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ठंड आते ही शरीर में कम होने लगता है ये विटामिन

ठंड आते ही शरीर में कम होने लगता है ये विटामिन

 शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अलग-अलग पोषक तत्वों की जरूरत होती है। खासतौर से ठंड के मौसम में इम्यूनिटी काफी कमजोर होने लगती है। सर्दियों में शरीर में कई जरूरी विटामिन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। खासतौर से विटामिन डी कम होने लगता है जिससे पूरे शरीर पर बुरा असर पड़ता है। सर्दियों में शरीर में विटामिन डी की कमी होने से रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि खाने में विटामिन डी से भरपूर चीजें शामिल कर लें। जिससे शरीर में विटामिन डी की दैनिक जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।

मशरूम- विटामिन डी की कमी पूरी करने के लिए खाने में मशरूम जरूर शामिल करें। मशरूम को विटामिन डी का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। मशरूम जब सूरज की रौशनी के संपर्क में आता है तो इससे विटामिन डी का उत्पादन होता है। मशरूम को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं।

सी फूड- विटामिन डी की कमी पूरी करने के लिए खाने में सी फूड को शामिल करें। आप समुद्री मछलियों में सैलमन, ट्यूना, और मैकेरल फिश खा सकते हैं। ये विटामिन डी और हेल्दी फैट्स का अच्छा सोर्स मानी जाती हैं।

संतरा- ठंड में कुछ लोग संतरा खाने से बचते हैं लेकिन संतरा विटामिन डी, विटामिन सी और कैल्शियम से भरपूर होता है। आप संतरा या फिर संतरे का जूस पी सकते हैं। इससे शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम दोनों की कमी पूरी होगी। इम्यूनिटी भी मजबूत बनेगी।

दूध- दूध और डेयरी उत्पाद भी विटामिन डी का अच्छा सोर्स हैं। खासतौर से गाय का दूध पीने से शरीर को विटामिन डी मिलता है। दूध में विटामिन डी के अलावा कैल्शियम और दूसरे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। इसलिए दिन में 1-2 गिलास दूध जरूर पीएं।

दही- शाकाहारी लोग खाने में दही जरूर शामिल करें। सर्दियों में ताजा घर का बना दही खाएं। इससे शरीर को विटामिन डी और कैल्शियम दोनों मिल जाएंगे। रोजाना दही खाने से हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है और पाचन भी दुरुस्त रहता है।

स्किन के लिए फायदेमंद है अखरोट का सेवन

स्किन के लिए फायदेमंद है अखरोट का सेवन

 अखरोट एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जिसका सेवन करने से आपकी सेहत को कई फायदे होंगे। हाल ही में हुई एक नई स्टडी के अनुसार, जो लोग रोज़ाना अखरोट का सेवन करते हैं, उन्हें दिल से जुड़ी बीमारी की संभावना बहुत कम होती है। इसमें मौजूद कैल्शियम, विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन हमारे शरीर को हेल्दी बनाते हैं। चलिए बताते हैं इस ड्राई फ्रूट के सेवन से आपके शरीर को क्या फायदे होते हैं।

अखरोट का सेवन करने से मिलते हैं ये फायदे:

हड्डियां बनाए मजबूत: अखरोट में मौजूद अल्फा-लिनोलेनिक एसिड कमजोर हड्डियों वाले लोगों के लिए वरदान है। अगर आपकी हड्डियों में हमेशा दर्द रहता है तो रोज़ाना सुबह के समय खाली पेट भीगे हुए अखरोट का सेवन करें।

स्किन के लिए फायदेमंद: अखरोट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन बी6 आपकी स्किन की सेहत के लिए कारगर है। यह आपकी स्किन को जवां और चमकदार दिखने में मदद करता है। यानी आप अपनी स्किन को मुलायम बनाए रखना चाहते हैं तो रोजाना 5-6 अखरोट खाएं।

दिमाग करे तेज: जिन लोगों को हर चीज़ भूलने की आदत होती है उन्हें अपनी डाइट में इस ड्राई फ्रूट को ज़रूर शामिल करना चाहिए। अखरोट में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन E जैसे पोषक तत्व आपके दिमाग की सेहत को हेल्दी बनाते हैं। अखरोट खाने से दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है जिससे ऑक्सीजन आसानी से दिमाग तक पहुंच पाते हैं।

डायबिटीज करे कंट्रोल:  अखरोट डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है। दरअसल, अखरोट ब्लड में ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल करता है जिससे टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम कम हो जाता है।

वजन कम करने में मददगार: अगर आप बढ़ते मोटापे से परेशान हैं तो आपका वजन कम करने में अखरोट बेहद फायदेमंद हो सकता है। दरअसल इसमें है प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है जो आपकी भूख को कम करता है।

एक दिन में कितना खाएं?

पूरे दिन एक्टिव रहने के लिए रोजाना सुबह के समय खाली पेट 5-6 भिगोया हुआ अखरोट खाएं। भिगोया हुआ अखरोट आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।

HEALTH TIPS : सर्दियों में फिट रहने के लिए हर रोज पिएं गाजर का जूस

HEALTH TIPS : सर्दियों में फिट रहने के लिए हर रोज पिएं गाजर का जूस

 HEALTH TIPS : सर्दियों में गाजर का जूस (carrot juice) सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है? गाजर के जूस में विटामिन ए, फाइबर, विटामिन के1, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है। यही वजह है कि सर्दियों में इस नेचुरल जूस को पीने की सलाह दी जाती है।

इम्यूनिटी बनाए मजबूत

अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए गाजर का जूस पीना शुरू कर दीजिए। सर्दियों में अक्सर कमजोर इम्यूनिटी की वजह से लोग बीमार पड़ जाते हैं। वहीं, रेगुलरली गाजर का जूस पीकर आप मौसमी बीमारियों की चपेट में आने से खुद को बचा सकते हैं। गाजर का जूस ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर हार्ट हेल्थ को भी मजबूत बनाने में कारगर साबित हो सकता है।-

हेल्थ के लिए फायदेमंद

फाइबर रिच गाजर का जूस डाइजेस्टिव सिस्टम को सुधारने में भी कारगर साबित हो सकता है। कब्ज जैसी पेट से जुड़ी समस्या से छुटकारा पाने के लिए गाजर का जूस पी सकते हैं। इसके अलावा गाजर के जूस में पाए जाने वाले तमाम तत्व आपके स्ट्रेस को कम करने में भी मददगार साबित हो सकते हैं।

त्वचा के लिए वरदान

गाजर का जूस आंखों की सेहत पर भी पॉजिटिव असर डाल सकता है। गाजर का जूस पीना न केवल सेहत के लिए बल्कि त्वचा के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। हर रोज गाजर का जूस पीकर आप प्रीमैच्योर एजिंग की समस्या का शिकार बनने से बच सकते हैं।

