DMF से खरीदी घोटाले में संलिप्तता पर कृषि कारोबारियों के 18 ठिकानों पर हुई छापेमारी
रायपुर, राजिम, दुर्ग-भिलाई, बिलासपुर में ईडी की दबिश
0 प्रदेश भर में DMF से अरबों रूपये खर्च किये गए कृषि उपकरणों की खरीदी में
रायपुर। ED ने बुधवार सुबह राजधानी समेत पड़ोस के जिलों में कुल 18 ठिकानों पर छापेमारी की है। इनमें बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई, राजिम भी शामिल हैं। ये सभी कृषि व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों के ठिकानों पर दबिश दी है। इस दौरान खुलासा हुआ कि DMF की रकम से अनाप-शनाप दर पर की गई कृषि उपकरणों की खरीदी के मामले में ED ने यह छापेमारी की है।
इनके यहां मारे गए छापे
छापे की कार्रवाई तड़के 5 बजे शुरू हुई। रायपुर में शंकर नगर चौपाटी के पास रहने वाले विनय गर्ग, ला विस्टा अमलीडीह निवासी पवन पोद्दार, शांति नगर भिलाई के विवेकानंद कॉलोनी निवासी सीए आदित्य किशन दिनोदिया, भिलाई-3 वसुंधरा नगर निवासी शिवकुमार मोदी, राजिम के उगमराज कोठारी नामक कारोबारी के घर ऑफिसों में दबिश दी। 3-4 टीमों में ईडी अफसर सशस्त्र सुरक्षा जवानों के साथ इनोवा से पहुंच सुबह 6 बजे सभी ठिकानों को घेरा। हर टीम में 6-8 अफसर-जवान शामिल रहे। ईडी की टीम मोदी के अन्न भूमि ग्रीनटैक प्रालि और मोदी के रायपुर स्थित ऑफिस में भी जांच कर रही है।
ला विस्टा निवासी पवन पोद्दार मूलत: ओडिशा के हैं। दो बेटों के परिवार के साथ हाउस नंबर 9 (सुखशरण) में विगत 12-15 वर्ष से रह रहे हैं। इनका कृषि सप्लाई का बड़ा कारोबार बताया गया है। उगमराज कोठारी के राजिम-महासमुंद रोड स्थित दुकान और साथ लगे घर में भी जांच चल रही है।
DMF से खरीदी में शामिल था पूरा गिरोह
प्रारंभिक जानकारी अनुसार यह छापेमारी कृषि उपकरण सप्लाई में जिला खनिज निधि (DMF) राशि के अनाप-शनाप खर्च को लेकर की गई है। इसके तार कृषि बीज विकास निगम से हुई खरीदी से जुड़े हैं। इसमें बोर्ड के प्रस्ताव सिफारिश पर जिलों में डीएमएफ से एक बड़ी गिरोहबाजी के साथ आर्डर सप्लाई की गई थी।
रानू साहू के संचालक एग्रीकल्चर रहते हुए घोटाले की जांच
कोल लेवी मनी लांड्रिंग और डीएमएफ घोटाले में आरोपी निलंबित आईएएस रानू साहू के एग्रीकल्चर के संचालक के कार्यकाल के दौरान हुई खरीदी सप्लाई से जुड़ा बताया जा रहा है। उस दौरान विनय गर्ग और उनके सहयोगियों ने कोरबा, जांजगीर-चांपा सहित कई अन्य जिलों में पेस्टीसाइड, कृषि उपकरण और अन्य कृषि सामग्री सप्लाई का काम किया था। इस पूरे मामले में ईडी ने कृषि विभाग के कई अफसरों से पूछताछ की थी। डीएमएफ की राशि से ज्यादातर जिलों में कृषि सामग्री की खरीद हुई थी।
जानकारी आ रही है कि शंकर नगर में जांच कर रही ईडी की टीम के अफसर कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर दफ्तर लौट आए हैं। इसके अलावा शाम तक सभी टीमें सभी ठिकानों पर जांच में लगी हुई थीं।