इस जिले में मनाई जाती है देवी देवता के साथ होली, भारी मात्रा में दूर दूर से आते है लोग
कोण्डागांव| आपको बता दे की छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले की अपनी संस्कृति और परंपरा के लिए विश्वविख्यात है। यहॉ अनेक अवसरों पर होने वाली रिति-रिवाज व विधानों के साथ विभिन्न तरह के आयोजन सालभर चलते रहते है। ऐसा ही एक मौका होली के बाद पडऩे वाला पहले शनिवार को जिला मुख्यालय से तकरीबन 12 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत लंजोड़ा के बाजार में देखने के मिला।
पारंपरिक साज-सज्जा और विधि-विधान के साथ खेलते है होली-
जानकारी के मुताबिक होली पर्व के बाद पडऩे वाले पहले शनिवार को आसपास के देवी देवतां इस बाजार परिसर में विशेषरूप से आंमत्रित होते है। इस धुरनी बाजार व होली पर देवी-देवता अपने पूरे पारंमपरिक साज-सज्जा के साथ यहॉ पहुंच विधि-विधान के साथ होली खेलते है।
देवगुड़ी परिसर में होता है आयोजित आयोजित-
आपको बता दे की इस धुरनी होली को देखने और इस आयोजन में शामिल होने लोग दूर-दूर से भी आते है। और देवताओं के साथ होली खेलते हुए उनका आशीर्वाद लेते है। इसे देवताओं का होली मिलन भी कहा जाता है यह पूरा विधान देवगुड़ी परिसर में आयोजित होता है। वही देवताओं के बाजार परिसर की परिक्रमा के साथ ही इस आयेजन का समापन होता है।