 
शरीर में आयरन की कमी से होने लगती हैं ये बीमारी

शरीर में आयरन की कमी से होने लगती हैं ये बीमारी

 आयरन की कमी से एनीमिया कई बार गंभीर परिस्थितियां पैदा कर सकता है। इसलिए आयरन की कमी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अगर समय रहते इलाज नहीं किया जाए तो ये स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

आयरन की कमी से होने वाली बीमारियां

हार्ट की समस्याएं- शरीर में आयरन की कमी होने पर दिल की धड़कन तेज या अनियमित हो सकती है। जो लोग एनीमिया के शिकार होते हैं उनके खून में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण हार्ट को अधिक ब्लड पंप करना पड़ता है। जिससे दिल का आकार बढ़ सकता है। कई बार ये स्थिति हार्ट अटैक का कारण भी बन सकती है।

प्रेगनेंसी में समस्याएं- गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी होने से बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है। कई बार बच्चे के वजन पर भी इसका असर देखा गया है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में आयरन की कमी बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए।

बच्चे की ग्रोथ पर असर- अगर प्रेगनेंसी में महिला के अंदर आयरन की कमी है तो इससे शिशु के विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं बच्चों में आयरन की कमी होने से उनकी ग्रोथ पर असर पड़ता है। इसलिए बच्चों की डाइट में आयरन से भरपूर चीजों को जरूर शामिल करें।

आयरन की कमी दूर करने के लिए क्या खाएं

गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, बथुआ, मेथी खाएं

मटर और चुकंदर का सेवन करें

रेड मीट और मुर्गी खाएं

सीफूड में भी आयरन होता है

फलियों में भी भरपूर आयरन होता है

ड्राई फ्रूट्स जैसे कि किशमिश और खुबानी

साबुत अनाज, ब्रेड और पास्ता खाएं

आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आपको आयरन के साथ विटामिन सी से भरपूर आहार भी डाइट में शामिल करने की जरूरत है। विटामिन सी शरीर में आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है। इसलिए आयरन के साथ विटामिन सी का भी सेवन जरूरी है।

सेहत और पर्यावरण दोनों को नुकसान पहुंचाता है आपका Beauty Routine, जानें इसे इको-फ्रेंडली बनाने के टिप्स

सेहत और पर्यावरण दोनों को नुकसान पहुंचाता है आपका Beauty Routine, जानें इसे इको-फ्रेंडली बनाने के टिप्स

 आजकल महिलाएं अपनी खूबसूरती बढ़ाने के लिए कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें से ज्यादातर प्रोडक्ट्स में कई तरह के हानिकारक केमिकल होते हैं? जी हां, यह केमिकल हमारे शरीर में जमा होकर कई गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं। साथ ही ज्यादातर प्रोडक्ट्स पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ करके तैयार किए जाते हैं। प्लास्टिक, हैवी मेटल, पेट्रोकेमिकल, कोल तार डाई, पैराबेन, पेस्टीसाइड, एनिमल एक्सप्लॉयटेशन जैसे कई नॉन इको फ्रेंडली चीजों का इस्तेमाल कर के गलत तरीके से ब्यूटी प्रोडक्ट्स तैयार किए जाते हैं जो सेहत के साथ पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक होते हैं।

इसके अलावा, ब्यूटी प्रोडक्ट को बनाने से लेकर इसकी पैकेजिंग में ढेर सारे प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे नेचर को कई रूप में नुकसान पहुंचता है। ऐसे में, जागरूक होकर अपने ब्यूटी प्रोडक्ट्स को चुनें ताकि पर्यावरण संरक्षण में आप अपना योगदान दे सकें। तो आइए, इस आर्टिकल में आपको कुछ ऐसे इको फ्रेंडली ब्यूटी हैक्स  के बारे में बताते हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी सेहत के साथ-साथ पर्यावरण का भी ख्याल रख सकते हैं।
  • ऐसे प्रोडक्ट्स को चुनें जिसकी सस्टेनेबल पैकेजिंग हुई हो और जिसमें नेचुरल इंग्रेडिएंट्स का इस्तेमाल हुआ हो। ध्यान रहे कि जिसके ऊपर रिसाइकल्ड या रिसाइक्लेबल लिखा हुआ हो ऐसे प्रोडक्ट्स का चुनाव करना बेहतर ऑप्शन है।
  • रियूजेबल आई पैच का इस्तेमाल करें। ये नेचर के साथ बैंक बैलेंस भी बचाता है।
  • मेकअप वाइप्स की जगह क्लींजिंग बाम का इस्तेमाल करें। इससे गैरजरूरी टिश्यू वेस्ट नहीं होगा जो कि पेड़ों के कटने से बनता है।
  • रिफिलेबल प्रोडक्ट्स चुनें जिसे दोबारा से आप भर सकें और इस तरह पैकेजिंग वेस्ट से बचा जा सकता है।
  • सर्टिफिकेशन देख कर प्रोडक्ट्स का चुनाव करें। USDA ऑर्गेनिक या ecocert से सर्टिफाइड होने पर एथिकल और पर्यावरण बचाव के स्टैंडर्ड पर आधारित प्रोडक्ट्स की पुष्टि होती है।
  • ऐसे ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें जो कि मल्टी टास्क करते हों। जैसे अच्छे क्वालिटी के फेस एक्सफोलिएटर से होंठो को भी एक्सफोलिएट कर लें, या फिर लिप ग्लॉस को ब्लश की तरह इस्तेमाल कर लें।
  • ब्यूटी प्रोडक्ट खरीदते समय रियूजेबल शॉपिंग बैग का इस्तेमाल करें।
  • कम पैकेजिंग वाले या फिर रिसाइकल सामान लें। कई लेयर की पैकेजिंग वाले सामान संसाधनों का गलत इस्तेमाल करते हैं। इसलिए ब्यूटी शॉपिंग करते समय सोच समझ कर फैसला लें।
सर्दी में गर्म पानी से नहाना चाहिए या ठंडे से, यहां जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

सर्दी में गर्म पानी से नहाना चाहिए या ठंडे से, यहां जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

 सर्दियों में अक्सर लोगों को नहाने का मन नहीं करता। ऐसे में ज्यादातर लोग सुबह गर्म पानी से नहाते हैं और बेहतर महसूस करते हैं। पर हम आपको बता दें कि गर्म पानी से नहाना ब्लज सर्कुलेशन और हड्डियों की सहेत के लिए तो ठीक है लेकिन इसके कई नुकसान भी हो सकत हैं। ये स्किन के अंदर जाकर नमी को छीन सकता है और स्किन पैचेस को ड्राई बना सकता है

