बुजुर्गों की चौपाल संस्था के नये अध्याय 'युवा चौपाल' का कल होगा शुभारम्भ
रायपुर, मानव निर्मित समाज में बुज़ुर्गों का वही महत्त्व है, जैसे किसी वृक्ष की शीतल, सघन छाया हो । यहाँ बुज़ुर्ग से तात्पर्य सिर्फ बढ़ती उम्र से नहीं है, बल्कि उन सभी विचारवान लोगों से है जो परिवार को, समाज को, देश को सही दिशा देते हुए संभालने और आगे बढ़ाने का काम कर सकते हैं । ऐसे सकारात्मक विचार वाले बुज़ुर्गों-सी सोच वाले युवा जब मिले, तब बुज़ुर्गों की चौपाल समाजसेवी युवा संस्था का निर्माण हुआ। इसकी स्थापना हुए 6 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। प्रत्येक परिवार जैसे वंशवृद्धि को प्राप्त होता है, कुछ उसी तरह चौपाल परिवार में भी सदस्य जुड़ते गए और समय की माँग के अनुसार 'नारी चौपाल' नाम से एक नया अध्याय प्रकाश में आया।
चौपाल संस्था के संस्थापक प्रशांत पाण्डेय जी ने बताया कि आज की युवा पीढ़ी बुज़ुर्गों की दूरदर्शिता की सराहना करती है। समय-समय पर उनकी सलाह और मार्गदर्शन सबकी आवश्यकताएँ हैं। ये बुज़ुर्ग हमारे पारिवारिक सदस्य भी हो सकते हैं और हमारे सामाजिक अनुभवी व्यक्तित्व भी । ज़िंदगी में बुज़ुर्गों का महत्व इस परिकल्पना पर आधारित चौपाल परिवार के नए अध्याय युवा चौपाल के रूप में एक और अध्याय की शुरुआत 4 मई 2022 को शाम 4 बजे से 8 बजे तक होने जा रही है । इसमें कुछ ऊर्जावान युवा बुज़ुर्गों के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करने सामने आएँगे और शपथ ग्रहण करेंगे। इस अवसर पर सभी संकल्पित समाजसेवी व युवा ससम्मान आमंत्रित हैं।