Health Alert: शरीर खुद बताता है इस जानलेवा बीमारी के बारे में! इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज, जा सकती है जान    |    क्या है UPI पुल ट्रांजैक्शन? जिसे खत्म करने प्रयास कर रही NCPI, जानिए बड़ी वजह    |    पुलिस वाला बना दरिंदा : रेप पीड़िता ने पुलिस से मांगी मदद तो पुलिसवाले ने ही कर दिया ये बड़ा कांड    |    बड़ी ख़बर : मणिपुर के CM एन बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा... जाने क्या है मामला    |    ब्रेकिंग: छत्तीसगढ़ में HMPV वायरस ने दी दस्तक, सवा 3 साल के बच्चे की रिपोर्ट आई पॉजिटिव    |    कर्नाटक में मंकीपॉक्स की दस्तक, सामने आया पहला केस, दुबई से लौटे शख्स की रिपोर्ट आई पॉजिटिव    |    Delhi Pollution: दिल्ली-NCR में फिर लागू हुई GRAP-4 , जानिए किन चीजों पर रहेगी पाबंदियां    |    HMPV Cases in India: कोरोना जैसा वायरस! फिर होगा लॉकडाउन?    |    एलन मस्क ने रचा इतिहास, बने 400 अरब डॉलर की संपत्ति वाले पहले शख्स    |    वन नेशन वन इलेक्शन बिल को मिली कैबिनेट की मंजूरी, जल्द हो सकता हैं संसद में पेश    |
Previous123456789...5051Next
DRINKS : गर्मियों में राहत की तलाश? ये पेय देंगे शरीर को ठंडक और ताजगी

DRINKS : गर्मियों में राहत की तलाश? ये पेय देंगे शरीर को ठंडक और ताजगी

 SUMMER DRINKS : तापमान में लगातार बढ़ोतरी के साथ ही भीषण गर्मी लोगों को बेहाल कर रही है। ऐसे में शरीर को भीतर से ठंडक देने और डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए ठंडे और सेहतमंद पेय पदार्थों का सेवन बेहद जरूरी हो गया है। आयुर्वेद और पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ प्राकृतिक पेय न सिर्फ शरीर को ठंडा रखते हैं बल्कि ऊर्जा भी प्रदान करते हैं।

1. नारियल पानी:
गर्मी में सबसे बेहतरीन प्राकृतिक पेय है नारियल पानी। यह शरीर को हाइड्रेट करता है और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को दूर करता है। इसका सेवन थकान को भी कम करता है।

2. बेल का शरबत:
बेल फल को आयुर्वेद में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इसका शरबत पाचन तंत्र को मजबूत करता है और शरीर को ठंडक देता है। लू लगने की आशंका भी इससे कम होती है।

3. आम पना:
कच्चे आम से बना आम पना गर्मी में शरीर को ठंडा रखने वाला पारंपरिक पेय है। यह लू से बचाता है और डाइजेशन भी सुधारता है।

4. नींबू पानी (शिकंजी):
नींबू पानी में अगर थोड़ा काला नमक और पुदीना डाल दिया जाए, तो यह और भी अधिक ठंडक देता है। यह शरीर को रिफ्रेश करता है और नमक-पानी की कमी को दूर करता है।

5. छाछ (मट्ठा):
दही से बना छाछ न केवल ठंडक देता है बल्कि पेट के लिए भी बेहद फायदेमंद है। यह पाचन को दुरुस्त रखता है और शरीर को हाइड्रेटेड बनाए रखता है।

6. तरबूज और खीरे का रस:
ये दोनों फल पानी से भरपूर होते हैं। इनका रस पीने से शरीर को ठंडक मिलती है और गर्मी से राहत मिलती है।

विशेषज्ञों की सलाह:
गर्मी के मौसम में कैफीन और अत्यधिक शक्कर वाले कोल्ड ड्रिंक्स से परहेज करना चाहिए, क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट कर सकते हैं। इसके बजाय प्राकृतिक पेय को प्राथमिकता दें।

निष्कर्ष:
गर्मी से राहत पाने के लिए रोजाना कम से कम 2-3 बार ठंडे प्राकृतिक पेय का सेवन करें। इससे न सिर्फ लू और डिहाइड्रेशन से बचाव होगा, बल्कि शरीर को ठंडक और ऊर्जा भी मिलेगी।

Health NEWS: गर्मियों के मौसम में पपीता खाने के फायदे जो आपको हैरान कर देंगे

Health NEWS: गर्मियों के मौसम में पपीता खाने के फायदे जो आपको हैरान कर देंगे

 Health NEWS: एक फल है।… पपीता का वैज्ञानिक नाम कॅरिका पपया ( carica papaya ) है। इसकी फेमिली केरीकेसी ( Caricaceae ) है। इसका औषधीय उपयोग होता है। पपीता स्वादिष्ट तो होता ही है इसके अलावा स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। सहज पाचन योग्य है। पपीता भूख और शक्ति बढ़ाता है। यह प्लीहा, यकृत को रोगमुक्त रखता और पीलिया जैसे रोगाें से मुक्ती देता है। कच्ची अवस्था में यह हरे रंग का होता है और पकने पर पीले रंग का हो जाता है। इसके कच्चे और पके फल दोनों ही उपयोग में आते हैं। कच्चे फलों की सब्जी बनती है। इन कारणों से घर के पास लगाने के लिये यह बहुत उत्तम फल है।

इसके कच्चे फलों से दूध भी निकाला जाता है, जिससे पपेन तैयार किया जाता है। पपेन से पाचन संबंधी औषधियाँ बनाई जातीं हैं। अत: इसके पक्के फल का सेवन उदरविकार में लाभदायक होता है। पपीता सभी उष्ण समशीतोष्ण जलवायु वाले प्रदेशों में होता है। उच्च रक्तदाब पर नियंत्रण रखने के लिए पपीते के पत्ते को सब्जी में प्रयोग करते है। पपीते में ए, बी, डी विटामिन और केल्शियम, लोह, प्रोटीन आदि तत्त्व विपुल मात्रा में होते है। पपीते से वीर्य बढ़ता है। त्वचा रोग दूर होते हैैं। ज़ख्म जल्दी ठीक होते है। मूत्रमार्ग की बिमारी दूर होती है। पाचन शक्ति बढ़ती है। मूत्राशय की बिमारी दूर होती है। खॉसी के साथ रक्त आ रहा हो तो वह रुकता है। मोटापा दूर होता है। कच्चे पपीता की सब्जी खाने से स्मरणशक्ती बढती है। पपीता और ककड़ी हमारे स्वास्थ्य केंद्र लिए उपयुक्त है।

इम्युनिटी बढ़ाता है

पपीता विटामिन-सी का एक अच्छा सोर्स है, जो शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। विटामिन-सी व्हाइट ब्लड सेल्स के निर्माण को बढ़ावा देता है, जो इन्फेक्शन और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। रोजाना पपीता खाने से आपकी इम्युनिटी मजबूत होती है और आप बीमारियों से दूर रहते हैं।

त्वचा के लिए फायदेमंद

पपीता में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन-सी त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करते हैं। यह त्वचा की झुर्रियों को कम करने और उम्र बढ़ने के लक्षणों को धीमा करने में मददगार होता है। पपीता का नियमित रूप से खाने से त्वचा की रंगत निखरती है और मुंहासे, दाग-धब्बे जैसी समस्याएं दूर होती हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है