  • एक्जिमा से परेशान: ज्यादा तापमान से त्वचा का सूखना आसान हो जाता है और एक्जिमा जैसी स्थिति खराब हो जाती है। गर्म पानी से नहाने से आपको खुजली हो सकती है। दरअसल, गर्मी मस्तूल कोशिकाओं जिनमें हिस्टामाइन होता इसे ट्रिगर करता है और त्वचा में अपनी सामग्री छोड़ने और खुजली पैदा करने का कारण बन सकती है। इससे एक्जिमा के पैचेस और उभरने लगते हैं और ये खुजली समस्या का भी कारण बनने लगता है।
  • सोरायसिस की समस्या से परेशान: ज्यादा गर्म पानी से सोरायसिस की समस्या ट्रिगर हो सकती है। गर्म पानी त्वचा को शुष्क कर जलन पैदा करता है। यह त्वचा की सबसे बाहरी परत पर मौजूद केराटिन कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाता है। इसके कारण, यह त्वचा को शुष्क बना देता है, जिससे उसमें नमी बरकरार नहीं रह पाती है और सोरायसिस के लक्षण होने लगते हैं।
  • हाई बीपी की समस्या: गर्म पानी से नहाने से निकलने वाली गर्मी से ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है। इस प्रकार हृदय रोगों और हाई बीपी से पीड़ित लोगों के लिए समस्याग्रस्त हो सकता है।

गर्म पानी से नहाने से नुकसान

आलस

गर्म पानी से नहाना शुरू कर देने पर ठंडे पानी से नहाना मुश्किल होता है. ऐसे में किसी कारण से गर्म पानी नहीं मिलने पर लोग नहाने के मामले में आलस करने लगते हैं. 

बालों को नुकसान

बालों को गर्म पानी से धोने से उन्हें नुकसान पहुंच सकता है. बाल रूखे और बेजान हो सकते हैं. बालों को गर्म पानी से धोने से बचना चाहिए.

ड्राई स्किन

बहुत ज्यादा गर्म पानी से नहाने से स्किन में नमी की कमी हो जाती है. इससे ड्राई स्किन की समस्या शुरु हो सकत है. जिन लोगों को स्किन की कोई समस्या हो उन्हें गर्म पानी से नहाने से बचना चाहिए.

कैल्शियम से सिर्फ हड्डी नहीं, दिमाग भी होता है कमजोर, Hypocalcemia के इन संकेतों को समझिये, नहीं तो हमेशा के लिए…

कैल्शियम से सिर्फ हड्डी नहीं, दिमाग भी होता है कमजोर, Hypocalcemia के इन संकेतों को समझिये, नहीं तो हमेशा के लिए…

 Calcium Deficiency: शरीर को मजबूत रखने के लिए जरूरत होती हैं मजबूत हड्डियों की जो कैल्शियम से होती हैं. हड्डियां कैल्शियम, प्रोटीन और खनिज तत्त्वों से मिलकर बनती हैं. कैल्शियम की कमी को  ह्य्पोकाल्सेमिअ (Hypocalcemia) के नाम से भी जाता है, जिसका तात्पर्य ऐसी स्थिति से है, जब खून में कैल्शियम का स्तर कम हो जाता है. लेकिन यह कमी बॉडी में एक दिन में नहीं, बल्कि निरंतर खानपान में लापरवाही के वजह से पर्याप्त तादाद में बॉडी को कैल्शियम न मिलने के वजह से बीमारियों के रूप में सामने आती है. वैसे तो लोगों का मानना है कि केवल दूध या दही का उपयोग करने से बॉडी को कैल्शियम मिल जाता है, लेकिन यह सच बात नहीं है. इससे कैल्शियम तो मिलता है पर उतनी तादाद में नहीं, जितना कि उचित पोषण के लिए बॉडी को जरूरत होती हैं. कैल्शियम की कमी (Calcium deficiency)से कई बीमारियां भी हो सकती हैं. इस लिए आपको अपनी डाइट में कैल्शियम युक्त चीजों का सेवन अधिक करना चाहिए.

कैल्शियम की कमी के लक्षणः

कैल्शियम की कमी होने से शरीर में कई तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं. जैसे हड्डियों में दर्द, जकड़न, थकान, मांसपेशियों में खिंचाव आदि के रूप में नजर आता है. कमर का झुक जाना, पिंडलियों में अचनाक से असहनीय दर्द होना, बालों का झड़ना, दांतों में संक्रमण, नाखूनों का फटना आदि ये सब शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण है. अगर आपने सही समय पे ध्यान नहीं दिया तो आपके शरीर भारी नुकसान भी हो सकता है.

क्या है हाइपोकैल्सीमिया?

जब आपके खून में कैल्शियम का स्तर बहुत कम हो जाता है तब हाइपोकैल्सीमिया की स्थिति पैदा होती है। वैसे तो इस बीमारी के होने के पीछे कई अलग अलह कंडीशन भी होते हैं लेकिन यह ज़्यादातार शरीर में पैराथाइरॉइड हार्मोन (पीटीएच) या विटामिन डी के असामान्य स्तर के कारण होता है। इस वजह से शरीर के कई अंग भी प्रभावित होते हैं।

दिमाग को कैसे करती है प्रभावित:

शरीर में कैल्शियम कम होने के कारण थकान ज़्यादा होती है जिससे ऊर्जा की कमी और हमेशा सुस्ती महसूस होती है। इस वजह से नींद न आने की समस्या भी शुरू हो जाती है। जिस कारण लोगों में फोकस की कमी, भूलने की बीमारी और भ्रम की स्थिति होने लगती है। इस बीमारी की शुरुआत में कमर और पैरों की में ऐंठन और अकड़न आता है। धीरे धीरे समय के साथ, हाइपोकैल्सीमिया का असर दिमाग पर पड़ता है और उस कारण भ्रम, मेमोरी लॉस, याद न रहना, डेलिरियम, डिप्रेशन जैसी गंभीर कंडीशन का सामना करना पड़ता है।

ऐसे करें अपना बचाव:

हाइपोकैल्सीमिया से खुद को बचाने के लिए अपनी डाइट बेहतर कर विटामिन डी से भरपूर फूड्स का सेवन करें। डेयरी उत्पादों का सेवन करें जिनमें कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। इसके अलावा आप हर 6 महीने पर कैल्शियम का टेस्ट करवाएं जो कि इसकी कमी से बचने के लिए बेहद जरूरी है।

पेट फूलने की समस्या से अक्सर रहते हैं परेशान, तो खाना शुरू कर दें ये फूड्स, तुरंत मिलेगा आराम

पेट फूलने की समस्या से अक्सर रहते हैं परेशान, तो खाना शुरू कर दें ये फूड्स, तुरंत मिलेगा आराम

 आजकल अनहेल्दी खानपान और लाइफस्टाइल के कारण अक्सर पेट से जुड़ी समस्या होती रहती है, जिसमें ब्लोटिंग या पेट फूलने की प्रॉब्लम बहुत आम है। अक्सर खाना खाने के बाद लोगों को इस समस्या से जूझना पड़ता है। इस दौरान पेट एकदम टाइट और भारी लगता है। कई बार ब्लोटिंग पेट दर्द का कारण भी बनती है, जिससे व्यक्ति काफी असहज हो जाता है। यदि आपको भी अक्सर ब्लोटिंग या पेट फूलने की समस्या होती है, जो आपको अपनी डेली डाइट में कुछ चीजों को शामिल करना चाहिए।

