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छत्तीसगढ़ : कमाई का हिस्सा नहीं दिया तो अस्पताल संचालक का किया अपहरण, पुलिस ने 2 डॉक्टर समेत 5 को किया गिरफ्तार

 छत्तीसगढ़ : कमाई का हिस्सा नहीं दिया तो अस्पताल संचालक का किया अपहरण, पुलिस ने 2 डॉक्टर समेत 5 को किया गिरफ्तार
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बिलासपुर। अस्पताल संचालक के अपहरण के मामले में बिलासपुर पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। पांचों आरोपियों को उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद में गिरफ्तार किया गया है। आरोपियो को ट्रांजिट रिमांड पर बिलासपुर लाने की तैयारी पुलिस कर रही हैं। आरोपियों में हास्पिटल में ही पूर्व में काम करने वाले दो डॉक्टर, एक टेक्नीशियन व उनके दो अन्य साथी शामिल हैं।

ज्ञातव्य है कि बिलासपुर के राजकिशोर नगर में स्काई हास्पिटल का संचालन करने वाले 42 वर्षीय प्रदीप अग्रवाल का रविवार 19 सितंबर की शाम को मोपका स्थित एक सेलून से पांच आरोपियों ने अपहरण किया था। आरोपियो ने अपहरण में अर्टिगा कार का इस्तेमाल किया था। पर जाते जाते प्रदीप अग्रवाल की फोर्ड फिगो कार क्रमांक सीजी 10 AJ 1606 को आरोपियो के ही एक साथी ने हास्पिटल के सामने ले जा कर खड़ी कर दी और चाबी लगी हुई छोड़ कर अपने अन्य साथियों के साथ डॉक्टर को ले कर फरार हो गए थे। पर पुलिस का दबाव बढ़ता देख कर 24 घण्टे के अंदर ही अपहरणकर्ता डॉक्टर को दिल्ली एयरपोर्ट में छोड़कर भाग गए थे। जहां फ्लाइट से प्रदीप अग्रवाल पहले रायपुर फिर सकुशल बिलासपुर आ गए थे। बताया जा रहा है कि कोरोना काल में अस्पताल में हुई कमाई का हिस्सा नहीं देने पर अस्पताल संचालक का अपहरण हुआ था।

दो घण्टे में ही आइडेंटिफाई हुए आरोपी:
अपहरण की जानकारी मिलते ही एसपी दीपक झा ने साइबर के एडिशनल एसपी निमेष बरैया को टीम गठित कर डॉक्टर की खोजबीन व सकुशल वापसी के लिए निर्देश दिये। एसपी के निर्देश के बाद परिजनों से हुई पूछताछ में पता चला कि प्रदीप अग्रवाल का हास्पिटल में पूर्व में काम करने वाले मुरादाबाद के मूल निवासी डॉक्टर शैलेन्द्र मसीह और डॉक्टर मोहम्मद आरिफ से पैसो के लेन देन को ले कर विवाद चल रहा था। वही दूसरी ओर तब तक हास्पिटल का सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लग चुका था, जिसको देख कर हास्पिटल की एक नर्स ने किडनैपर की पहचान अस्पताल में ही पूर्व में काम करने वाले डॉक्टर के रूप में की।

रात 12.30 को अपहरण की वारदात स्प्ष्ट होने के बाद आरोपियो की गिरफ्तारी हेतु एसपी दीपक झा ने रात को ही एएसपी निमेष बरैया के सुपरविजन में लाइन के सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र वैष्णव के नेतृत्व में 3 और पुलिसकर्मियों की टीम आरोपियो के पीछे रवाना कर दी। रात भर एडीशनल एसपी निमेष बरैया व एसआई मनोज नायक साईबर सेल में बैठ कर तकनीकी साक्ष्य जुटा कर पुलिस टीम को आरोपियो के सम्बंध में ब्रीफ करते रहे।आरोपियो का पीछा करते हुए पुलिस टीम भी मुरादाबाद पहुँच गई।

