चाणक्य नीति: पाना चाहते हैं जीवन में सफलता तो इन 4 आदतों का आज ही कर दें त्याग
आचार्य चाणक्य को उनके गुरु चणक से चाणक्य नाम प्राप्त हुआ था। इसके अलावा कई विषयों में परांगत होने के कारण वे विष्णु गुप्त और कौटिल्य के नाम से भी विख्यात थे। ये राजनीति और कूटनीति में कुशल थे। इसके साथ ही ये अर्थशास्त्र के भी मर्मज्ञ थे। अर्थशास्त्र को मौर्य काल का दर्पण माना जाता था। इन्होंने अपनी शिक्षा विश्व में ख्याति प्राप्त तक्षशिला विश्वविद्यालय से ग्रहण की थी। इसके बाद यही पर आचार्य के पद पर रहते हुए विद्यार्थियों को शिक्षा भी प्रदान की। आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन में हर तरह की परिस्थितियों का सामना किया था इसलिए वे शिक्षा और सफलता के मूल्य को भलिभांति समझते थे। उनके द्वारा लिखे गए नीतिशास्त्र में धन, व्यापार, शिक्षा, रिश्ते और शत्रु, जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। नीति शास्त्र में बताई गई बातों का अनुसरण करके व्यक्ति अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति पाने के साथ ही जीवन को सफल और सुखी बना सकता है। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में चार ऐसी आदतों के बारे में बताया है जो व्यक्ति की सफलता में रुकावट बनती हैं। यदि जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो इन अवगुणों का त्याग कर देना चाहिए।
आलस्य का त्याग
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि आलस्य मनुष्य की सफलता में सबसे बड़ी बाधा है, इसलिए आलस्य का तुरंत त्याग कर देना चाहिए। जो लोग हर काम में आलस करते हैं और आज के काम को कल पर टालते रहते हैं, वे अपने जीवन में कभी सफल नहीं होते हैं। परिश्रम ही सफलता की कुंजी हैं इसलिए व्यक्ति को परिश्रम करने से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। यदि जीवन में सफल होना है तो खासतौर पर युवावस्था में तो बिलकुल ही भी आलस्य नहीं करना चाहिए। भविष्य को बनाने के लिए यह स्वर्णिम समय होता है।
बाधाओं से न घबराएं
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी कार्य को करते समय बाधाओं से नहीं घबराना चाहिए। जो व्यक्ति कार्य की बाधाओं से घबरा जाते हैं वे बहुत देरी से सफलता प्राप्त करते हैं और कभी कभी इसी कारण अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में पीछे भी रह जाते हैं। इसलिए बात-बात पर घबराने की आदत का त्याग कर देना चाहिए। किसी भी कार्य को जितने उत्साह से आरंभ करें उतने ही उत्साह से उसे पूर्ण करें चाहे कितनी भी बाधाएं आए अपना धैर्य बनाएं रखें। जीवन में सफलता तभी संभव है।
समय को न गवाएं
चाणक्य कहते हैं कि जो लोग अपने जीवन में समय की कीमत को नहीं पहचानते हैं, वे आगे चलकर दुखी रहते हैं। ऐसे लोगों के जीवन में सफलता नहीं मिलती है। किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन में सफल होना है तो उसे समय की कीमत के समझना बहुत आवश्यक होता है। चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को दूूूसरे की गलतियों से सबक लेना चाहिए। स्वयं की गलतियों से सीखोगे तो जीवन निकल जाएगा। अपने जीवन में अनुशासन लाएं और अपने हर कार्य को समय से पूर्ण करें।
गलत संगत से दूर रहें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को अपनी संगत को लेकर सदैव गंभीर रहना चाहिए। यदि व्यक्ति गलत संगति में पड़ जाते तो वह कभी सफल नहीं हो सकता है। जीवन में सफल होने के लिए सदैव ज्ञानी और जानकार लोगों की संगत में रहना चाहिए। जो लोग गलत लोगों की संगत में रहते हैं वे भी उन्हीं की तरह हो जाते हैं, इसलिए यदि सफल होना हो तो तुरंत ही गलत संगत का त्याग कर देना चाहिए।