सौंफ

खाना खाने के बाद एक चम्मच सौंफ खाने से ब्लोटिंग की शिकायत कम हो सकती है। सौंफ में ऐसे कंपाउंड पाए जाते हैं, जो पाचन को दुरुस्त रखते हैं। साथ ही, पेट फूलने की समस्या को दूर करते हैं। इसके सेवन से गैस और कब्ज भी ठीक होती है।

अजवाइन

खाना खाने के बाद अजवाइन का सेवन भी पेट फूलने और गैस जैसी समस्या से छुटकारा दिलाता है। इसे आप सीधे या पानी में एक चम्मच उबालकर भी पी सकते हैं।

पपीता

पपीता पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इसमें मौजूद पपाइन एंजाइम गैस, ब्लोटिंग जैसी समस्या से निजात दिलाता है। पपीते के सेवन से पाचन दुरुस्त रहता है।

दही

प्रोबायोटिक गुणों से भरपूर दही पेट के लिए अच्छा रहता है। इसके सेवन से पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे अपच, गैस, जलन आदि नहीं होता। ये गट में गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है, जिससे पाचन दुरुस्त रहता है।

अदरक

अदरक का सेवन भी आपको ब्लोटिंग से निजात दिला सकता है। इसकी एंटी-इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टीज सूजन कम करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही, इसके रोजाना सेवन से पाचन अच्छा रहता है।

बात सेहत की : फ्रोजन मटर’ का जमकर इस्तेमाल करते हैं तो हो जाएं सावधान! हो सकते हैं ये बड़े नुकसान

बात सेहत की : फ्रोजन मटर’ का जमकर इस्तेमाल करते हैं तो हो जाएं सावधान! हो सकते हैं ये बड़े नुकसान

 फ्रोजन मटर का इस्तेमाल कई लोगों की मजबूरी बन जाता है। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो खानपान में फ्रोजन मटर का ही ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। वजह है कि इसे छीलने और स्टोर करने में ज्यादा परेशानी नहीं होती। ऐसे में, आइए आज आपको बताते हैं कि कैसे यह थोड़ी-सी सहूलियत अपने साथ कई परेशानियां लेकर आती हैं।

फ्रोजन मटर के ज्यादा इस्तेमाल से वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है। दरअसल, प्रिजर्व फूड्स में स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता है, जो फैट को बढ़ाने का काम कर सकता है। ऐसे में, मोटापे से जूझ रहे लोगों को इसके सेवन से थोड़ा बचना चाहिए।
पोषक तत्व की कमी

फ्रोजन मटर के ज्यादा इस्तेमाल से पोषक तत्वों की कमी का सामना भी करना पड़ सकता है। लंबे समय तक मटर को फ्रोजन रखने से पोषक तत्वों को नुकसान पहुंचता है, इसलिए हमेशा ताजे मटर को ही पहली पसंद के रूप में चुनना चाहिए।

बीपी की शिकायत

फ्रोजन मटर को खाने से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत भी हो सकती है। ऐसा इसमें मौजूद सोडियम के कारण होता है। इसलिए अगर आप भी हृदय रोग या स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाना नहीं चाहते हैं, तो इसका ज्यादा सेवन करने से परहेज कर सकते हैं।
हार्ट के लिए नुकसानदायक

फ्रोजन मटर का ज्यादा इस्तेमाल करने से हार्ट हेल्थ को नुकसान पहुंच सकता है। यह दिल की धमनियों को बंद करके शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है। वहीं, इसमें मौजूद ट्रांस फैट नसों को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में, भूलकर भी इसका ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए।

 
Ayurvedic Herbs की मदद से बनाएं इम्युनिटी को मजबूत और रहें हर एक मौसम व उम्र में हेल्दी

Ayurvedic Herbs की मदद से बनाएं इम्युनिटी को मजबूत और रहें हर एक मौसम व उम्र में हेल्दी

 आज की व्यस्त जीवनशैली में शरीर को स्वस्थ और मन को शांत बनाए रखना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है। शरीर से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी मानसिक समस्याओं का शिकार बना सकती है। वहीं अगर आप किसी तरह की मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं, तो इससे आपकी फिजिकल हेल्थ भी प्रभावित हो सकती है।

इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां

1. अश्वगंधा (Withania somnifera)

अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जो तनाव और चिंता के असर को काफी हद तक कम कर सकती है। इसका सेवन करने से थकान और नींद से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती है और सबसे जरूरी कि इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

2. तुलसी (Ocimum Sanctum)

तुलसी, जिसे होली बेसिल भी कहते हैं, यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में बेहद कारगर है। अपने एंटीवायरस, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों के चलते यह पौधा इन्फेशन की रोकथाम करने और श्वसन तंत्र की सफाई में काफी कारगर है।

3. अमलकी (Phyllanthus Emblica)

अमलकी याआंवला एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी से भरपूर होता है। यह शरीर को डिटॉक्स कर इम्युनिटी को बेहतर बनाता है।

4. गिलॉय (Tinospora cordifolia)

इम्युनिटी बढ़ाने की गिलॉय की क्षमता किसी से छिपी नहीं है। यह शरीर को डीटॉक्स करने में मदद करता है, पाचन में सुधार लाता है, शरीर को इन्फेशन और किसी भी प्रकार की सूजन से बचाता है।

1 अरब से ज्यादा लोग मोटापे के शिकार, संभल जाइए, वरना...

1 अरब से ज्यादा लोग मोटापे के शिकार, संभल जाइए, वरना...

ज्यादा वजन और मोटापा आजकल सबसे बड़ी समस्या बनती जा रही है. इसकी वजह से कई तरह की क्रोनिक बीमारियां भी हो रही हैं. यही कारण है कि ये समस्या चिंताजनक बनती जा रही है. सामान्य से ज्यादा वजन होने पर डायबिटीज, हार्ट डिजीज और हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है. हाल ही में आए अध्ययन में इसे लेकर गंभीर चिंता जताई गई है. इसमें कहा गया है कि जिस तरह से दुनिया में मोटापा बढ़ रहा है, उससे आने वाले समय में कई गंभीर समस्याएं (Obesity Risk Factors) बढ़ सकती हैं. आइए जानते हैं आखिर क्यों अलर्ट कर रहा यह रिपोर्ट...

क्या कहती है रिपोर्ट

द लैंसेट जर्नल में छपी एक रिपोर्ट में मोटापे को लेकर चिंता जाहिर की गई है. इसके अनुसार, दुनियाभर में मोटापे के शिकार बच्चों, किशोरों और वयस्कों की संख्या 1 अरब से भी ज्यादा हो गई है. शोधकर्ताओं ने बताया है कि साल 1990 के बाद से मोटापे की समस्या बढ़ी है. हर उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. ज्यादा वजन वालों में कई समस्याएं हो सकती हैं.