पपीते में विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाती है। एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर को संक्रमण से लड़ने और बीमारियों से जल्दी ठीक होने में मदद करती है।

आंखों के लिए लाभदायक

पपीता में विटामिन-ए और बीटा-कैरोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो आंखों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने और मोतियाबिंद जैसी समस्याओं को रोकने में मदद करता है। रोजाना पपीता खाने से आंखों की सेहत अच्छी रहती है।

हृदय स्वास्थ्य

पपीते में मौजूद फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और पोटैशियम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके और रक्तचाप को नियंत्रित करके हृदय स्वास्थ्य में योगदान करते हैं। बेहतर हृदय स्वास्थ्य हृदयाघात और स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करता है।

हड्डियों को मजबूत बनाता है

पपीता में विटामिन-के और कैल्शियम की मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। विटामिन-के कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन को बढ़ाता है, जिससे हड्डियों की डेंसिची बढ़ती है और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है।

हड्डियों को मजबूत बनाता है

पपीता में विटामिन-के और कैल्शियम की मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। विटामिन-के कैल्शियम के अब्जॉर्प्शन को बढ़ाता है, जिससे हड्डियों की डेंसिची बढ़ती है और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है।

Gond Katira Benefits : स्किन से हड्डियों तक फायदेमंद: जानें गोंद कतीरा के बेहतरीन लाभ

Gond Katira Benefits : स्किन से हड्डियों तक फायदेमंद: जानें गोंद कतीरा के बेहतरीन लाभ

 Gond Katira Benefits : गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडा और तरोताजा बनाए रखना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में गोंद कतीरा एक बेहतरीन और प्राकृतिक उपाय साबित हो सकता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, जो शरीर को अंदरूनी ठंडक प्रदान करती है और गर्मी से होने वाली समस्याओं से राहत देती है। यह न सिर्फ शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है, बल्कि स्किन ग्लो बढ़ाने और हड्डियों को मजबूत बनाने में भी सहायक होता है।

गोंद कतीरा के अद्भुत फायदे

1. शरीर को ठंडक देता है

गर्मी में गोंद कतीरा का सेवन शरीर की भीतरी गर्मी को कम करता है। यह लू लगने के खतरे को कम करता है और शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाने में मदद करता है।

2. पाचन तंत्र को सुधारता है

यह पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है और आंतों को ठंडक प्रदान करता है। कब्ज, एसिडिटी और पेट की जलन जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में भी यह कारगर साबित होता है।

3. स्किन की चमक बढ़ाता है

गोंद कतीरा शरीर में नमी बनाए रखता है, जिससे त्वचा ग्लोइंग और हेल्दी बनी रहती है। यह ड्राई स्किन और झुर्रियों को कम करने में भी सहायता करता है।

4. हड्डियों को मजबूत बनाता है

यह कैल्शियम और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो हड्डियों की मजबूती में सहायक है। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की बीमारियों को रोकने में भी मदद करता है।

5. उम्र बढ़ाने में मददगार

आयुर्वेद के अनुसार, गोंद कतीरा शरीर को अंदर से शुद्ध करता है, जिससे ताजगी और ऊर्जा बनी रहती है। इसके एंटी-एजिंग गुण झुर्रियों को कम करते हैं और त्वचा को जवां बनाए रखते हैं।

6. इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है

गोंद कतीरा शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है और इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करता है। यह वायरल इंफेक्शन और अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव में भी कारगर साबित हो सकता है।

कैसे करें सेवन?

गोंद कतीरा को रातभर पानी में भिगोकर सुबह दूध या शरबत में मिलाकर पी सकते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से गर्मियों में शरीर को ठंडक और सेहत को फायदा मिलता है।

 Face Pack : ग्लोइंग स्किन पाने के लिए चेहरें पर लगाएं पपीता, दही और शहद का फेस मास्क

Face Pack : ग्लोइंग स्किन पाने के लिए चेहरें पर लगाएं पपीता, दही और शहद का फेस मास्क

 Papaya and Honey Face Pack: हेल्दी और ग्लोइंग पाने के लिए आप पपीते और दही से बना फेस मास्क भी लगा सकते हैं। यह फेस मास्क त्वचा में प्राकृतिक निखार बढ़ाने में मदद करता है। आइए जानते है फेस मास्क कैसे बनाना है।

सामग्री

  • पपीते का पल्प – 2 चम्मच
  • दही- 2 चम्मच
  • शहद- आधा चम्मच

बनाने की विधि

पपीते के पल्प के साथ गाढ़ा दही मिलाएं। अब इसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाएं और सूखने दें। इस फेस मास्क को आप सप्ताह में 2 से 3 बार लगा सकते हैं।

Papaya and Honey Face Pack पपीते और दही फेस मास्क के फायदे-

पपीते में मौजूद एंजाइम्स, विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट ओवरऑल स्किन हेल्थ के लिए जरूरी होती हैं। ये स्किन को एक्सफोलिएट और मॉइस्चराइज करने में मदद करते हैं। इससे स्किन एजिंग का खतरा कम होता है और स्किन में ग्लो आता है। दही त्वचा को हाइड्रेट और मॉइस्चराइज करने में मदद करता है। इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड स्किन को एक्सफोलिएट करता है और स्किन इंफ्लेमेशन कम करता है। इसे इस्तेमाल करने से स्किन इलास्टिसिटी इंप्रूव होती है और स्किन में रिंकल्स और फाइन लाइंस जल्दी नहीं आते हैं। शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण मौजूद होते हैं, जो ओवरऑल स्किन हेल्थ के लिए जरूरी हैं। त्वचा पर शहद लगाने से स्किन हाइड्रेट रहती है, स्किन हील होती है और एक्ने-पिंपल्स का असर भी कम होता है।

गन्ने का रस या नारियल पानी? जानिए गर्मियों में सेहत के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंद

गन्ने का रस या नारियल पानी? जानिए गर्मियों में सेहत के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंद

 गर्मियों में सभी के लिए हाइड्रेशन बहुत महत्वपूर्ण होता है, और इसके लिए गन्ने का रस और नारियल पानी दोनों ही शानदार विकल्प हैं। हालांकि, दोनों के अपने-अपने फायदे हैं, तो चलिए, हम दोनों की तुलना करते हैं और जानते हैं कि कौन-सा आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

गन्ने का रस

फायदे

  1. प्राकृतिक ऊर्जा का स्रोत – गन्ने का रस शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है, क्योंकि इसमें प्राकृतिक शर्करा होती है जो तुरंत ऊर्जा देती है।
  2. पाचन में मदद – यह पाचन में सुधार करता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है।
  3. त्वचा के लिए अच्छा – इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C होते हैं, जो त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाए रखते हैं।
  4. हीमोग्लोबिन बढ़ाने में सहायक – गन्ने का रस आयरन से भरपूर होता है, जो खून की कमी को दूर करने में मदद करता है।

नुकसान

  • गन्ने का रस मीठा होता है और इसमें शर्करा की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही पीना चाहिए, खासकर अगर आप वजन घटाने या शुगर कंट्रोल पर ध्यान दे रहे हैं।

नारियल पानी

फायदे

  1. इलेक्ट्रोलाइट्स का अच्छा स्रोत – इसमें प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स (पोटैशियम, सोडियम, मैग्नीशियम) होते हैं, जो शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं और तरल पदार्थों की कमी को जल्दी पूरा करते हैं।
  2. हल्का और पाचन में मददगार – यह हल्का और आसानी से पचने वाला होता है, जिससे पेट पर बोझ नहीं पड़ता।
  3. वजन कम करने में मदद – नारियल पानी में कैलोरी कम होती है, जो वजन कम करने वालों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
  4. त्वचा को पोषण – यह त्वचा को हाइड्रेट करता है और मुंहासों को कम करने में मदद करता है।

नोट: कुछ लोग नारियल पानी का स्वाद पसंद नहीं करते हैं, और इसकी उपलब्धता भी कुछ क्षेत्रों में सीमित हो सकती है।

कौन सा पेय है ज्यादा फायदेमंद ?

हाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट्स – अगर आप गर्मी में हाइड्रेटेड रहना चाहते हैं, तो नारियल पानी सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि यह शरीर में तरल पदार्थों और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को जल्दी पूरा करता है।

ऊर्जा और पाचन – यदि आप ज्यादा ऊर्जा चाहते हैं और पाचन संबंधी समस्याओं से बचना चाहते हैं, तो गन्ने का रस बेहतरीन विकल्प है।

वजन घटाना – अगर आप वजन घटाना चाहते हैं या कैलोरी कम करना चाहते हैं, तो नारियल पानी बेहतर है क्योंकि इसमें कैलोरी कम होती है और यह हल्का होता है।

गौरतलब है कि दोनों ड्रिंक्स गर्मी में हाइड्रेशन के लिए अच्छे हैं, लेकिन नारियल पानी हाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट्स की बहाली में ज्यादा प्रभावी होता है। वहीं, गन्ने का रस ऊर्जा देने में ज्यादा मदद करता है। आप अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से इनका चुनाव कर सकते हैं।

kidney को रखना चाहते हैं स्वस्थ? इन 5 गलतियों से बचें वरना हो सकता है नुकसान

kidney को रखना चाहते हैं स्वस्थ? इन 5 गलतियों से बचें वरना हो सकता है नुकसान

 नई दिल्ली। शरीर का ख्याल रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि अगर हम अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देंगे, तो कई बीमारियां हमें घेर सकती हैं। kidney हमारे शरीर का एक अहम अंग है, जो रक्त को साफ करने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। लेकिन गलत आदतों की वजह से किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है और गंभीर बीमारियां जन्म ले सकती हैं।

kidney को रखना चाहते हैं स्वस्थ?

अगर आप अपनी किडनी को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो कुछ आदतों से बचना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं 5 ऐसी आम गलतियों के बारे में, जो किडनी को धीरे-धीरे खराब कर सकती हैं।

1. ज्यादा नमक खाना

अगर आप बहुत ज्यादा नमक खाते हैं, तो संभल जाइए! अधिक नमक का सेवन ब्लड प्रेशर बढ़ाता है और किडनी पर दबाव डालता है, जिससे किडनी को नुकसान पहुंच सकता है।

कैसे बचें?
 दिनभर में 5 ग्राम (1 चम्मच) से ज्यादा नमक न खाएं।
 प्रोसेस्ड फूड और पैकेज्ड स्नैक्स से दूरी बनाएं।

2. कम पानी पीना

कम पानी पीना किडनी की सेहत के लिए सबसे खतरनाक आदतों में से एक है। पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, लेकिन अगर आप कम पानी पीते हैं, तो किडनी पर दबाव बढ़ता है और वह सही से काम नहीं कर पाती।

कैसे बचें?
 रोजाना 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
 ज्यादा नमक, मसालेदार खाना खाने के बाद पानी की मात्रा बढ़ाएं।

3. अधिक कैफीन का सेवन

अगर आप बहुत ज्यादा चाय, कॉफी या एनर्जी ड्रिंक्स पीते हैं, तो यह किडनी के लिए खतरनाक हो सकता है। कैफीन ब्लड प्रेशर बढ़ाता है, जिससे किडनी पर बुरा असर पड़ता है।

कैसे बचें?
 दिन में 2 कप से ज्यादा चाय या कॉफी न पिएं।
 कैफीनयुक्त ड्रिंक्स की बजाय हर्बल टी या नींबू पानी का सेवन करें।

4. सिगरेट पीना

सिगरेट पीने से केवल फेफड़े ही नहीं, बल्कि किडनी भी प्रभावित होती है। सिगरेट में मौजूद हानिकारक तत्व किडनी की ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे किडनी धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है।

कैसे बचें?
 धूम्रपान पूरी तरह बंद करें।
 हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और सिगरेट की लत छोड़ने के लिए एक्सपर्ट से सलाह लें।

5. अधिक शराब का सेवन

शराब किडनी के लिए धीमा जहर साबित हो सकती है। यह किडनी की फिल्टर करने की क्षमता को कमजोर कर देती है, जिससे शरीर में विषैले तत्व जमा होने लगते हैं और धीरे-धीरे किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।

कैसे बचें?
 शराब का सेवन पूरी तरह बंद करें या सीमित मात्रा में लें।
 हेल्दी ड्रिंक्स जैसे नारियल पानी और जूस को अपनी डाइट में शामिल करें।

Health Tips: अमृत से कम नहीं है कच्ची हल्दी, दूध में उबालकर रोजाना पीने से जोड़ों का दर्द होगा जड़ से खत्म!

Health Tips: अमृत से कम नहीं है कच्ची हल्दी, दूध में उबालकर रोजाना पीने से जोड़ों का दर्द होगा जड़ से खत्म!

 Health Tips: किचन में हल्दी एक ऐसी चीज है जो काफी गुणकारी होती है। चाहे आप हल्दी को आप मसाले के तौर पर इस्तेमाल करें, पान में घोलकर पीएं या शहद में डालकर खाएं। हल्दी के कई फायदे हैं। यह आपकी सेहत के लिए काफी रामबाण है। कच्ची हल्दी का उपयोग आयुर्वेद में कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। रात को दूध में उबालकर कच्ची हल्दी पीने से आपके शरीर को कई फायदे मिल सकते हैं।

जोड़ों के दर्द में राहत

कच्ची हल्दी में कुरकुमिन नामक यौगिक होता है जो जोड़ों के दर्द में राहत दिलाने में मदद करता है। अगर आप जोड़ों के दर्द से परेशान हैं और कई जगह दिखाने के बावजूद आपको आराम नहीं मिल पा रहा है तो आप कच्ची हल्दी का सेवन करना शुरू कर दें। कच्ची हल्दी आपको जोड़ों के दर्द से काफी निजात दिलाती है। रोजाना रात को आप कच्ची हल्दी को दूध में डालकर उबाल लें। फिर इसको थोड़ा ठंडा होने पर पीएं।

पाचन तंत्र को बनाती है मजबूत

कच्ची हल्दी में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। अगर आप रेगुलर मोड पर कच्ची हल्दी का सेवन करते हैं तो यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में काफी गुणकारी है।वहीं कच्ची हल्दी में विटामिन सी और ई होते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

स्किन एलर्जी से बचाती है कच्ची हल्दी

कच्ची हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो त्वचा की समस्याओं में राहत दिलाने में मदद करते हैं। दूध के अलावा भी आप कच्ची हल्दी को पानी में उबाल लें। फिर इस पानी को आप गर्म पानी की बोतल में मिला लें। पूरे दिन अब आप इस पानी को पीते रहें। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपकी स्किन के लिए काफी लाभकारी होते हैं। इसके साथ ही यह पेट की समस्याओं को भी दूर करती है।