मुरादाबाद जा कर आरोपियो ने मोबाईल बन्द कर दिया। पुलिस टीम वहां कैम्प कर आरोपियो के तलाश में जुट गई। दूसरी तरफ बिलासपुर में साइबर एएसपी निमेष बरैया व एसआई मनोज नायक लगातार टेक्निकल एविडेंस जुटाने के लिए जूझते रहे व छोटी-छोटी जानकारियां मुरादाबाद गई टीम से शेयर करते रहे। इसी बीच एक आरोपी हास्पिटल के पूर्व टेक्नीशियन फिरोज का क्लू पुलिस को मिल गया, और मिले क्लू के आधार पर सबसे पहले उसे अरेस्ट कर लिया गया।

आरोपियो ने अपना मोबाईल तो बन्द कर लिया था पर जिन नम्बरो पर आरोपियो ने सबसे ज्यादा बात की थी उसकी तस्दीक की गई,इसके आधार पर फिरोज ने सबसे ज्यादा जिस नम्बर पर सम्पर्क किया था,पुलिस उसके पास पहुँच गई और उस व्यक्ति के सहारे टेक्नीशियन फिरोज की गिरफ्तारी की गई।फिरोज की निशानदेही पर अपहरण में साथ देने वाले दोनो ड्राइवरो रिजवान और आलम को पुलिस टीम ने उठाया,ये दोनों मुरादाबाद से बारी बारी गाड़ी चलाते हुए आये व गए थे।डॉक्टर मोहम्मद आरिफ नोटरी के पास आने वाला था जहां से उसे घात लगा कर पकड़ा गया।सबसे आखरी में डॉक्टर शैलेन्द्र मसीह की गिरफ्तारी हुई।

आरोपियो ने दबावपूर्वक डॉक्टर से उसके हास्पिटल में फोन करवा के कहलवाया था कि “मैं एक आदमी भेज रहा हु,जिसके हाथों में मेरा चेकबुक दे देना” एक्सिस बैंक का चेक बुक मिलने पर आरोपियो ने डॉक्टर से 1 करोड़ 65 लाख 50 हजार मूल्य के 16 चेको पर हस्ताक्षर करवा लिए थे,उसके अलावा स्टाम्प में भी प्रदीप अग्रवाल से अपनी खुद की मर्जी से साथ चलने की लिखा पढ़ी भी करवा ली थी,उक्त स्टाम्प को नोटराइज करने के लिए नोटरी के पास आने के समय ही डॉक्टर मोहम्मद आरिफ की गिरफ्तारी हुई हैं।

कोरोना काल की कमाई की लड़ाई में हुआ अपहरण:
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पताल ने लगभग 7 करोड़ की कमाई की। डॉक्टरों का कहना था कि हमे तनख्वाह के अलावा प्रॉफिट में भी हिस्सा मिलना था, पर अस्पताल संचालक ने हमारा हिस्सा नही दिया। डॉक्टरों ने सीएमओ कार्यालय में शिकायत करते हुए आरोप भी लगाया था कि अस्पताल में जो मेडिसिन मरीजो को नही लगाई जाती उसका भी बिल उनसे वसुला जाता है। इसके अलावा भी कई मरीजो ने अवैध व ज्यादा बिलिंग कि शिकायत अस्पताल प्रबन्धन के खिलाफ की थी व अस्पताल विवादों में रहा था। बहरहाल पुलिस पाँचो गिरफ्तार आरोपी डॉक्टर शैलेन्द्र मसीह,डॉक्टर मोहम्मद आरिफ ,टेक्नीशियन फिरोज व दो ड्राइवरो रिजवान व आलम को मुरादाबाद की अदालत में आज पेश कर ट्रांजिट रिमांड में ले कर बिलासपुर लाने की तैयारी में हैं।
 


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