डराने वाले हैं आंकड़े

WHO ने सहयोगियों के साथ मिलकर एक ग्लोबल डेटा तैयार किया है. जिसमें अनुमान जताया गया है कि 1990 की तुलना में 2022 में मतलब तीन दशक में बच्चों और किशोरों में मोटापा चार गुना तक बढ़ा है. महिलाएं में दोगुना और पुरुषों में यह समस्या तीन गुना से ज्यादा हो गई है. आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 15.9 करोड़ बच्चे और किशोर, जबकि 87.9 करोड़ वयस्क मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं.

मोटापा क्यों खतरनाक
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, दुनिया में इन दिनों जिन बीमारियों की वजह से मौत का खतरा या गंभीर समस्याएं हो रही हैं, उनका कारण ज्यादा वजन यानी मोटापा ही माना जाता है. बच्चों में मोटापा होना बेहद ही गंभीर समस्या बन सकती है. इसका सीधा असर उनकी लाइफ पर पड़ता है, जो पूरी तरह प्रभावित हो सकती है. इसकी वजह से हार्ट अटैक और हार्ट से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं. अगर इसे समय पर रहते कंट्रोल न किया जाए तो ये कई बड़ी बीमारियों को जन्म दे सकता है. इसलिए इन आंकड़ों को हेल्थ अलर्ट मानना चाहिए.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 

खाली पेट इन फलों को खाना होता है फायदेमंद, शरीर को मिलते हैं भरपूर पोषण

खाली पेट इन फलों को खाना होता है फायदेमंद, शरीर को मिलते हैं भरपूर पोषण

 फल हमारे शरीर को कई तरह के विटामिन्स देते हैं, कुछ फल ऐसे हैं जिसे अगर सुबह खाली पेट खाने से शरीर को अधिक फायदा होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि खाली पेट अधिक पोषक तत्वों को अवशोषित करता है और उस समय आपका पाचन तंत्र अन्य खाद्य पदार्थों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहा होता है।

यहां हम आपको ऐसे सात फलों के बारे में बता रहे हैं जिनका खाली पेट सेवन आपको ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचा सकता है।

पपीता

पपीता पपेन और काइमोपैपेन जैसे एंजाइमों से भरपूर होता है। ये एंजाइम पाचन में सुधार और कब्ज को रोकने के लिए जिम्मेदार हैं। जब इसे खाली पेट खाया जाता है, तो शरीर पपीते से विटामिन ए, सी और ई को बेहतर ढंग से अवशोषित कर पाता है, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट हैं जो प्रतिरक्षा को मजबूत करते हैं और स्वस्थ त्वचा बनाए रखते हैं।

तरबूज

अगर आप सुबह सबसे पहले तरबूज खाते हैं तो यह लंबी रात के बाद आपके शरीर को हाइड्रेट करने के लिए बेहतरीन हो सकता है क्योंकि इसमें 92% पानी होता है। इसके अलावा तरबूज लाइकोपीन से भरपूर होता है जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है।

ब्लूबेरीज

सुबह-सुबह अगर कुछ मीठा खाने का मन करे तो ब्लूबेरी खाएं। इसमें एंटीऑक्सिडेंट होता है। इसे खाली पेट खाने पर दिमागी ताकत मिलती है और शुगर भी कंट्रोल में रहती है।

केले

सुबह सबसे पहले केला खाने से शरीर में ऊर्जा भर जाती है। इसमें कार्बोहाइड्रेट और प्राकृतिक शर्करा अधिक होती है। इसमें पोटैशियम भी प्रचुर मात्रा में होता है जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर रखता है।

अनानास

अनानास खाली पेट खाने के लिए एक बेहतरीन फल है। फल विटामिन सी और मैंगनीज से भरपूर होता है और जैसे ही ये पोषक तत्व शरीर में अच्छी तरह से अवशोषित हो जाता है, वो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने लगता है और हड्डियों को भी मजबूत बनाता है। यह फल सूजन को भी कम करता है।

सेब

प्रतिदिन एक सेब डॉक्टर को दूर रखता है, यह कहावत सच है, खासकर जब इसे खाली पेट खाया जाए तो और भी अच्छा है। सेब में पेक्टिन उच्च मात्रा में होता है। यह एक प्रकार का फाइबर है जो पाचन में सहायता करता है और भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है। इनमें क्वेरसेटिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं।

कीवी

कीवी भले ही छोटा सा फल है लेकिन इसे खाली पेट खाने से बड़े फायदे होते हैं। यह फल आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। इसमें एक्टिनिडिन नामक एंजाइम भी होता है जो पाचन को सुचारू बनाने में सहायता करता है।

भारत में CORONA का नया वेरिएंट JN.1 दे रहा दस्तक, जानिए क्या है इसके लक्षण

भारत में CORONA का नया वेरिएंट JN.1 दे रहा दस्तक, जानिए क्या है इसके लक्षण

  नई दिल्ली : पूरी दुनिया में कोहराम मचाने वाली कोरोना महामारी अभी भी हमारा पीछा नहीं छोड़ रही है। बीते कुछ समय से दुनियाभर में भले ही इसके केसों में कुछ कमी देखने के लिए तो मिल रही है, लेकिन इसका खतरा अभी तक टला नहीं है।

बीच-बीच मे कई बार इस वायरस के विभिन्न वेरिएंट्स ने लोगों की चिंता और भी ज्यादा बढ़ा दी है। इसी दौरान अब एक बार फिर इसे लेकर लोगों की चिंता और भी ज्यादा बढ़ा दी है। दरअसल, चीन जहां से इस महामारी की शुरुआत हुई थी, वहां अब कोरोना के एक नए सबवेरिएंट जेएन.1 (JN.1) के केस सामने आए है।

कोविड के इस नए सबवेरिएंट की पहचान सबसे पहले लक्जमबर्ग में हुई थी, इसके उपरांत यूके, आइसलैंड, फ्रांस और अमेरिका में भी इसके केस सामने आने लग गए। इतना ही नहीं खुद इंडिया में भी कोरोना के इस सबवेरिएंट का एक केस देखने के लिए मिला है। बीते दिनों केरल में इस नए सबवेरिएंट जेएन.1 की पुष्टि भी कर दी गई थी। इस केस के सामने आते ही अब सभी की चिंताएं एक बार फिर से तेजी से बढ़ने लगी है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में जानते हैं कोरोना के इस नए सबवेरिएंट से जुड़ी वह सभी बातें, जो आपके लिए जानना बहुत ही ज्यादा आवश्यक है।

जेएन.1 क्या है ?: डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन सेंटर (CDC) के अनुसार कोविड का यह सबवेरिएंट, ओमिक्रॉन सबवेरिएंट BA.2.86 का वंशज है, जिसे ‘पिरोला’ भी कहा जाता है। वैज्ञानिकों की मानें, तो JN.1 और BA.2.86 के मध्य केवल एक ही बदलाव है और वह है स्पाइक प्रोटीन में परिवर्तन। स्पाइक प्रोटीन जिसे स्पाइक भी बोला जाता है। यह वायरस की सतह पर छोटे स्पाइक्स जैसा दिखाई देता है। इसी वजह से लोगों में वायरस का संक्रमण अधिक तेजी से होता है।