वहीं कच्ची हल्दी में कुरकुमिन नामक यौगिक होता है जो कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है। कच्ची हल्दी का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है, खासकर यदि आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं या किसी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं।a

Benefits Of Vajrasana : बेहतर स्वास्थ्य के लिए दिन में बस 5 मिनट कर लीजिए यह आसन, तनाव से लेकर मांसपेशियों का दर्द होगा दूर

Benefits Of Vajrasana : बेहतर स्वास्थ्य के लिए दिन में बस 5 मिनट कर लीजिए यह आसन, तनाव से लेकर मांसपेशियों का दर्द होगा दूर

 Benefits Of Vajrasana : आज के भागदौड़ भरे दिनचर्या में बेहतर स्वास्थ्य के लिए योग सबसे इफेक्टिव एक्सरसाइज में से एक है.योग में भी कई प्रकार की मुद्राएं होती हैं, आज हम जिस योगासन के बारे में आपको बताने वाले हैं, अगर इस आसन को आप केवल 5 मिनट भी कर लेंगे, तो इससे आपके शरीर को कई फायदे मिलेंगे. इतना ही नहीं मानसिक शांति से लेकर आपका कंसंट्रेशन बढ़ेगा और मांसपेशियों को भी मजबूती मिलेगी. हम बात कर रहे हैं वज्रासन की, वज्रासन में केवल 5 मिनट बैठने से ही आपके शरीर को कई बेहतरीन फायदे मिलेंगे.

कैसे किया जाता है वज्रासन

वज्रासन एक आसान और इफेक्टिव योग मुद्रा है, इसमें घुटनों के बल बैठा जाता है. इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक समतल जगह पर योगा मैट बिछाएं. अपने घुटनों को मोड़ें, दोनों पैरों को पीछे की ओर ले जाएं और पंजों को एक साथ जोड़ लें. अपनी एड़ियों पर बैठ जाएं और दोनों हथेलियां को घुटने पर रखें, रीढ़ की हड्डी और गर्दन को सीधा रखें, आंखें बंद कर लें, धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें. इस मुद्रा में 5 से 7 मिनट तक बैठें, धीरे-धीरे आप इस टाइम को बढ़ा भी सकते हैं.

वज्रासन करने के 9 फायदे

पाचन तंत्र को बेहतर बनाएं

जी हां, वज्रासन करने से पेट के अंगों पर दबाव पड़ता है, जिससे आपकी पाचन क्रिया बेहतर होती है. यह योगासन कब्ज, अपच, गैस जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकता है.

डायबिटीज को कंट्रोल करें

रोजाना अगर आप 5 से 10 मिनट तक वज्रासन करते हैं, तो इससे आपके शरीर का ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है. खासकर टाइप टू डायबिटीज के मरीजों के लिए यह बहुत ही इफेक्टिव योगासन है.

वेट लॉस में मदद करें

वज्रासन करने से पेट की चर्बी को कम करने में भी मदद मिलती है, इससे पाचन तंत्र तो ठीक होता ही है, साथ ही आप तेजी से कैलोरी भी बर्न कर सकते हैं. खाना खाने के बाद आपको 5 मिनट वज्रासन में जरूर बैठना चाहिए.

हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाएं

रोजाना 5 से 10 मिनट तक वज्रासन में बैठने में शरीर का ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है, जिससे हार्ट हेल्थ बेहतर होती है और दिल की मांसपेशियों को मजबूत रखने में भी मदद मिलती है.

तनाव को कम करें

जी हां, वज्रासन आपके ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जिससे दिमाग को शांत करने में भी मदद मिलती है. ये स्ट्रेस-एंजाइटी को कम करके आपके मन को शांत कर सकता है.

घुटनों और पैरों के दर्द में फायदेमंद

अगर आप रोजाना 5 से 10 मिनट तक वज्रासन करते हैं, तो इससे आपके घुटनों और पैरों के दर्द में फायदा मिलता है. आर्थराइटिस की समस्या वाले लोगों को भी इससे बेहतरीन फायदे होते हैं.

पीठ के निचले हिस्से के दर्द को कम करें

जब आप कुछ समय के लिए वज्रासन में बैठते हैं, तो इससे आपका बॉडी पोस्चर ठीक होता है और यह आपके पीठ के निचले हिस्से में दर्द को कम करने में मदद कर सकता है.

UTI में हेल्प करें वज्रासन

यूरिनरी सिस्टम को हेल्दी बनाए रखने में वज्रासन मदद करता है, इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन या यूरिन से संबंधित समस्या नहीं होती है.

मांसपेशियों को मजबूत बनाएं

जब आप घुटने के बल बैठते हैं, तो इससे आपके पैरों के साथ ही पीठ की मांसपेशियां भी मजबूत होती है. साथ ही हाथ, गर्दन और दिमाग की मांसपेशियों को भी मजबूती मिलती है.

Health Tips : बेहतर सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है यह हरा पत्ता, फायदे जानकर आप भी शुरू कर देंगे सेवन

Health Tips : बेहतर सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है यह हरा पत्ता, फायदे जानकर आप भी शुरू कर देंगे सेवन

 Sehajan patti ke fayde : आम तौर पर घर के आसपास आपको सहजन के पेड़ आसानी से मिल जायेंगे. सहजन के पत्ते स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।सहजन का पौधा आपकी सेहत को कई तरीके से फायदे पहुंचा सकता है. इसका फूल, फल और पत्ते सभी कुछ बहुत उपयोगी होता है. इसमें विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम और ज़िंक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो आपकी ओवरऑल हेल्थ का ख्याल रखते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं सहजन के पत्ते आपकी हेल्थ को किन-किन तरीके से फायदा पहुंचाते हैं. आइए जानते हैं विस्तार से…

सहजन की पत्तियों के फायदे

त्वचा के लिए है लाभकारी

सहजन की पत्तियों में संतरे की तुलना सात गुना ज्यादा विटामिन सी होता है. साथ ही इसमें कैल्शियम की भी मात्रा भरपूर होती है.इसके अलावा यह आयरन का भी अच्छा सोर्स होता है. इसका सेवन आपकी त्वचा, मांसपेशियों और हड्डियों के लिए रामबाण हो सकता है.

ब्लड शुगर करे कंट्रोल

ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करने में सहजन की पत्तियां बहुत काम आती हैं. इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो पेट के लिए अच्छा होता है.

खून की कमी करे दूर

खून की भी कमी को दूर करने में सहजन की पत्तियों बहुत मददगार होता है. एनीमिया की बीमारी को दूर करने में भी सहजन की पत्तियों बहुत फायदेमंद है. इस पत्ती में प्रोटीन, एमिनो एसिड, फाइबर, विटामिन बी, सी और ई पाया जाता है.

लिवर रखे हेल्दी

लिवर को भी हेल्दी बनाए रखने में सहजन की पत्ती बहुत लाभकारी है. मोरिंगा में पॉलीफेनॉल नाम का एक कंपाउंड होता है जो लिवर को प्रोटेक्ट करने और डैमेज रिकवर करने में मदद करता है.

सूखी आंख की परेशानी करे दूर

सहजन में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो सूखी आंख या ड्राई आई और मोतियाबिंद जैसी बीमारी को ठीक करने में मदद करते हैं. इनमें आंखों की सफाई और नमी प्रदान करने वाले गुण होते हैं, जो त्वचा को हानिकारक तत्वों से बचाने का काम करते हैं.

