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मुख्यमंत्री की संवेदनशील पहल से बेसहारा बच्चों का संवरेगा बेहतर भविष्य-चंद्राकर

 मुख्यमंत्री की संवेदनशील पहल से बेसहारा बच्चों का संवरेगा बेहतर भविष्य-चंद्राकर
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महासमुंद। संसदीय सचिव व विधायक चंद्राकर ने कहा कि कोरोना से माता-पिता खो देने वाले बच्चों की पढ़ाई का खर्च छत्तीसगढ़ सरकार उठाने के साथ ही उन्हें छात्रवृृृत्ति भी देगी। कोविड के खिलाफ लड़ाई के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया है, जो कोविड पीड़ितों के कुछ आंसू पोंछ सकेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशील पहल से बेसहारा बच्चों का भविष्य बेहतर रूप से संवर सकेगा।


संसदीय सचिव चंद्राकर ने कहा कि कोविड के निर्मम प्रहार के चलते जिन बच्चों का सब कुछ छीन गया है, अब छत्तीसगढ़ सरकार उनका संबल बनने जा रही है और न केवल उनकी शिक्षा का दायित्व उठायेगी बल्कि उनके भविष्य को संवारने की हर संभव कोशिश भी करेगी। सरकार की इस संवेदनशील पहल को अमली जामा पहनाया जाएगा छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के माध्यम से। यह योजना इस वित्तीय वर्ष से लागू की जाएगी। चंद्राकर ने कहा कि ऐसे बच्चे जिन्होंने अपने माता-पिता को इस वित्तीय वर्ष के दौरान कोरोना के कारण खो दिया है, उन की पढ़ाई का पूरा खर्च अब छत्तीसगढ़ सरकार उठाएगी। साथ ही पहली से आठवीं तक के ऐसे बच्चों को 500 रुपय प्रतिमाह और 9 वीं से 12 वीं तक के बच्चों को 1000 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति भी राज्य सरकार ने दी जाएगी।

शासकीय अथवा प्राईवेट किसी भी स्कूल में पढ़ाई करने पर ये बच्चे इस छात्रवत्ति के लिये पात्र होंगे। इसके साथ ही राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया गया है ऐसे बच्चे जिनके परिवार में रोजी-रोटी कमाने वाले मुख्य सदस्य की मृत्यु कोरोना से हो गई है, तो उन बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था भी राज्य सरकार करेगी। संसदीय सचिव चंद्राकर ने कहा कि राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया गया है, कि यदि ये बच्चे राज्य में प्रारंभ किए गए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रवेश के लिए आवेदन देते हैं तो उन्हें प्राथमिकता से प्रवेश दिया जायेगा और उनसे किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाएगी। कोरोना महामारी ने न जाने कितने घरों में अंधेरा कर दिया है और न जाने कितने बच्चों के सिर से उनके मा-बाप का सहारा छीन लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के जरूरतमंदों को हर तरह का सहारा मुहैया कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री की यह संवदेनशील पहल इन बेसहारा बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण में काफी सहायक होगी।



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