जेएन.1 के लक्षण क्या है?: खबरों का कहना है कि कोरोना के इस नए सबवेरिएंट के अभी तक कोई खास लक्षण दिखाई नहीं दे रहे है। ऐसे में यह पता लगा पाना मुश्किल है कि इसके लक्षण कोरोना के अन्य वेरिएंट से अलग है या नहीं। वहीं, बात करें कोरोना के आम लक्षणों की, तो इनमें निम्न शामिल हैं-

बुखार
लगातार खांसना
जल्दी थकान होना
नाक बंद या जाम हो जाना
नाक का बहना
दस्त
सिर में दर्द

कितना खतरनाक है नया वेरिएंट: फिलहाल, जेएन.1 को लेकर कोई विस्तृत जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। CDC की मानें तो इस वेरिएंट के बढ़ते केसों को देख यह कहा जा सकता है कि या तो यह अधिक संक्रामक है या फिर यह हमारे इम्यून सिस्टम से आसानी से बच सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि मौजूदा समय में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि JN.1 वर्तमान में मौजूद कोविड के अन्य वेरिएंट की तुलना में अधिक खतरनाक है या नहीं।

इन 4 चीज़ो के साथ कभी नहीं खाना चाहिए आम, हो सकते है नुकसान

इन 4 चीज़ो के साथ कभी नहीं खाना चाहिए आम, हो सकते है नुकसान

 सेहत। गर्मियों के मौसाम में आम खाना किसे नहीं पसंद। आम को यूं ही नहीं फलो का राजा कहते हैं। आम बाजार में आते ही खरीदने के लिए लंबी कतार लग जाती है। वैसे तो आम को किसी भी समय स्वाद लेकर लोग खा लेते हैं लेकिन इसके सेवन से जुड़ी कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाना जरूरी है। लोग अक्सर आम के साथ कुछ ऐसी चीजें खा लेते हैं जो हमारे लिए नुकसानदायक हो सकते हैं इन्हें खाने पर पेट खराब होने तक की नौबत आ जाती है। आज इस लेख में जानते है कि आम के साथ क्या क्या नहीं खाना चाहिए।

आम के साथ ना खाए जाने वाली चीजें

दही

आम के साथ दही को खाने की सलाह नहीं दी जाती है. दही (Curd) और आम एक साथ खाने पर वे शरीर को अंदर से जरूरत से ज्यादा गर्म करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में स्किन संबंधी दिक्कतें होने लगती हैं और साथ ही शरीर में टॉक्सिंस बढ़ सकते हैं। यह देखते हुए दही और आम को साथ खाने से परहेज किया जाता हैं।

मिर्च

मिर्च और तीखी चीजों को आम के साथ ना खाना ही बेहतर होता है। आम और तीखी चीजों का कोंबिनेशन पेट को बिगाड़ सकता है. इससे स्किन संबंधी दिक्कतें तो बढ़ती ही हैं, साथ ही पेट में दर्द और गड़बड़ी भी हो सकती है।

कोल्ड ड्रिंक्स

कार्बोनेटेड और एक्सेस शुगर से भरपूर कोल्ड ड्रिंक्स (Cold Drinks) को आम के साथ ना खाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आम खाने के बाद इन कोल्ड ड्रिंक्स को पीने पर पेट खराब हो सकता है। इसके अलावा शुगर लेवल अत्यधिक बढ़ जाने से शुगर स्पाइक हो सकता है जोकि सेहत के लिए अत्यधिक हानिकारक होता है।

पानी पीना

आम के साथ या आम खाने के तुरंत बाद पानी पीने से परहेज करना चाहिए। आम के साथ पानी पीने पर पाचनतंत्र खराब हो सकता है। इससे डाइजेस्टिव एंजाइम्स प्रभावित होते हैं। इसके अलावा पेट में दर्द और कब्ज (Constipation) की समस्या हो सकती है।

गर्मियों खाएंगे ये फल-सब्जियां तो कभी नहीं बढ़ेगा कोलेस्ट्रॉल लेवल, जानिए कोलेस्ट्रॉल वाली डाइट

गर्मियों खाएंगे ये फल-सब्जियां तो कभी नहीं बढ़ेगा कोलेस्ट्रॉल लेवल, जानिए कोलेस्ट्रॉल वाली डाइट

कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली सब्जियां और फल

देखा जाए तो गर्मी का मौसम ताजे और रसीले फलों और सब्जियों का मौसम है। स्वादिष्ट आम से लेकर ताजगी देने वाले तरबूज तक में सूरज की गर्मी से राहत देने की क्षमता होती है। हालांकि इस मौसम में अपनी हेल्थ का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है, फिर चाहे हम कितने भी स्वादिष्ट पदार्थों का सेवन ना कर लें। फैट जैसा पदार्थ कोलेस्ट्रॉल शरीर में पाया जाता है। जो दो तरह के होते हैं। एलडीएल और एचडीएल। जबकि हमारे सिस्टम के लिए कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है। काफी ज्यादा खराब कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल किडनी की समस्याओं का कारण बन सकता है। डीप फ्राई खाना, डेयरी प्रोडक्ट, रेड मीट, बेकरी उत्पाद, प्रोसेस्ड मीट, सलामी, सॉसेज, कोरिजो, मांस के फैटी कट्स होती है और शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल या बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यहां कुछ गर्मियों के खाद्य पदार्थ हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकते हैं।

भिंडी

गर्मियों के मौसम के लिए भिंडी खाना काफी ज्यादा फायदेमंद होती है। यह ना केवल पकाने में आसान होती है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। विटामिन के, सी और ए के साथ-साथ मैग्नीशियम, फोलेट और फाइबर जैसे जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर भिंडी को पचाना भी काफी आसान है और कोलेस्ट्रॉल से निपटने में मदद करती है।

करेला

गर्मी कई तरह की सब्जियों का मौसम है। जिसमें से एक परवल भी है। जिसे सभी खाना पसंद करते हैं। यह सब्जी ना केवल गर्मियों को मुख्य भोजन है, बल्कि यह हाई कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में भी मदद करती है। विटामिन सी, बी1, बी2 और ए जैसे पोषक तत्वों से भरपूर परवल गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।

ककड़ी और खीरा

ककड़ी गर्म महीनों के लिए सबसे लोकप्रिय सब्जियों में से एक है। इसमें पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जो आपको गर्मी में ठंडा रखने के लिए काफी अच्छा है। इसमें फाइटोस्टेराल होते हैं, जो हाई कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा इसमें पेक्टिन भी होता है। जो एक घुलनशील फाइबर होता है। जो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करते हैं।

तरबूज

गर्मी, धूप वाले दिन के बाद एक ग्लास तरबूज का जूस पीना किसे पसंद नहीं होगा। तरबूज में एक काफी ज्यादा पोषक तत्व होते हैं। इसमें मौजूद लाइकोपीन की मौजूदगी में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। 

