बाल संप्रेक्षण गृह के सभी बच्चे व स्टॉफ कोरोना संक्रमण से सुरक्षित, आईसोलेशन सेंटर बनाकर किया उपचार
रायपुर। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग रायपुर ने बताया कि इस संप्रेक्षण गृह में कुल 73 अपचारी बच्चे निवासरत है। जिनका सुरक्षागत कारणों से 29 अप्रैल को रैपिड एंटीजन और आर.टी.पी.सी.आर. टेस्ट कराया गया था। इसके अतिरिक्त वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का भी टेस्ट कराया गया था। रिपोर्ट के अनुसार 45 बच्चों और 5 कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण प्राप्त होते ही तत्काल सभी संक्रमित बच्चों को सामान्य बच्चों से पृथक करते हुए संस्था के अंदर ही आइसोलेशन सेंटर बनाकर उनके त्वरित और तत्काल उपचार की कार्यवाही आरंभ की गई।
कलेक्टर डॉ.एस.भारतीदासन के निर्देंशानुसार तत्काल इस संप्रेक्षण गृह को कोविड सेंटर के रूप में विकसित कराते हुए शासन से निर्धारित कोविड प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित कराया गया। मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से यहां तत्काल 1 डॉक्टर और 6 नर्स की ड्यूटी लगाते हुए नगर पंचायत माना के मुख्य नगर पालिका अधिकारी के माध्यम से सभी बच्चों और स्टॉफ के लिए दवाईयां उपलब्ध कराई गई। वर्तमान में सभी बच्चे कोरोना बीमारी से निजाद पाकर सामान्य हो चुके है।
मुख्य नगर पालिक अधिकारी माना से प्रत्येक दिन संस्था का सेनेटाईजेशन भी किया जा रहा है । संस्था के माध्यम से बच्चों के लिए फल, दूध इत्यादी की व्यवस्था की गई है। संस्था में नवीन प्रवेशित अपचारी बालकों के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है । ऐसे बच्चों के लिए संस्था में पृथक से आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। बाहरी व्यक्तियों और परिजनों के बच्चों से मिलने के लिए कोविड प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य रूप से आवश्यकता आधारित सुनिश्चित कराया गया है। शेष बालकों को दूरभाष के माध्यम से परिवार से संपर्क और बातचीत कराया जा रहा है।