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कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का कहर 26 राज्यों में 20 हजार मरीज उपचाराधीन

कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का कहर 26 राज्यों में 20 हजार मरीज उपचाराधीन
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नई दिल्ली, कोरोना महामारी के साथ देश के 26 राज्यों में ब्लैक फंगस की भी दस्तक हो चुकी है। ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए केंद्र सरकार ने एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की 30,100 वॉयल आवंटित की है। हालांकि ये वॉयल के कुल मांग का दस फीसदी भी नहीं है।
केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने बताया कि सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 30,100 एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन की एक खेप दी गई है। देश में अभी करीब 20 हजार मरीज उपचाराधीन हैं जिनके लिए हर दिन 30 हजार वॉयल चाहिए। एक दिन में दो बार यह इंजेक्शन दिया जाता है और करीब छह सप्ताह तक ज्यादातर मामलों में देना पड़ता है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अंडमान निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, दादरा नागर हवेली, लद्दाख, लक्षद्वीप, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम,सिक्किम और नगालैंड को छोड़कर बाकी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फंगस के मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। देश में अभी एक लाख इंजेक्शन की उत्पादन क्षमता है।

सात राज्यों में सबसे अधिक मरीज
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा फंगस के रोगी उपचाराधीन हैं। इसीलिए यहां सबसे अधिक दवा आवंटित की गई है। इसके अलावा केंद्र सरकार के अस्पतालों में भी काफी मरीजों का उपचार चल रहा है। इसीलिए सरकार ने इन अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए 1260 वॉयल आवंटित किए हैं।

सोशल मीडिया पर छलका डॉक्टरों का दर्द
ब्लैक फंगस से तड़पते मरीजों को समय पर दवा और इंजेक्शन न मिलने से डॉक्टरों की भी हिम्मत जवाब देने लगी है। बेंगलूरू के मणिपाल अस्पताल के डॉ. रघुरात हेगड़े ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि ब्लैक फंगस से तड़पते मरीजों की जान बचाने के लिए ऑपरेशन कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद जान नहीं बचा पा रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि वे अब तक कई मरीजों की आंख निकाल चुके हैं।

समय पर दवा मिलना मुश्किल हो रहा
डॉ. रघुराजन का कहना है कि कुछ मरीजों में फंगस पहले ही काफी फैल चुका होता है। इसका कारण ऐसे मरीजों की जान मुश्किल में पड़ जाती है। कुछ मरीज ऐसे भी हैं जो शुरुआती लक्षण के साथ अस्पताल में भर्ती होते हैं लेकिन समय पर इंजेक्शन और दूसरी दवाएं न मिलने के कारण उनकी भी जान मुश्किल में पड़ रही है। यही कारण है कि फंगस के कारण देश में मृत्यु दर लगातार बढ़ रही है।

इंदौर: कई मरीजों के दिमाग में मिला ब्लैक फंगस
ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों में संक्रमण उनके दिमाग में पहुंच रहा है। मध्यप्रदेश में इंदौर के महाराजा यशवंत राव अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों में 15 फ़ीसदी के दिमाग में संक्रमण पहुंच चुका है। एमवाईएच के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ राकेश गुप्ता ने सोमवार को बताया कि अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस के 368 मरीजों में से 55 के दिमाग में संक्रमण पहुंच चुका है।
सीटी, एमआरआई स्कैन के जरिए इसकी पुष्टि हुई। ज्यादातर मरीजों में छोटे आकार का संक्रमण मिला, जबकि 4 लोगों में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए दिमाग की सर्जरी करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती होने से पहले मरीजों में साइनस से संक्रमण उनके दिमाग पर पहुंच गया था।

राज्यों के पास अभी भी 1.75 करोड़ खुराक
कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अबतक 23 करोड़ से ज्यादा टीके उपलब्ध करा चुकी है। मंत्रालय के मुताबिक इनमें से 21,22,38,652 खुराक का इस्तेमाल किया गया। सरकार ने साफ किया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी 1,75,48,648 खुराक मौजूद हैं। अगले तीन दिनों के भीतर राज्यों को 2,73,970 खुराक उपलब्ध हो जाएगी।
 


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