छत्तीसगढ़ पर फिर पड़ा Corona का साया,एक ही दिन में इस जिले में मिले इतने कोरोना मरीज,जानिए किस जिले में कितने एक्टिव केस ?    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 10 नए मरीज मिले, कहां कितने केस मिले, देखें सूची…    |    प्रदेश में थमी कोरोना की रफ्तार, आज इतने नए मामलों की पुष्टिं, प्रदेश में अब 91 एक्टिव केस    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    BREAKING : प्रदेश में आज 15 नए कोरोना मरीजों पुष्टि, देखें जिलेवार आकड़े    |    प्रदेश में कोरोना का कहर जारी...कल फिर मिले इतने से ज्यादा मरीज, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 100 के पार    |    छत्तीसगढ़ में मिले कोरोना के 14 नए मरीज...इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित,कुल 111 एक्टिव केस    |    सावधान : छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    Corona update: प्रदेश में 2 कोरोना मरीजों की मौत...इलाज के दौरान तोड़ा दम    |

राज्यपाल का दिल्ली दौरे, राष्ट्रपति और पीएम से करेंगी मुलाकात, आरक्षण मुद्दे पर हो सकती है चर्चा

राज्यपाल का दिल्ली दौरे, राष्ट्रपति और पीएम से करेंगी मुलाकात, आरक्षण मुद्दे पर हो सकती है चर्चा
Share

 रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पारित हो गया है। लेकिन यह विधेयक राज्यपाल के हस्ताक्षर के इंतजार में है। वहीं आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर राज्य सरकार और राजभवन के बीच तकरार जारी है। राज्यपाल अनुसुईया उइके आज दिल्ली रवाना होंगी। अपने तीन दिवसीय दिल्ली प्रवास के दौरान राज्यपाल 20 दिसंबर को सुबह 11 बजे वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात करेंगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी मिलने के लिए समय मांगा है।

कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्यपाल छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद को लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से चर्चा कर सकती हैं। इसके अलावा वह आदिवासियों के मुद्दे पर चर्चा करेंगी। 21 दिसंबर को राज्यपाल वापस लौटेंगी।

बता दें कि राज्य सरकार ने नुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 13 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है।

19 सितंबर को हाईकोर्ट ने प्रदेश में 2012 से चल रहे 58 प्रतिशत के आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए इसे निरस्त कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने कुल 76 प्रतिशत आरक्षण देने का प्राविधान करके करके विधानसभा से आरक्षण संशोधन विधेयक पारित किया है। इस विधेयक को लेकर राज्यपाल असमंजस में पड़ गई हैं। उन्हाेंने 10 बिंदुओं पर आपत्ति करके राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। नतीजा यह हो रहा है कि अभी तक प्रदेश में आरक्षण की शून्य स्थिति बनी हुई है।



Share

Leave a Reply