Oral Health Care Tips:रेड वाइन, कॉफी या कोल्ड ड्रिंक.. क्या है दांतों के लिए ज्यादा नुकसानदायक?

Oral Health Care Tips:रेड वाइन, कॉफी या कोल्ड ड्रिंक.. क्या है दांतों के लिए ज्यादा नुकसानदायक?

 कोल्ड ड्रिंक और रेड वाइन ये कुछ ऐसी ड्रिंक्स हैं, जिन्हें लोग सबसे ज्यादा पीना पसंद करते हैं। सुबह की चाय-कॉफी से लेकर बाहर दोस्तों से मिलते समय कोल्ड ड्रिंक या वाइन पीना लोगों की डाइट का अहम हिस्सा बन चुका है।

सबसे ज्यादा स्टेनिंग रेड वाइन से होती है। रेड वाइन दांत के इनेमल, यानी ऊपरी कवरिंग से लेकर जड़ों तक स्टेन लगाता है। ऐसा इसमें मौजूद क्रोमोजेहै। कॉफी में क्रोमोजेन्स होते हैं और काली कोल्ड ड्रिंक काफी पिग्मेंटेड होती है। इसके कारण दांतों पर स्टेनिंग होने लगती है। हालांकि, कॉफी के कारण दांत के सिर्फ ऊपरी सतह पर ही डिसकलरेशन होता है, लेकिन यह भी धीरे-धीरे लंबे समय तक रह सकता है।इतना ही नहीं, इन ड्रिंक्स के कारण सिर्फ स्टेनिंग ही नहीं, दांतों को और भी कई नुकसान हो सकते हैं। इन ड्रिंक्स की एसिडिटी और शुगर के कारण दांतों से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं।

बचाव?

इसलिए इनसे बचने के लिए स्ट्रॉ का इस्तेमाल किया जाए। इससे ये ड्रिंक्स आपके दांतों के कॉन्टेक्ट में कम आएंगे। साथ ही, इन ड्रिंक्स को पीने के बाद पानी से कुल्ला करना जरूरी है, ताकि इनके पार्टिकल्स दांतों और मसूड़े पर न लगे रहें।

डॉ. यादव बताती हैं कि इन ड्रिंक्स में मौजूद शुगर और एसिड दांतों को सड़ा देते हैं। इसके कारण इनेमल इरोजन यानी दांत के ऊपरी परत को नुकसान और कैविटी हो सकती है।इसमें कैविटी की समस्या सबसे ज्यादा कोल्ड ड्रिंक से हो सकती है। वहीं, कॉफी के कारण मुंह सूखने और सलाइवा कम बनने लगता है। इस वजह से मुंह का पीएच लेवल कम हो सकता है, जो दांतों के लिए नुकसानदेह है।

Health Tips :भीगी किशमिश का सेवन इन 5 लोगों के लिए फायदेमंद है, सुबह खाली पेट खाएं फिर देखें कमाल

Health Tips :भीगी किशमिश का सेवन इन 5 लोगों के लिए फायदेमंद है, सुबह खाली पेट खाएं फिर देखें कमाल

 Soaked Raisins Benefits in Hindi: ड्राई फ्रूट्स का सेवन सेहत के लिए हमेशा फायदेमंद माना जाता है. कई लोग ड्राई फ्रूट्स को सूखा खाना पसंद करते हैं. तो वहीं कई लोग इनको भिगोकर खाना पसंद करते हैं. किशमिश, बादाम, अखरोट और अंजीर जैसे ड्राई फ्रूट्स को भिगोकर खाना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. इसलिए लोग कुछ ड्राई फ्रूट्स का सेवन लोग इसको भिगोकर करते हैं. आज हम एक ऐसे ही मेवे की बात करने वाले हैं जो शरीर को सेहतमंद बनाने में मददगार माना जाता है. हम बात कर रहे हैं किशमिश की जिसे पोषण का खजाना कहा जाए तो गलत नहीं होगा. अगर आप भी मजे से किशमिश खाते हैं तो और इसके लाभों के बारे में नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बताएंगे इसको खाने से होने वाले फायदे. खासतौर से भीगी किशमिश का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. बता दें कि रोजाना सुबह खाली पेट भीगी किशमिश खाने से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं. भीगी किशमिश (Raisins Health Benefits) में आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्निशियम और फाइबर जैसे गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को कई तरह की परेशानियों से बचाने में मदद कर सकते हैं.

1. हड्डियों के लिए फायदेमंद

किशमिश को कैल्शियम का अच्छा सोर्स भी माना जाता है. हम सभी जानते हैं कि कैल्शियम हड्डियों के लिए बेहद जरूरी होता है. ऐसे में अगर आप रोजाना भीगी किशमिश का सेवन करते हैं तो ये हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकती है.

2. आयरन से भरपूर

किशमिश में आयरन भी पाया जाता है जो शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा करने में मदद कर सकता है. अगर आप रोजाना सुबह खाली पेट भीगी किशमिश का सेवन करते हैं तो आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है.

3. बेहतर पाचन में मददगार 

किशमिश को फाइबर का अच्छा सोर्स भी माना जाता है, फाइबर पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है. भीगी हुई किशमिश का सेवन पेट से जुड़ी बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है.

4. वजन बढ़ाने में मददगार

हर रोज सुबह खाली पेट भीगी किशमिश का सेवन वजन को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है. अगर आप वजन बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं तो ऐसे में किशमिश का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.

5. एनर्जी बूस्टर

किशमिश में मौजूद आर्जिनिन नाम का प्रोटीन शरीर में एनर्जी को बढ़ाने में मदद करता है.

खून में दिखने वाले इस संकेत से हार्ट अटैक का खतरा, कैसे करें बचाव?

खून में दिखने वाले इस संकेत से हार्ट अटैक का खतरा, कैसे करें बचाव?

 Heart Attack Cause: आजकल लाइफस्टाइल डिजीज के मामले ज्यादा बढ़ने लगे हैं, इसमें हार्ट अटैक के मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं। इसके मामलों के बढ़ने का एक कारण खून भी है। जी हां, अगर हमारे शरीर में खून गाढ़ा होने लगता है, तो इससे भी हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ने लगता है। मेडिकल टर्म में खून गाढ़ा होने की स्थिति को हाइपरकोएग्युलेबिलिटी कहते हैं। इसमें शरीर के अंदर खून गाढ़ा होने से रक्त थक्के जमने लगते हैं। इससे कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें लिवर डैमेज और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है। आइए जानते हैं इस पर डॉक्टर की राय।

क्या सच में खून गाढ़ा होने से हार्ट अटैक आता है?

इस बारे में हमें डॉक्टर सलीम जैदी बता रहे हैं, जो एक यूनानी डॉक्टर हैं। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पेज पर वीडियो शेयर कर बताया है कि खून गाढ़ा होने से उसके थक्के बनने लगते हैं। खून के थक्कों से दिल की नसों तक ब्लड सप्लाई प्रभावित होती है, दिल तक खून सही से नहीं पहुंचेगा, तो इससे हार्ट अटैक आ सकता है। डॉक्टर ने इस पर कुछ स्पेशल टिप्स बताई हैं, जिनकी मदद से खून के गाढ़े होने की स्थिति से आप बच सकेंगे।

क्यों गाढ़ा होता है खून?

