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ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट, फिटनेंस व रजिस्ट्रेशन सहित अन्य कार्यों की वैधता 31 दिसबंर तक बढ़ा

 ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट, फिटनेंस व रजिस्ट्रेशन सहित अन्य कार्यों की वैधता 31 दिसबंर तक बढ़ा
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महासमुंद। कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्री द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट, फिटनेंस व रजिस्ट्रेशन सहित अन्य दस्तावेजों की वैधता बढ़ा दी गई है। अब सभी दस्तावेजों की वैधता 31 दिसंबर तक है। इससे लाइसेंस बनाने वाले लोगों को काफी राहत मिलेगी, लेकिन महासमुंद जिले में आदेश नहीं पहुंचने के कारण यहां वैधता नहीं बढ़ी है, इसलिए कोरोना काल में भी लोग लाइसेंस व अन्य दस्तावेज बनाने के लिए दफ्तर पहुंच रहे हैं। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

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क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मोहन साहू ने बताया कि वैधता बढऩे की जानकारी मिली है, लेकिन आदेश नहीं पहुंचा है। जैसे ही आदेश आएगा, लोगों को राहत दी जाएगी। कोरोना संक्रमण के कारण दफ्तर में भीड़ न हो इसलिए कम लोगों को बुलाकर दस्तावेजों का निराकरण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 31 जुलाई के बाद जिनके दस्तावेजों की वैधता समाप्त हो गई है वे परिवहन कार्यालय पहुचंकर उनकी वैधता बढ़ाने में लगे हैं, लेकिन कोरोना के कारण उन्हें ऑनलाइन स्लॉट नहीं मिल पा रहा है, इसलिए वे दफ्तर में लाइसेंस नहीं बनाया पा रहे हैं, एवं अन्य काम भी तेजी से नहीं हो पा रहा है। इसके कारण लोग वैधता को लेकर परेशान है।


दो बार बढ़ी थी लॉकडाउन के दौरान वैधता-
कोरोना संक्रमण के चलते 23 मार्च से प्रदेश में लॉकडाउन किया गया था। इसके साथ ही सारे सरकारी दफ्तर बंद हो गए थे। 23 मार्च के बाद जिनकी दस्तावेजों की समय सीमा समाप्त हो गई थी। उनके लिए 30 जून तक वैधता बढ़ाई गई थी। जून के बाद दफ्तर खुलने लगे, लेकिन काम-काज के चलते संक्रमण न बढ़े इसलिए दस्तावेजों की समय-सीमा 31 जुलाई तक फिर से बढ़ाई गई थी। 31 जुलाई के बाद भी संक्रमण के चलते दफ्तरों में लोग पहुंच नहीं रहे है, लेकिन पेनाल्टी लगने की चिंता सता रही है। वहीं स्थाई लाइसेंस बनाने वाले भी परेशान है। क्योंकि उन्हें ऑनलाइन स्लॉट नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान में पुराने ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए जिन्हें स्लाट मिला है, उनकी बारी-बारी से लाइसेंस बनाया जा रहा है। प्रतिदिन 60 से 70 लोगों को ही बुलाया जा रहा है। जबकि सामान्य दिनों में 200 लोगों को लाइसेंस बनाने के लिए दफ्तर बुलाया जाता था।  


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