सावधान! गर्मियों में ठंडा पानी पीना हो सकता है खतरनाक, तुरंत हो जाएंगे इन बीमारियों के शिकार

सावधान! गर्मियों में ठंडा पानी पीना हो सकता है खतरनाक, तुरंत हो जाएंगे इन बीमारियों के शिकार

 गर्मी का मौसम आते ही हम सबकी हालत खराब हो जाती है। सूरज की तपती धूप की मार सहना हम सबके लिए किसी सजा से कम नहीं होती। ऐसे में इस मौसम में ठंडा पानी ही लोगों का सहारा बनता है। चिलचिलाती धूप में पसीने से भीगे हुए ऑफिस, स्कूल या फिर कॉलेज से जब हम घर पहुंचते हैं तो बिना सोचे समझे ठंडा पानी पी लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं ठंडा पानी आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इस मौसम में ज़्यादा ठंडा पानी पीने से हमे कई सेहत संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। चलिए आपको उन परेशानियों के बारे में बताते हैं।

  • दिल की धड़कन करता है प्रभावित: ठंडा पानी आपकी धड़कन की गति को बहुत ही गंभीर तरीके से प्रभावित करता है। ठंडा पानी हमारे शरीर के नर्वस सिस्टम का बैलेंस बिगाड़ देता है। जिस वजह से हमारी धड़कन की गति स्लो हो जाती है।
  • मोटापा बढाए: मोटापे के पीछे एक सबसे बड़ी वजह हमारी अनियमित जीवनशैली है। अगर आप खाने के तुरंत बाद ठंडा पानी पीते है तो इससे आपको मोटापे की संभावना कई गुना बढ़ हो जाती है। यही कारण है कि डाइटिशियन खाने के तुरंत बाद पानी पीने से मना करते हैं।
  • सर्दी और खांसी हो सकती है: इस मौसम में ठंडा पानी पीने से लोग सर्दी और खांसी की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए खाने के बाद ठन्डे पानी की बजाय आपको नॉर्मल पानी पीना चाहिए।दरअसल, ठंडा पानी हमारे शरीर में बहुत ज़्यादा मात्रा में म्यूकस पैदा करता है जिस वजह से बॉडी में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
  • पाचन क्रिया होती है कमजोर: बहुत ठंडा पानी या कोई भी ड्रिंक आपकी ब्लड सेल्स को प्रभावित करता है, जिसका सीधा असर हमारी पाचन क्रिया पर पड़ता है। ठंडे पानी का सेवन पाचन क्रिया कमजोर कर देता है। इसलिए ठन्डे पानी से परहेज़ करने की सलाह दी जाती है।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले)

 
किशमिश का पानी इन लोगों के लिए है अमृत समान रोज़ाना खाली पेट पीने से मिलेंगे चौंकाने वाले फायदे

किशमिश का पानी इन लोगों के लिए है अमृत समान रोज़ाना खाली पेट पीने से मिलेंगे चौंकाने वाले फायदे

  किशमिश को गुणों की खान कहते हैं। अंगूर को सुखाकर इस बेहतरीन ड्राई फ्रूट को तैयार किया जाता है। इसमें अंगूर के सभी गुण मौजूद होते है। इसमें आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फाइबर काफी ज़्यादा मात्रा में पाया जाता है। जो आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। इसके सेवन से कई गंभीर बीमारियों को कंट्रोल किया जा सकता है। बेहतरीन और हेल्दी लाइफ के लिए इसको भिगोकर सुबह के समय खाना और इसका पीनी पीना बेहद लाभकारी माना गया है। चलिए आपको बताते हैं इसका पानी पीने से आपको क्या फायदे मिलेंगे।

इन समस्याओं में कारगर है किशमिश का पानी

पेट की तकलीफों से दिलाए छुटकारा: अगर आपको कब्ज, एसिडिटी और थकान की समस्या है तो किशमिश का पानी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से आपको पेट की इन तकलीफों से छुटकारा मिलेगा।

कोलेस्ट्रॉल करे कंट्रोल: किशमिश के पानी को रोज पीने से बढ़ते कोलेस्ट्रॉल के लेवल को मेंटेन किया जा सकता है। साथ ही ये शरीर के ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में मदद भी करता है। जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
स्किन बनाएं जवान: किशमिश के पानी को रोज सुबह पीने से आपकी स्किन से झुर्रियां काम होने लगेंगी और साथ ही आपको अपनी त्वचा में एक बेहतरीन ग्लो देखने मिलेगा। इसके रोजाना सेवन करने से, मेटाल्जिम भी मजबूत होता है।

खून बढ़ाये: अगर आपका हीमोग्लोबिन कम हो गया है तो आपको किशमिश और उसके पानी का सेवन करना चाहिए। इसके निरंतर सेवन से आपके शरीर में खून बढ़ने लगता है।

बुखार में असरदार: अगर आपको बुखार आ रहा है तो इसके पानी का रोज़ाना सुबह के समय सेवन करने से आपको बेहतरीन लाभ देखने मिलेगा।

ऐसे बनाएं किशमिश का पानी

किशमिश के पानी को बनाने के लिए एक पैन में थोड़ा पानी लेकर इसमें थोड़ी किशमिश डालकर कम से कम 20 मिनट तक उबालें। इसके बाद इसे पानी को एक गिलास में रात भर भिगो कर रख दें सुबह इस पानी को पी लें।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

खांसी में जहर के समान हैं इन फलों का सेवन बढ़ा सकता है कफ और कंजेशन की समस्या

खांसी में जहर के समान हैं इन फलों का सेवन बढ़ा सकता है कफ और कंजेशन की समस्या

 मौसम बदल रहा है और इस समय वायरल और कोराना का भी प्रकोप देखा जा रहा है। ऐसी स्थिति में डाइट का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। खास कर उन चीजों का जिनका सेवन खांसी में बलगम बढ़ा सकता है और सीने में कंजेशन पैदा कर सकता है। ऐसे ही कुछ फल हैं जिनका सेवन खांसी में जहर के समान काम कर सकता है। तो, जानते हैं इन फलों के बारे में विस्तार से।

खांसी में कौन सा फल नहीं खाना चाहिए-fruits avoid in cough in hindi

1. एवोकाडो-Avocado
एवोकाडो, खांसी जुकाम की समस्या में खाने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए कि ये हिस्टामाइन (histamines) से भरपूर होते हैं और ये खांसी को ट्रिगर कर सकते हैं। साथ ही ये फल शरीर के लिए ठंडा होता है जिसे खाने से कफ बढ़ सकता है और आपको सीने में कंजेशन की समस्या हो सकती है।

2. स्ट्रॉबेरी-Strawberry
स्ट्रॉबेरी का सेवन, यूं तो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। लेकिन, खांसी में इसके सेवन से बचना चाहिए। दरअसल, इसके कुछ तत्व जैसे कि कई बार विटामिन सी ही खांसी को ट्रिगर करता है और बलगम बढ़ाने वाला हो सकता है। इससे सीने में कंजेशन की समस्या महसूस हो सकती है।

