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भारत के इन जगहों पर नहीं मनाई जाती है होली, जानिये क्या है वजह

भारत के इन जगहों पर नहीं मनाई जाती है होली, जानिये क्या है  वजह
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इस 10 मार्च अर्थात कल पूरा देश होली का त्योहार मनाएगा। इस दिन सभी लोग एक दूसरे रंग-गुलाल लगाएंगे। होली तो वैसे सभी धर्मों और समुदायों के लोग पूरे दिल से मनाते हैं लेकिन देश में ऐसे भी कई हिस्से हैं जहां होली नहीं मनाई जाती है।
आज हम आपको ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के लोग होली नहीं मानते।
मुन्नार - दक्षिण भारत के कई शहरों में होली नहीं मनाई जा जाती हैं। ऐसा ही एक शहर है मुन्नार (Munnar) जहां लोग ज्यादा रंग-गुलाल नहीं खेलते।यहां शायद ही कोई किसी को रंग लगाता हो।यहां के लोग होली का त्योहार नहीं मनाते हैं।
रूद्रप्रयाग - उत्तराखंड के क्वीलली, कुरझण और जौंदली गांव में तकरीबन 150 सालों से होली नहीं मनाई गई। यह गांव रूद्रप्रयाग जिले में आते हैं। यहां लोग होली का त्योहार नहीं मनाते हैं।इसके पिछे की मान्य ता यह है कि इस गांव की इष्टरदेवी मां त्रिपुर सुंदरी देवी हैं। कहा जाता है कि मां को हुड़दंग पसंद नहीं है। ऐसे में होली पर तो मस्ती होती ही है तो लोगों ने होली खेलनी बंद कर दी।
अंडमान-निकोबार - यहां भी लोग होली खेलने से कतराते हैं। निकोबार का हैवलॉक आइलैंड काफी फेमस है। यहां लोग स्कूबा डाइविंग के लिए आते हैं। यहां के लोग बताते हैं कि होली रंगो का त्योहार है इससे शरीर में कई रोग हो जाते हैं जिसके चलते सब रंगों से दूर रहते हैं।
महाबलीपुरम - महाबलीपुरम शहर अपने मंदिरों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। लेकिन यहां के लोग भी होली नहीं मनाते हैं। होली वाले दिन भी यहां सब सामान्य रहता है। हां होली की कोई भीड़भाड़ नहीं होती, ना ही रंग-गुलाल उड़ाए जाते हैं।
बुंदेलखंड- बुंदेलखंड के सागर जिले के हथखोह गांव के लोग होली नहीं मनाते हैं। इतना ही नहीं गांव के लोग होलिका का दहन भी नहीं करते हैं। इस गांव के रहने वाले रमेश सिंह बताते हैं कि सालों पहले देवी ने साक्षात दर्शन दिए थे और लोगों से होली न जलाने को कहा था। तभी से यह परंपरा चली आ रही है।
 


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