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धान और मक्का बिक्री के लिए पुराने पंजीकृत किसानों को नहीं कराना पड़ेगा नया पंजीयन

धान और मक्का बिक्री के लिए पुराने पंजीकृत किसानों को नहीं कराना पड़ेगा नया पंजीयन
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कोरबा | खरीफ  वर्ष 2020-21 में धान और मक्का बेचने के लिए पुराने पंजीकृत किसानो को फिर से पंजीयन कराने समिति में आने की आवश्यकता नहीं है। जिन किसानों ने खरीफ  वर्ष 2019-20 में धान और मक्का बेचने का पंजीयन करा लिया था, उन्हें नए पंजीयन की जरूरत नहीं है। पिछले सीजन में पंजीकृत किसानों की दर्ज भूमि, धान और मक्के के रकबे और खसरे को राजस्व विभाग द्वारा अद्यतन किया जाएगा।

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खरीफ  वर्ष 2020-21 में किसान पंजीयन के लिए पिछले वर्ष 2019-20 में पंजीकृत किसानों का डाटा कैरी-फॉरवर्ड किया जाएगा। धान और मक्का बेचने के इच्छुक नए किसान 17 अगस्त से 31 अक्टूबर तक पंजीयन के लिए आवेदन कर सकते हैं। धान-मक्का बेचने वाले नए किसान पंजीयन के लिए संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। पुराने पंजीकृत किसान अपने पंजीयन में संशोधन कराना चाहते हैं तो समिति मॉड्युल के माध्यम से संशोधन करने की सुविधा प्रदान की जायेगी। 

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राज्य शासन के खाद्य विभाग के अनुसार नये किसानो को पंजीयन के लिए समिति से आवेदन प्राप्त कर निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर संबंधित दस्तावेजों के साथ तहसील कार्यालय में जमा करना होगा। आवेदन में उल्लेखित भूमि, धान-मक्का के रकबे एवं खसरे का पटवारी द्वारा राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन के लिए राजस्व विभाग के भुईयां डाटा बेस का भी उपयोग किया जाएगा। संबंधित रिकॉर्ड को तहसीलदार के द्वारा परीक्षण करने के बाद नये किसान का पंजीयन किया जाएगा। पंजीयन के दौरान सभी किसानों का आधार नंबर उनकी सहमति से दर्ज किया जाएगा। आधार नंबर नहीं होने के कारण किसी भी किसान को पंजीयन से वंचित नहीं किया जाएगा।
 


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