बॉडी में खून के गाढ़े होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

  1. हाई कोलेस्ट्रॉल- जब खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है तो यह ब्लड वेसल्स पर जम सकता है।
  2. हाई BP- हाई ब्लड प्रेशर से भी रक्त के थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है।
  3. धूम्रपान करने से भी खून गाढ़ा हो जाता है।

    इस होम रेमेडी से खून को करें पतला

    डॉक्टर जैदी ने इस नुस्खे में सिर्फ 2 चीजों का इस्तेमाल किया है, जिसमें लहसुन और शहद शामिल हैं। इसे खाने के लिए आपको रोजाना लहसुन की 2 कलियों को शहद के साथ मिलाकर दरदरा कूटना है। इसके बाद इसे खाली पेट खाना है और ऊपर से 1 गिलास गुनगुना पानी पीना है। लहसुन में एलिसिन नामक तत्व होता है जो प्राकृतिक रूप से खून को पतला करता है और ब्लॉकेज होने से आपको बचाता है। शहद एक नेचुरल एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड है, जो खून के प्रवाह में सुधार करता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है।

    खून गाढ़ा होने से अन्य नुकसान

    इससे हार्ट अटैक के अलावा, हार्ट स्ट्रोक के मामले बढ़ते हैं। ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। इससे किडनी फेल होने की संभावनाएं बढ़ती हैं। खून गाढ़ा होने से सांस लेने में तकलीफ होती है।

Morning Walk पर जाने से पहले पी लीजिए बस ये ड्रिंक

Morning Walk पर जाने से पहले पी लीजिए बस ये ड्रिंक

 सुबह की सैर पर जाने से पहले कुछ विशेष ड्रिंक्स पीने से शरीर में कई सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं। आमतौर पर देखा जाता है कि लोग सुबह उठते हैं और मॉर्निंग वॉक पर निकल जाते हैं। इससे उनको बहुत ज्यादा कोई फायदा नहीं होता। कई बार मॉर्निंग वॉक करने से पहले अगर आप कुछ विशेष ड्रिंक्स का सेवन करें तो आपको इसके काफी फायदे मिल सकते हैं।

नींबू पानी पीने से शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद मिलती है और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। अगर आप मॉर्निंग वॉक पर जाने से पहले नींबू पानी का सेवन करते हैं तो इसका लाभ बहुत है। आपके शरीर में एनर्जी रहती है तथा आपको फैट लॉस करने में भी मदद मिलती है। नींबू पानी आपके शरीर में कमजोरी नहीं होने देता है। इसके साथ ही यह आपकी स्किन और दिल के लिए भी काफी बेहतरीन ड्रिंक है।
 
ग्रीन टी पीने से शरीर को एंटीऑक्सीडेंट्स मिलते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। ग्रीन टी चाय वाली टी से बहुत दर्जे बेस्ट है। ग्रीन टी आपकी सेहत पर काफी प्रभाव छोड़ती है। आपके शरीर में जमा एक्सट्रा फैट कम होने लगता है अगर आप सुबह की वॉक से पहले चाय पीते हैं। ग्रीन टी एक बेहतर विकल्प है। आप डेली रूटीन में भी ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।

नारियल पानी पीने से शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद मिलती है और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। नारियल पानी आपके चेहरे पर निखार बढ़ाता है। इसके साथ ही आपको पूरे दिन तरोताजा रखते हैं। नारियल पानी आप वॉक से पहले और बाद में भी पीएं तो इसके कई लाभ है। ये आपके लीवर के लिए भी काफी फायदेमंद है।

आंवला जूस पीने से शरीर को विटामिन सी मिलता है जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। आंवला लाकर आप उसको ग्राइंड कर इसका जूस निकाल सकते हैं। इसको पीने से आपके शरीर की सारी गंदगी बाहर आ जाती है। साथ ही आप का ब्लड भी फिल्टर होता है। इन बदलावों को प्राप्त करने के लिए, आपको नियमित रूप से इन ड्रिंक्स को पीना होगा और स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना होगा।

Heart attack : सर्दियों में हार्ट अटैक के शिकार हो सकते हैं इस उम्र के लोग, जानें कैसे करें बचाव

Heart attack : सर्दियों में हार्ट अटैक के शिकार हो सकते हैं इस उम्र के लोग, जानें कैसे करें बचाव

 Heart attack : सर्दियों में सुबह के समय हार्ट अटैक के मामले 53 प्रतिशत से ज़्यादा होते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं किन लोगों को हार्ट अटैक ज़्यादा आने की सम्भावना रहती है और किन लोगों को अपनी सेहत को लेकर सावधान हो जाना चाहिए?

इन लोगों को आता है ज़्यादा Heart attack
सर्दियों के मौसम में जो पुरुष 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं उनमे हार्ट अटैक की संभावना कई गुना ज़्यादा बढ़ जाती है। वहीं महिलाओं को 55 वर्ष या उससे अधिक उम्र के दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है। जो लोग हद से ज्यादा स्मोकिंग और तंबाकू का सेवन करते है। उनकी हार्ट से ब्लड पहुंचाने वाली नर्व्स ब्लॉक हो जाती है। जिसके कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं व्यक्ति को अपनी सेहत पर ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है। साथ ही मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबटीज़ जैसी बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति भी इस मौसम में हार्ट अटैक का बहुत ज़्यादा शिकार होते हैं।

Heart attack : ऐसे रखें अपना ख्याल:
स्वस्थ और सेहनतमंद शरीर चाहते हैं तो अपनी जीवनशैली में हल्का-फुल्का बदलाव करें। समय पर भोजन करें। रात का भोजन हल्का फुल्का करें और कोशिश करें की आप रात 8 बजे से पहले खाना खा लें। समय पर सोएं साथ ही 7 से 8  घंटे अपने दिमाग और शरीर को आराम दें। लोग दूध व दूध से बने खाद्य पदार्थ का सेवन 40 वर्ष की आयू के बाद बेहद कम कर दें या पूरी तरह छोड दें। खाने से रिफाइंड तेल का इस्तेमाल कम से कम करें। रोज़ाना योग और एक्सरसाइज़ करें।

दिल के दौरे के सबसे आम लक्षण हैं:

  • सीने में दर्द – छाती में दबाव या जकड़न जो आपके जबड़े, गर्दन या बाएं हाथ तक फैल सकती है
  • अचानक चक्कर आना , बेहोशी , सिर हल्का होना या चिंता महसूस होना
  • मतली या उलटी
  • अपच की भावना
  • पसीना आना, या ठंडा पसीना आना
  • पीला दिखना
  • सांस लेने में तकलीफ या सांस लेने में कठिनाई
  • घबराहट (अपने दिल की धड़कन का एहसास होना)
  • सीने में दर्द आ-जा सकता है।

महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण

महिलाओं को विभिन्न लक्षण अनुभव हो सकते हैं, जैसे:

  • सांस फूलना और सामान्य रूप से अस्वस्थ महसूस होना
  • बाहों में जकड़न या बेचैनी
  • सीने में दर्द जो जलन, धड़कन, जकड़न या फंसी हुई हवा जैसा महसूस होता है
  • अपच या पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द की अनुभूति
  • ऊपरी पीठ में दर्द या दबाव

हार्ट अटैक के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। कुछ लोगों को हार्ट अटैक से पहले कोई चेतावनी संकेत नहीं मिलता। यह संभव है कि उन्हें सीने में दर्द बिल्कुल भी महसूस न हो।

HEALTH TIPS : क्या ज्यादा एसिडिटी होना कैंसर का लक्षण है, जानिए?

