12 साल बाद तेलीबांधा तालाब की प्रसिद्ध मौली माता मंदिर के लिए मिली जगह
रायपुर, छत्तीसगढ़ में समय के साथ बदलाव तो बहुत हुए, विकास के नाम पर नई सड़कें बनीं, नई इमारतें भी बनीं, जिनके मकान तोड़े गए उन्हें नया मकान भी मिला, लेकिन 12 साल पहले सड़क चौड़ीकरण के लिए तोड़े गए मंदिर को पुन: निर्मित करने स्थान अब मिला है। जी हां हम बात कर रहे हैं रायपुर में मरीन ड्राइव के नाम से मशहूर तेलीबांधा तालाब की।
यदि 12 साल पहले इस स्थान पर नजर घुमाएं तो तालाब के किनारे एक मंदिर दिखाई पड़ता था। 12 साल पहले वहां पर चौड़ीकरण का बुलडोजर चला, जिसने प्राचीन और सिद्ध मौली माता के मंदिर को भी नहीं बख्शा। स्थानीय निवासी लगातार मंदिर के पुन: निर्माण की मांग करते रहे। स्थानीय निवासियों को मौली माता मंदिर पुनर्निमाण का सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा, लेकिन इसे मूर्त रूप देने में महापौर एजाज ढ़ेबर ने स्थानियों को न तो आश्वासन दिया और न ही अगली तारीख। मौके पर गए निवासियों से मुलाकात की, फिर अचानक उठ खड़े होकर कहा, चलकर स्थान देख लें। यह सुनते ही लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
यहां यह बताना जरूरी है कि 12 साल पहले तक जो पुजारी माता की सेवा करते रहे आज माई का दरबार उन्हीं के घर पर सजा हुआ है। अब जल्द ही मंदिर का पुनर्निर्माण होगा। इसकी रूप-रेखा नगर निगम के साथ स्थानीय जल्द ही तय करेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार संतोष साहू ने बताया, 12 साल से स्थानीय निवासियों की सिर्फ एक ही मांग थी, माई का दरबार। 12 साल तक नेताओं और अफसरों सभी से इसकी मांग की गई, लेकिन सभी ने सिर्फ आश्वासन दिया। आज जब महापौर एजाज ढ़ेबर को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया तो महापौर ने न तो अगली तारीख दी और न ही आश्वासन सीधे मौके पर जमीन का चिन्हांकन कर दिया। इस मौके पर प्रेस क्लब अध्यक्ष दामू आम्बेडारे, पूर्व अध्यक्ष अनिल पुसदकर, कान्यकुब्ज ब्राम्हण समाज के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा, वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट गोकुल सोनी और शिव दत्ता उपस्थित थे।