केटीयू के 25 छात्र अंतर्राष्ट्रीय संचार फेस्ट के लिए चयनित
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के 25 छात्र अंतरराष्ट्रीय साइंस फेस्ट के लिए जाएंगे कोलकाता
अंतरराष्ट्रीय मंच पर होंगे एपीआर विभाग के छात्रों का दल
कोलकाता में 5-8 नवम्बर तक होगा अंतरराष्ट्रीय साइंस फेस्ट का आयोजन
रायपुर - कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के छात्रों का चयन भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान उत्सव का वार्षिक आयोजन (annual India International Science Festival (IISF) के लिए किया है, जो कोलकाता में 5 से 8 नवंबर को किया होगा। इस बार उत्सव की थीम ‘रिसर्च, इनोवेशन ऐंड साइंस इंस्पायरिंग द नेशन’ (राइजेन इंडिया) रखी गई है। इस आयोजन का उद्देश्य भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति की उपलब्धियों को दर्शाना है, जिसमें वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों से लेकर शिल्पकार, पत्रकार, किसान, छात्र और नवाचारियों की भागीदारी प्रमुख रूप से होगी। यह कार्यक्रम विज्ञान के प्रति युवाओं को आकर्षित करने और विज्ञान को लोकप्रिय बनाने की दिशा में काम करने वाले हितधारकों की नेटवर्किंग को बढ़ावा देने की भी कोशिश करेगा। इन छात्रों को कई रोचक विज्ञान संचार गतिविधियों में शामिल होने और वैज्ञानिकों से बातचीत करने का अवसर मिलेगा।
विज्ञान उत्सव से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कोलकाता में पांच स्थानों पर आयोजित किया जाएगा, जिसमें बिस्वा बांग्ला कन्वेंशन सेंटर, साइंस सिटी, सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, बोस इंस्टीट्यूट और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल बायोलॉजी शामिल हैं। वर्ष 2015 में शुरू हुए विज्ञान उत्सव का यह पांचवा संस्करण है, जिसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर केंद्रित 28 अलग-अलग गतिविधियां शामिल होंगी। युवा वैज्ञानिक सम्मेलन इस कार्यक्रम का एक अन्य महत्वपूर्ण घटक होगा, जिसमें 1500 से अधिक युवा वैज्ञानिकों के शामिल होने की उम्मीद है। यहां इन वैज्ञानिकों को विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों से मिलने, अपने शोध पत्र और पोस्टर प्रस्तुत करने का मौका मिल सकता है। इस बीच प्रदर्शनियां भी आयोजित की जाएंगी, जिनमें भारत के वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय कौशल को दर्शाया जाएगा। सबसे प्रमुख एक्सपो साइंस सिटी में होगा। पुस्तक मेला और विज्ञान साहित्य उत्सव इस चार दिवसीय मेले का हिस्सा होंगे। देश के वैज्ञानिक विकास को आकार देने में महिला वैज्ञानिकों और उद्यमियों की भूमिका को उजागर करने के लिए एक कॉन्क्लेव भी आयोजित किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ आनंद शंकर बहादुर ने कहा की विश्वविद्यालय के 28 छात्रों का चयन अतिथि प्राध्यापक श्री व्योमकेश पाण्डेय और डॉ धनेश जोशी के अथक प्रयासों और मार्गदर्शन से संभव हो सका. छात्रों और अतिथि प्राध्यापकों का कार्यक्रम के लिए चयन होना हमारे संस्थान के लिए गर्व की बात है. विज्ञान संचार के क्षेत्र में हो रहे शोध और नवाचार के जरिये देश को मजबूत बनाने की तस्वीर को पैदा करने में आईआईएसएफ के साथ मददगार साबित होंगे. अतिथि प्राध्यापक व्योमकेश पाण्डेय ने बताया कि साहित्य के माध्यम से विज्ञान को जानने की अनूठी पहल के तहत सांइस लिटरेचर फेस्ट’ और ‘सांइस फिल्म फेस्ट’ भी आयोजित किये गये हैं। विज्ञान संचार से जुड़े साहित्य महोत्सव में चार अहम कार्यक्रम, विज्ञान मंथन, विज्ञान संपादन, विज्ञान मंचन और विज्ञान प्रकाशन का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि महोत्सव में पहली बार विज्ञान एवं तकनीक पर आधारित मीडिया सम्मेलन आयोजित किया गया है। इसमें देश विदेश के पत्रकारों एवं संचार के अन्य माध्यमों से जुड़े विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। इसका मकसद विज्ञान से जुड़े विषयों को संचार के विभिन्न माध्यमों से लोगों के करीब ले जाने के तरीकों पर मंथन करना है। छात्रों के चयनित होने पर विश्वविद्यालय के कुलपति जी.आर चुरेंद्र, कुलसचिव डॉ आनंद शंकर बहादुर, विज्ञापन एवं जनसम्पर्क अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आशुतोष मंडावी, डॉ धनेश जोशी ने शुभकामनाएं दी. डॉ मंडावी ने बताया कि हमारे विभाग के छात्रों की प्रतिभा और लगन को देखते हुए छात्रों को हमेशा से ही इस तरह के कार्यक्रम में जाने के लिए प्रेरित करते रहते हैं. इन छात्रों के मार्गदर्शन के लिए अतिथि प्राध्यापक व्योमकेश पाण्डेय और श्रीमती चैताली पाण्डेय साथ में रहेंगे. विज्ञापन एवं जनसंचार अध्ययन विभाग की छात्रा आकांशा घिलहरे, शिवानी चावड़ा, पूजा कोटवार, अर्चना पाल, मुकुंद शर्मा, अमिताभ शर्मा, चिरंजीवी, चंद्रकिशोर, स्नेहिल सराफ, गौरव राय,दुर्गेश शर्मा, जयेश, विजयलक्ष्मी, लीना साहू, नुसरत, आयुषी, यशवंत साहू, सुप्रिया कुमारी, डिम्पल-करण, सुधीर साहू, दामिनी, तोरण, लाकेश्वर कार्यक्रम में शामिल होंगे.
छात्रों का कहना है.
1. आईआईएसएफ में जाने के लिए हम बहुत उत्साहित हैं, धनेश सर के प्रयास से ही हमारा जाना सुनिश्चित हुआ है जो हमारी जिज्ञासाओं को नई उर्जा प्रदान करता है.
शिवानी चावड़ा, छात्रा विज्ञापन एवं जनसम्पर्क विभाग
2. शोध से जुड़े हुए विषय की जो बारीकियां है उसकी समझ और गुणवत्ता के बारे में जो चर्चा होंगी उसको समझने को मिलेगा, जो हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होगा.
आकांक्षा घिलहरे, विज्ञापन एवं जनसम्पर्क अध्ययन विभाग
3. यह मेरा दूसरा वर्ष है और इस कार्यक्रम में बहुत कुछ सीखने को मिलता है. वहां पर हम एक जनजागरुकता के लिए नाटक भी करेंगे.
अमिताभ-चंद्रकिशोर, छात्र