आदिवासियों को भडकाने का प्रयास नहीं करना चाहिए - भूपेश बघेल
जगदलपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने दो दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुकमा, कटेकल्याण और नारायणपुर में आदिवासियों के उग्र विरोध के सवाल पर कहा कि यदि बस्तर के आदिवासी किसी बात से नाराज हैं तो उन्हें प्रजातांत्रिक तरीके से अपना विरोध प्रकट करना चाहिए, ना कि कलेक्ट्रेट कार्यालय में घुसकर तोडफ़ोड़ करनी चाहिए।
उन्होने कहा कि बस्तर में नक्सली घटनाओं में कमी आयी है। कुछ ऐसे लोग और संगठन आदिवासियों को भडकाने की प्रयास कर रहे हैं, आग में घी डालने काम किसी को नहीं करना चाहिए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में चल रहे वन कर्मचारियों के हड़ताल को गलत बताते हुए कहा कि यदि कर्मचारियों को किसी प्रकार की दिक्कत है तो उन्हें अपने उच्च अधिकारियों से बातचीत करके सुलझा लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने विधायकों पर नाराजगी के सवाल पर कहा कि कोरोना काल की वजह से प्रदेशभर के जनप्रतिनिधि और खासकर बस्तर के जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के दौरे पर नहीं पहुंच पाते थे। अब कोरोना वायरस का खतरा नियंत्रण में होने के बाद लगातार क्षेत्र के जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र में पहुंचकर जनता की समस्या सुनेंगे।
बस्तर के महाराजा प्रवीणचंद्र भंजदेव के मामले पर कहा कि पिछले 15 साल तक भाजपा के रमन सिंह सोए हुए थे, और जब बस्तर से बीजेपी पूरी तरह खाली हो चुकी है, तब उन्हें प्रवीरचंद्र भंजदेव की याद आ रही है। उन्होने बीजेपी की प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी के लगातार बस्तर दौरे को लेकर कहा कि पुरंदेश्वरी छत्तीसगढ़ के नेताओं की उपेक्षा करते नजर आ रहीं हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की है। जिनमें बस्तर नगर पंचायत के 02 गांव को ग्राम पंचायत बनाने की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है। साथ ही बस्तर में नए तहसील और अनुविभाग बनाने की भी घोषणा की है।