HEALTH TIPS : क्या ज्यादा एसिडिटी होना कैंसर का लक्षण है, जानिए?

 HEALTH TIPS : कई बार खाना पीना ठीक से नहीं पचता तो गैस एसिडिटी और पेट फूलने की समस्या होने लगती है, लेकिन जरूरत से ज्यादा एसिड बनना, डकारें आना या फिर एसिडिटी होना कई बार खतरनाक भी हो सकता है। पेट के कैंसर या गैस्ट्रिक कैंसर (Stomach Cancer) के लक्षण भी इससे काफी मिलते जुलते होते हैं।

पेट में एसिड रिफ्लक्स तब होता है, जब पेट में असामान्य कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं। एसिड रिफ्लक्स होने पर पेट में गया खाना वापस खाने की नली में आने लगता है। कई बार लोग इसे पेट के कैंसर से जोड़कर भी देखने लगते हैं, लेकिन असल में ये पेट का कैंसर हो ये जरूरी नहीं है।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, गैस्ट्रिक कैंसर का एक बड़ा कारण हो सकता है जब आपको ज्यादा और लगातार एसिड रिफ्लक्स होने लगे। जो लोग हाई कार्बोहाइड्रेट और हाई फैट वाला खाना खाते हैं उन्हें ये समस्या ज्यादा होती है। क्रोनिक एसिड रिफ्लक्स होने पर पेट की ऊपरी परत को नुकसान होता है। जिससे कैंसर का खतरा पैदा हो सकता है।

पेट के कैंसर के लक्षण (symptoms of stomach cancer)

  • एसिड रिफ्लक्स
  • सीने में जलन
  • खाना निगलने में परेशानी
  • अपच और ज्यादा डकार आना
  • बार बार बीमार होना
  • खाना खाने में जल्दी पेट भरा सा महसूस होना
  • भूख कम लगना और वजन कम होना
  • पेट में दर्द और गांठ जैसी महसूस होना
  • दिनभर थकान और एनर्जी में कमी लगना
ठंड आते ही शरीर में कम होने लगता है ये विटामिन

ठंड आते ही शरीर में कम होने लगता है ये विटामिन

 शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अलग-अलग पोषक तत्वों की जरूरत होती है। खासतौर से ठंड के मौसम में इम्यूनिटी काफी कमजोर होने लगती है। सर्दियों में शरीर में कई जरूरी विटामिन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। खासतौर से विटामिन डी कम होने लगता है जिससे पूरे शरीर पर बुरा असर पड़ता है। सर्दियों में शरीर में विटामिन डी की कमी होने से रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि खाने में विटामिन डी से भरपूर चीजें शामिल कर लें। जिससे शरीर में विटामिन डी की दैनिक जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।

मशरूम- विटामिन डी की कमी पूरी करने के लिए खाने में मशरूम जरूर शामिल करें। मशरूम को विटामिन डी का बेहतरीन स्रोत माना जाता है। मशरूम जब सूरज की रौशनी के संपर्क में आता है तो इससे विटामिन डी का उत्पादन होता है। मशरूम को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं।

सी फूड- विटामिन डी की कमी पूरी करने के लिए खाने में सी फूड को शामिल करें। आप समुद्री मछलियों में सैलमन, ट्यूना, और मैकेरल फिश खा सकते हैं। ये विटामिन डी और हेल्दी फैट्स का अच्छा सोर्स मानी जाती हैं।

संतरा- ठंड में कुछ लोग संतरा खाने से बचते हैं लेकिन संतरा विटामिन डी, विटामिन सी और कैल्शियम से भरपूर होता है। आप संतरा या फिर संतरे का जूस पी सकते हैं। इससे शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम दोनों की कमी पूरी होगी। इम्यूनिटी भी मजबूत बनेगी।

दूध- दूध और डेयरी उत्पाद भी विटामिन डी का अच्छा सोर्स हैं। खासतौर से गाय का दूध पीने से शरीर को विटामिन डी मिलता है। दूध में विटामिन डी के अलावा कैल्शियम और दूसरे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। इसलिए दिन में 1-2 गिलास दूध जरूर पीएं।

दही- शाकाहारी लोग खाने में दही जरूर शामिल करें। सर्दियों में ताजा घर का बना दही खाएं। इससे शरीर को विटामिन डी और कैल्शियम दोनों मिल जाएंगे। रोजाना दही खाने से हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है और पाचन भी दुरुस्त रहता है।

स्किन के लिए फायदेमंद है अखरोट का सेवन

स्किन के लिए फायदेमंद है अखरोट का सेवन

 अखरोट एक ऐसा ड्राई फ्रूट है जिसका सेवन करने से आपकी सेहत को कई फायदे होंगे। हाल ही में हुई एक नई स्टडी के अनुसार, जो लोग रोज़ाना अखरोट का सेवन करते हैं, उन्हें दिल से जुड़ी बीमारी की संभावना बहुत कम होती है। इसमें मौजूद कैल्शियम, विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन हमारे शरीर को हेल्दी बनाते हैं। चलिए बताते हैं इस ड्राई फ्रूट के सेवन से आपके शरीर को क्या फायदे होते हैं।

अखरोट का सेवन करने से मिलते हैं ये फायदे:

हड्डियां बनाए मजबूत: अखरोट में मौजूद अल्फा-लिनोलेनिक एसिड कमजोर हड्डियों वाले लोगों के लिए वरदान है। अगर आपकी हड्डियों में हमेशा दर्द रहता है तो रोज़ाना सुबह के समय खाली पेट भीगे हुए अखरोट का सेवन करें।

स्किन के लिए फायदेमंद: अखरोट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन बी6 आपकी स्किन की सेहत के लिए कारगर है। यह आपकी स्किन को जवां और चमकदार दिखने में मदद करता है। यानी आप अपनी स्किन को मुलायम बनाए रखना चाहते हैं तो रोजाना 5-6 अखरोट खाएं।

दिमाग करे तेज: जिन लोगों को हर चीज़ भूलने की आदत होती है उन्हें अपनी डाइट में इस ड्राई फ्रूट को ज़रूर शामिल करना चाहिए। अखरोट में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन E जैसे पोषक तत्व आपके दिमाग की सेहत को हेल्दी बनाते हैं। अखरोट खाने से दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है जिससे ऑक्सीजन आसानी से दिमाग तक पहुंच पाते हैं।

डायबिटीज करे कंट्रोल:  अखरोट डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है। दरअसल, अखरोट ब्लड में ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल करता है जिससे टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम कम हो जाता है।

वजन कम करने में मददगार: अगर आप बढ़ते मोटापे से परेशान हैं तो आपका वजन कम करने में अखरोट बेहद फायदेमंद हो सकता है। दरअसल इसमें है प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है जो आपकी भूख को कम करता है।

एक दिन में कितना खाएं?