3. नारियल पानी-Coconut water
नारियल पानी पीना खांसी की समस्या में जहर का काम कर सकता है। ये आपके शरीर में कफ तत्व को बढ़ा सकता है, ठंडक पैदा कर सकता है और खांसी का कारण बन सकता है। इससे न चाहते हुए भी आपको लंबे समय तक के लिए खांसी परेशान कर सकती है।

4. अंगूर-Grapes
अंगूर खाना, कफ की समस्या और खांसी को बढ़ा सकता है। अंगूर खाने की वजह से आपको रह-रह कर खांसी परेशान कर सकती है। इसलिए, अगर आपको खांसी हो रही है तो थोड़े दिन अंगूर का सेवन करने से बचें। साथ ही इन फलों की जगह गर्म चीजों का सेवन करें जो कि खांसी-जुकाम को कम करने में आपकी मदद करे।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

इस लाजवाब जूस के सेवन से करें बॉडी डिटॉक्स, कब्ज और एसिडिटी की समस्या भी होगी कंट्रोल

इस लाजवाब जूस के सेवन से करें बॉडी डिटॉक्स, कब्ज और एसिडिटी की समस्या भी होगी कंट्रोल

 इन दिनों दिल्ली समेत एनसीआर में धीरे धीर गर्मी बढ़ रही है वहीं दूसरी तरफ बारिश भी हो रही है, जिस वजह से लोग कई बीमारीयों का शिकार हो कस्ते हैं. ऐसे में आपकी सेहत खराब न हो इसलिए आप अपनी बॉडी को इन कुछ घरेलू नुस्खों से डिटॉक्स कर सकते हैं. स्वामी रामदेव के अनुसार लौकी और कद्दू के जूस का सेवन करने से आपको इस मौसम में खूब एनर्जी मिलेगी।

दरअसल इस मौसम में आप अपने शरीर को डिटॉक्स कर अपना पाचन दुरुस्त कर सकते हैं साथ ही आपके लीवर की ताकत भी बढ़ेगी। इतना ही नहीं कद्दू और लौकी का जूस पीने से र एसिडिटी, कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलने के साथ वजन कम करने में मदद मिलेगी। जानिए कैसे करें इसका सेवन।

विटामिन से भरपूर है लौकी और कद्दू

कद्दू के जूस में प्रचुर मात्रा में विटामिन डी पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कॉपर, आयरन और फास्फोरस, फाइबर, विटामिन बी1, बी2, बी6,सी, ई और बीटा केरोटिन की प्रचुर मात्रा मौजूद होती है। वहीं लौकी के जूस में भरपूर मात्रा में डायट्री फाइबर, विटामिन- ए, विटामिन -सी, थायमिन, राइबोफ्लेविन, विटामिन- बी3, बी6, मिनरल्स, कैल्श‍ियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस आदि पाए जाते हैं।

इन बीमारियों में लौकी और कद्दू का जूस है फायदेमंद

  • दिल को रखें मजबूत
  • वजन कम करने के लिए फायदेमंद
  • हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करे
  • कब्ज में राहत दे
  • विषाक्त पदार्थ को बाहर निकालने में मददगार
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाए
  • मॉर्निंग सिकनेस दूर करे
  • बॉडी की सूजन को दूर करे

ऐसे बनाएं जूस

लौकी और कद्दू दोनों को बराबर मात्रा में लेकर ग्राइंडर के माध्यम से जूस निकाल लें। अगर आपको थोड़ा स्वाद सही करना हैं तो इसमें धनिया, पुदीना की कुछ पत्तियां डालकर ग्राइंड कर लें और पीते समय थोड़ा सा नींबू का रस मिला लें। इससे जूस का स्वाद बेहतर हो जाएगा। रोजाना सुबह-सुबह अपनी डाइट में इसे जरूर शामिल करें।

ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

पेट की गर्मी को बाहर निकालकर बॉडी को ठंडक पहुंचाती हैं ये हरी पत्तियां, लू लगने से बचा रहेगा शरीर

पेट की गर्मी को बाहर निकालकर बॉडी को ठंडक पहुंचाती हैं ये हरी पत्तियां, लू लगने से बचा रहेगा शरीर

 पुदीना, विटामिन सी, विटामिन ए और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स जैसे गुणों से भरपूर होता है। पुदीने में ऐसे गुण मौजूद होते हैं जिसके सेवन से आपको तुरंत ताजगी भरा महसूस होता है। पुदीने का इस्तेमाल अमूमन गर्मियों में इसलिए किया जाता है क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है। छाछ हो या आम पन्ना इसका इस्तेमाल इन दोनों में किया जाता है।

इसके अलावा ये कैंडीज टूथपेस्ट से लेकर माउथ फ्रेशनर्स में इस्तेमाल किया जाता है। पुदीना बेहतर पाचन को बढ़ावा देता है, मितली को रोकता है, सांस की समस्याओं, अवसाद-थकान को दूर करने में मदद करता है। वहीं पुदीने में मेन्थॉल, मेन्थोन और लिमोनेन जैसे कई एसेंशियल ऑयल पाए जाते हैं जो आपके खराब पेट को सही करने में मददगार साबित होते हैं। क्या कभी आपने पुदीने की चाय ट्राई की है? अगर नहीं तो आज हम आपके लिए पेपरमिंट टी बनाने की रेसिपी लेकर आए हैं। पेपरमिंट टी चाय टेस्टी और हेल्दी होती है। इसके सेवन से आपके शरीर से गर्मी को बाहर निकालने में मदद मिलती है, तो चलिए जानते हैं पेपरमिंट टी कैसे बनाएं।

पेपरमिंट टी बनाने के लिए इंग्रीडिएंट्स

पानी 2 कप
पुदीने के पत्ते 15 ताजे
शहद 1 बड़ा चम्मच
आइस क्यूब्स 4-5

 

इसके चाय से ये बीमारियां होंगी कंट्रोल

संक्रमण का जोखिम होता है कम
माइग्रेन में पा सकते हैं आराम
नींद में होता है सुधार
पेट कम करने के लिए बेहद फायदेमंद

पेपरमिंट टी कैसे बनाएं?

पेपरमिंट टी बनाने के लिए आप सबसे पहले एक पैन लें। फिर आप इसमें पानी डालें और 1 उबाल आने तक पकाएं। इसके बाद आप इसमें पुदीने के पत्ते डालें। फिर आप इसको धीमी आंच पर करीब 4-5 मिनट तक पकाएं। इसके बाद आप गैस को बंद करके इसको थोड़ा ठंडा होने के लिए रख दें। फिर आप एक गिलास में आइस क्यूब्स और पेपरमिंट टी डालें। इसके बाद आप इसमें शहद और नींबू का रस डालकर मिला लें। अब आपकी हेल्दी पेपरमिंट टी बनकर तैयार हो चुका है।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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