं की विभागवार जानकारी लेकर इनका समाधान भी किया। वन मण्डलाधिकारी मंयक अग्रवाल ने विभाग द्वारा बनाये गये आवर्ती चराई गौठान निर्माण प्रक्रिया के संबंध में अधिकारियों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने गौठान निर्माण में मूलभूत आवश्यकताओं पर फोकस करते हुए शेष निर्माण की गतिविधियां पूर्ण कराई जाने की बाते कही।



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