पूरे दिन एक्टिव रहने के लिए रोजाना सुबह के समय खाली पेट 5-6 भिगोया हुआ अखरोट खाएं। भिगोया हुआ अखरोट आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।

HEALTH TIPS : सर्दियों में फिट रहने के लिए हर रोज पिएं गाजर का जूस

HEALTH TIPS : सर्दियों में फिट रहने के लिए हर रोज पिएं गाजर का जूस

 HEALTH TIPS : सर्दियों में गाजर का जूस (carrot juice) सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है? गाजर के जूस में विटामिन ए, फाइबर, विटामिन के1, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है। यही वजह है कि सर्दियों में इस नेचुरल जूस को पीने की सलाह दी जाती है।

इम्यूनिटी बनाए मजबूत

अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए गाजर का जूस पीना शुरू कर दीजिए। सर्दियों में अक्सर कमजोर इम्यूनिटी की वजह से लोग बीमार पड़ जाते हैं। वहीं, रेगुलरली गाजर का जूस पीकर आप मौसमी बीमारियों की चपेट में आने से खुद को बचा सकते हैं। गाजर का जूस ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर हार्ट हेल्थ को भी मजबूत बनाने में कारगर साबित हो सकता है।-

हेल्थ के लिए फायदेमंद

फाइबर रिच गाजर का जूस डाइजेस्टिव सिस्टम को सुधारने में भी कारगर साबित हो सकता है। कब्ज जैसी पेट से जुड़ी समस्या से छुटकारा पाने के लिए गाजर का जूस पी सकते हैं। इसके अलावा गाजर के जूस में पाए जाने वाले तमाम तत्व आपके स्ट्रेस को कम करने में भी मददगार साबित हो सकते हैं।

त्वचा के लिए वरदान

गाजर का जूस आंखों की सेहत पर भी पॉजिटिव असर डाल सकता है। गाजर का जूस पीना न केवल सेहत के लिए बल्कि त्वचा के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। हर रोज गाजर का जूस पीकर आप प्रीमैच्योर एजिंग की समस्या का शिकार बनने से बच सकते हैं।

 
शरीर में आयरन की कमी से होने लगती हैं ये बीमारी

शरीर में आयरन की कमी से होने लगती हैं ये बीमारी

 आयरन की कमी से एनीमिया कई बार गंभीर परिस्थितियां पैदा कर सकता है। इसलिए आयरन की कमी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अगर समय रहते इलाज नहीं किया जाए तो ये स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

आयरन की कमी से होने वाली बीमारियां

हार्ट की समस्याएं- शरीर में आयरन की कमी होने पर दिल की धड़कन तेज या अनियमित हो सकती है। जो लोग एनीमिया के शिकार होते हैं उनके खून में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण हार्ट को अधिक ब्लड पंप करना पड़ता है। जिससे दिल का आकार बढ़ सकता है। कई बार ये स्थिति हार्ट अटैक का कारण भी बन सकती है।

प्रेगनेंसी में समस्याएं- गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी होने से बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है। कई बार बच्चे के वजन पर भी इसका असर देखा गया है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में आयरन की कमी बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए।

बच्चे की ग्रोथ पर असर- अगर प्रेगनेंसी में महिला के अंदर आयरन की कमी है तो इससे शिशु के विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं बच्चों में आयरन की कमी होने से उनकी ग्रोथ पर असर पड़ता है। इसलिए बच्चों की डाइट में आयरन से भरपूर चीजों को जरूर शामिल करें।

आयरन की कमी दूर करने के लिए क्या खाएं

गहरे हरे पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, बथुआ, मेथी खाएं

मटर और चुकंदर का सेवन करें

रेड मीट और मुर्गी खाएं

सीफूड में भी आयरन होता है

फलियों में भी भरपूर आयरन होता है

ड्राई फ्रूट्स जैसे कि किशमिश और खुबानी

साबुत अनाज, ब्रेड और पास्ता खाएं

आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आपको आयरन के साथ विटामिन सी से भरपूर आहार भी डाइट में शामिल करने की जरूरत है। विटामिन सी शरीर में आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है। इसलिए आयरन के साथ विटामिन सी का भी सेवन जरूरी है।

सेहत और पर्यावरण दोनों को नुकसान पहुंचाता है आपका Beauty Routine, जानें इसे इको-फ्रेंडली बनाने के टिप्स

सेहत और पर्यावरण दोनों को नुकसान पहुंचाता है आपका Beauty Routine, जानें इसे इको-फ्रेंडली बनाने के टिप्स

 आजकल महिलाएं अपनी खूबसूरती बढ़ाने के लिए कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें से ज्यादातर प्रोडक्ट्स में कई तरह के हानिकारक केमिकल होते हैं? जी हां, यह केमिकल हमारे शरीर में जमा होकर कई गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं। साथ ही ज्यादातर प्रोडक्ट्स पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ करके तैयार किए जाते हैं। प्लास्टिक, हैवी मेटल, पेट्रोकेमिकल, कोल तार डाई, पैराबेन, पेस्टीसाइड, एनिमल एक्सप्लॉयटेशन जैसे कई नॉन इको फ्रेंडली चीजों का इस्तेमाल कर के गलत तरीके से ब्यूटी प्रोडक्ट्स तैयार किए जाते हैं जो सेहत के साथ पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक होते हैं।

इसके अलावा, ब्यूटी प्रोडक्ट को बनाने से लेकर इसकी पैकेजिंग में ढेर सारे प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे नेचर को कई रूप में नुकसान पहुंचता है। ऐसे में, जागरूक होकर अपने ब्यूटी प्रोडक्ट्स को चुनें ताकि पर्यावरण संरक्षण में आप अपना योगदान दे सकें। तो आइए, इस आर्टिकल में आपको कुछ ऐसे इको फ्रेंडली ब्यूटी हैक्स  के बारे में बताते हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी सेहत के साथ-साथ पर्यावरण का भी ख्याल रख सकते हैं।
  • ऐसे प्रोडक्ट्स को चुनें जिसकी सस्टेनेबल पैकेजिंग हुई हो और जिसमें नेचुरल इंग्रेडिएंट्स का इस्तेमाल हुआ हो। ध्यान रहे कि जिसके ऊपर रिसाइकल्ड या रिसाइक्लेबल लिखा हुआ हो ऐसे प्रोडक्ट्स का चुनाव करना बेहतर ऑप्शन है।
  • रियूजेबल आई पैच का इस्तेमाल करें। ये नेचर के साथ बैंक बैलेंस भी बचाता है।
  • मेकअप वाइप्स की जगह क्लींजिंग बाम का इस्तेमाल करें। इससे गैरजरूरी टिश्यू वेस्ट नहीं होगा जो कि पेड़ों के कटने से बनता है।
  • रिफिलेबल प्रोडक्ट्स चुनें जिसे दोबारा से आप भर सकें और इस तरह पैकेजिंग वेस्ट से बचा जा सकता है।
  • सर्टिफिकेशन देख कर प्रोडक्ट्स का चुनाव करें। USDA ऑर्गेनिक या ecocert से सर्टिफाइड होने पर एथिकल और पर्यावरण बचाव के स्टैंडर्ड पर आधारित प्रोडक्ट्स की पुष्टि होती है।
  • ऐसे ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें जो कि मल्टी टास्क करते हों। जैसे अच्छे क्वालिटी के फेस एक्सफोलिएटर से होंठो को भी एक्सफोलिएट कर लें, या फिर लिप ग्लॉस को ब्लश की तरह इस्तेमाल कर लें।
  • ब्यूटी प्रोडक्ट खरीदते समय रियूजेबल शॉपिंग बैग का इस्तेमाल करें।
  • कम पैकेजिंग वाले या फिर रिसाइकल सामान लें। कई लेयर की पैकेजिंग वाले सामान संसाधनों का गलत इस्तेमाल करते हैं। इसलिए ब्यूटी शॉपिंग करते समय सोच समझ कर फैसला लें।
Previous123456789...5051Next