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बड़ी खबर दुर्ग : कोरोना पॉजीटिव मरीज की मृत्यु के उपरांत परिजनों से शंकराचार्य इंस्ट्टियूट ऑफ मेडिकल साइंस ने की लाखों की वसूली

बड़ी खबर दुर्ग : कोरोना पॉजीटिव मरीज की मृत्यु के उपरांत परिजनों से शंकराचार्य इंस्ट्टियूट ऑफ मेडिकल साइंस ने की लाखों की वसूली
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भिलाई | कोरोना काल में आपदा को अवसर में बदलने में निजी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थान कोई कमी नहीं कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार श्री शंकराचार्य इंस्ट्टियूट ऑफ मेडिकल सांईन्सेस हास्पिटल्स जुनवानी भिलाई ने स्व. श्रीमती कमला दुबे भिलाई निवासी जो तीन दिन पूर्व कोरोना पॉजीटिव मरीज के रूप में भर्ती हुई थी । उनके परिजन अल्का दुबे से अग्रिम राशि प्रथम बार 50 हजार रूपये एवं कमला दुबे की मृत्यु की उपरांत 78 हजार रूपये कुल जमा 1,28,000 रूपये की वसूली कर शासन के द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया। 

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा बी केटेगरी के शहरों के लिए जिनमें दुर्ग जिला भी शामिल है में चिकित्सा के दौरान प्रतिदिन केवल 1700 रूपये मरीज के परिजनों से लेने का प्रावधान है जबकि शंकराचार्य हास्पिटल के आईपीडी विभाग द्वारा चिकित्सा प्रशासक की जानकारी के बाद भी उक्त वसूली अवैधानिक है। अल्का दुबे के अनुसार जो उन्हें रसीद प्रदान की गई है। उक्त रसीद क्रमांक 180280 दिनांक 01 फरवरी को डॉ. के कालम में कोविड-यूनिट लिखकर गुमराह किया गया है। जबकि उक्त कालम में कोरोना चिकित्सक का नाम दर्ज किया जाना था। शासन के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए शंकराचार्य हास्पिटल प्रबंधन द्वारा गरीब गार्ड की पत्नी की मृत्यु पर जिस तरह से मानवीय मूल्यों को ताक में रखकर वसूली की गई है वह बेहद शर्मनाक है। 
ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस कोविड-19 के पॉजीटिव मरीजों से शासकीय-अशासकीय चिकित्सा संस्थानों द्वारा संवेदना के साथ इलाज किये जाने के निर्देश दिए गए थे। किन्तु प्रदेश मेंं निजी चिकित्सा संस्थानों में जिस तरह से पैसा लाओ और लाश ले जाओं का शर्मनाक तमाशा किया जा रहा है। वह मानवीयता की सीमा से परे है। 
 
हो सकती है मान्यता रद्द-
उक्त सम्पूर्ण मामले में आरएनएस प्रतिनिधि द्वारा राज्य के नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष पाण्डेय से चर्चा करने पर डॉ. पाण्डेय ने कहा कि उक्त मामले में मृतका के परिजनों द्वारा उनके उच्च विश्राम गृह सिविल लाईन्स रायपुर स्थित कार्यालय में समस्त दस्तावेजों के साथ शिकायत किये जाने पर टीम भेजकर मामले की जांच कराई जाएगी। दोषी पाये जाने पर संबंधित चिकित्सा संस्थान के खिलाफ शासन सख्त कार्यवाही करेगा। 
डॉ. सुभाष पाण्डेय 
नोडल अधिकारी 
कोरोना वायरस सेल 
 


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