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Chanakya Niti : ऐसी जगहों पर रुकते हैं तो फंस सकते हैं बुरे, जानें क्या कहती है चाणक्य नीति

Chanakya Niti : ऐसी जगहों पर रुकते हैं तो फंस सकते हैं बुरे, जानें क्या कहती है चाणक्य नीति
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 Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य महान अर्थशास्त्री, कूटनीतिज्ञ और नीति शास्त्र के ज्ञाता थे. उन्होंने अपनी नीति शास्त्र की पुस्तक में जीवन के प्रत्येक पहलू को विस्तार से बताया है. उन्होंने इसमें मनुष्य के लिए कई बहुत जरूरी बातें कही हैं. अगर कोई इन बातों को मानता है जो हमेशा सुखी रहेगा. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में नौकरी, रिश्ते-नाते, धन, व्यापार और निजी जीवन आदि जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए हैं.

यस्मिन् देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवा:.
न च विद्याऽऽगम: कश्चित् तं देशं परिवर्जयेत्..

आचार्य चाणक्य इस श्लोक में कह रहे हैं कि जिस देश में आदर सम्मान नहीं और न ही जीविका का कोई साधन है, जहां कोई नात-रिश्तेदार न हो और किसी प्रकार के गुण और हुनर की प्रापति की संभावना न हो, ऐसे देश को तुरंत छोड़ देना चाहिए. ऐसे स्थान पर रहना उचित नहीं है. वह कहते हैं कि जिस अन्य देश या किसी अन्य स्थान पर जाने का एक प्रयोजन यह होता है कि वहां जाकर कोई नई बात, नई विद्या, रोजगार और नया गुण सीख सकेंगे. लेकिन इनमें से किसी भी बात की संभावना न हो, ऐसे देश या स्थान को तुरंत छोड़ देना चाहिए. आगे चाणक्य विस्तार से बताते हैं कि कहां-कहां एक पल भी नहीं ठहरना चाहिए.

हिंसा वाली जगह न ठहरें

चाणक्य कहते हैं कि जिस जगह हिंसा भड़कती हो, दंगे होते हों, वहां कतई नहीं रुकना चाहिए. उपद्रवी भीड़ कभी भी हमला कर सकती है. ऐसे में जान बचाने में ही समझदारी है. अगर आप ऐसी जगहों पर रुकते हैं तो कानूनी पचड़े में भी फंस सकते हैं.

आक्रमण वाली जगह पर रुकने से बचें

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कहा है कि व्यक्ति को ऐसे देश में नहीं ठहरना चाहिए जिस पर हमला होने वाला हो. जंग छिड़ने पर नुकसान हो सकता है. जान जोखिम में पड़ सकती है. अगर आपके देश पर हमला हो जाए तो तैयारी के लिए जगह बदलें और फिर वापस आकर मुकाबला करें.

जहां हो खराब अर्थव्यवस्था

आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसी जगह छोड़ देना ही बेहतर है, जहां की अर्थव्यवस्था चरमरा गई हो. जहां लोग खाने-पीने के लिए तरस रहे हों. ऐसी जगह पर रहने से नुकसान हो सकता है.


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