बंगाल चुनाव: EC की नई गाइडलाइंस जारी, प्रचार का समय कम करने से लेकर आपराधिक मामला दर्ज करने तक का आदेश
नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते मामलों और कोविड के नियमों के खुलेआम उल्लंघन के मामलों को देखने के बाद चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाए हैं. सर्वदलीय बैठक के बाद चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाकी बचे चरणों में प्रचार करने की अवधि को घटा दिया है. चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनावी प्रचार के समय को शाम 7 बजे तक सीमित कर दिया गया है. शाम 7 बजे से सुबह 10 बजे तक चुनाव प्रचार नहीं होगा.
इसी तरह मतदान के पूर्व प्रचार का शोर थमने की अवधि भी 48 घंटे से बढ़ाकर 72 घंटे कर दी गई है. यानी अब मतदान के तीन दिन पहले प्रचार थम जाएगा. नए नियम बंगाल विधानसभा चुनाव के शनिवार के बाद बचने वाले मतदान के तीन चरणों में लागू होंगे. इसके साथ ही सभी राजनीतिक दलों से कहा गया है कि वो जनता के सामने बेहतर उदाहरण पेश करें और खुद भी कोरोना गाइडलाइंस का पालन करें.
राजनीतिक दलों के साथ राज्य के सभी मजिस्ट्रेट और पुलिस के अधिकारियों को चुनाव आयोग के साफ तौर पर निर्देश है कि वो हर हालत में कोविड के नियमों का पालन करवाएं. अगर कोई राजनीतिक दल या कोई नेता नियमों का उल्लंघन करता है तो जिले के प्रशासन के पास ये अधिकार होगा कि वो सभा या रैली, रोड शो और कैंपेन को रद्द कर सकता है.
केंद्रीय चुनाव आयोग ने इसके साथ ही राजनेताओं से भी कहा है कि वह भी जन सभाओं और रैलियों में जाने के दौरान लोगों को मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करें और वह खुद लोगों के सामने उदाहरण पेश करें.
हालांकि वैसे तो केंद्रीय चुनाव आयोग 9 अप्रैल को भी इससे जुड़े हुए हैं दिशा-निर्देश जारी कर चुका था, लेकिन उसका जमीन पर कोई असर देखने को नहीं मिला. राजनीतिक सभाओं और रैलियों में लोग खुलेआम कोरोना को लेकर जारी किए गए गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हुए नजर आए. ऐसे में सवाल यही है कि क्या आप हिंदी चुनाव आयोग द्वारा उठाए गए इस कदम और जारी किए गए इन दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन हो सकेगा.