ट्वीटर पर भिड़े कलेक्टर अवनीश कुमार शरण और आईजी डी. रूपा, जाने आखिर क्या है पूरा मामला...
कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के कलेक्टर अवनीश कुमार शरण और कर्नाटक पुलिस की आईजी डी. रूपा ट्वीटर पर आमने-सामने हो गए। ट्वीट और री-ट्वीट का सिलसिला ऐसा चला कि आपत्ति और नसीहत का सिलसिला भी शुरू हो गया। दरअसल, आइपीएस डी. रूपा ने संस्कृत का एक श्लोक पोस्ट किया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'परित्राणाय साधुनां विनाशाय च दुष्कृताम। धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे। संस्कृत के इस श्लोक का अर्थ होता है, साधु पुरुषों का उद्धार करने के लिए, पाप कर्म करने वालों का विनाश करने के लिए और धर्म की अच्छी तरह से स्थापना करने के लिए मैं युग-युग में प्रकट हुआ करता हूं। इस श्लोक के जवाब में री-ट्वीट करते हुए आइएएस अवनीश शरण ने लिखा, आप जैसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से यह आशा नहीं थी मैम...। सॉरी...।
गौरतलब है कि डी. रूपा कर्नाटक की तेजतर्रार आइपीएस अफसरों में शुमार हैं। फील्ड ही नहीं, सोशल मीडिया पर भी सक्रियता के लिए जानी जाती हैं। जरूरी समसामयिक मुद्दों पर ट्वीट और पोस्ट लिखतीं रहतीं हैं। अवनीश कुमार शरण के री-ट्वीट के बाद आइपीएस रूपा ने नाराजगी भरे अंदाज में ट्वीट करते हुए लिखा, यह संस्कृत के खिलाफ आपके पूर्वाग्रह को दर्शाता है। यहां धर्म का मतलब सही के साथ खड़ा होना है। कई जगह पुलिस विभाग का तो 'दुष्ट शिक्षक, शिष्ट रक्षक" सिद्धांत और लोगो है। इसका भी यही मतलब है, जो इस श्लोक में है और मैंने तो इसे किसी संदर्भ के साथ जोड़ा ही नहीं है। सत्यमेव जयते।
तीनों अफसर सोशल मीडिया पर एक्टिव-
ट्वीट-री-ट्वीट के बाद तो मानो कमेंट और सवालों की ट्वीट पर बाढ़-सी आ गई। जवाब में आइएएस अवनीश कुमार भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने अपने बैचमेट और राज्य की आईएएस प्रियंका शुक्ला के एक ट्वीट का स्क्रीन शेयर किया, जिसमें लिखा है, गलत, बहुत गलत है, और हमेशा गलत रहेगा...। कड़ी सजा के लायक रहेगा...। पर गलत को भी गलत तरीके से सजा देना भी क्या सही कहलाएगा? कहीं कल कोई इसका कुछ गलत करने के लिए फायदा न उठा ले? बता दें कि तीनों अफसर सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव हैं।