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केमिकल युक्त फ्लोर क्लीनर के इस्तेमाल से बचें, बच्चे के दिमाग पर पड़ता है बुरा असर

केमिकल युक्त फ्लोर क्लीनर के इस्तेमाल से बचें, बच्चे के दिमाग पर पड़ता है बुरा असर
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घर साफ-सुथरा रहे और खतरनाक बैक्टीरिया और विषाणु न पनप पाएं इसके लिए लोग घर की साफ-सफाई में केमिकल युक्त क्लीनर का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आपको इस बात का जरा भी अंदाजा है कि यह केमिकल युक्त क्लीनर आपकी सेहत के लिए कितना नुकसानदायक साबित हो सकता है. कुछ समय पहले ही एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि घरेलू सफाई उत्पादों से बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. अध्ययन के मुताबिक, घरेलू सफाई उत्पाद खासतौर पर शिशुओं के विकास को प्रभावित कर सकते हैं.

बौद्धिक विकास पर पड़ता है असर:
अध्ययन ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है. उन्होंने पाया कि घरेलू कीटनाशकों से बच्चों का भाषा विकास प्रभावित हो सकता है. उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों के नियमित रूप से जहरीले घरेलू रसायनों के संपर्क में रहने से उनकी सोचने, समझने की क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है. साथ ही वे शब्दों को सीखने और बोलने में भी समय लेते हैं. ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और शोधकर्ता हुई जियांग ने कहा, निष्कर्षों का कहना है कि जहरीले घरेलू रसायनों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने के लिए अभिभावकों को परामर्श देने की जरूरत है.
दिमागी विकास के लिए दो वर्ष की आयु महत्वपूर्ण समय :
गर्भावस्था के दौरान लगभग 20 फीसदी माताओं ने जहरीले सफाई उत्पादों को इस्तेमाल करने की बात कही. लेकिन जब बच्चे एक से दो साल के बीच के थे, तो लगभग 30 फीसदी माताओं ने इन उत्पादों का इस्तेमाल किया. शोध के मुताबिक, माताओं ने बच्चे के जन्म के बाद जहरीले सफाई उत्पादों का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया.
शोधकर्ता ने कहा, जब बच्चे दो साल की उम्र में पहुंचते हैं, तो यह उनके दिमाग के विकास का महत्वपूर्ण समय होता है. अगर वे जहरीले रसायनों के संपर्क में आते हैं, तो उनकी भाषा और संज्ञानात्मक विकास में समस्याएं हो सकती हैं.
 

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