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कोरोनॉ वायरस का बचाव होमियोपैथी से संभव :डॉ उत्कर्ष त्रिवेदी

कोरोनॉ वायरस का बचाव होमियोपैथी से संभव :डॉ उत्कर्ष त्रिवेदी
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कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है. इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था. डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं. अब तक इस वायरस को फैलने से रोकना वाला कोई टीका नहीं है.

 क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?

इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है. यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था. इसके दूसरे देशों में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है.

 क्या हैं इससे बचाव के उपाय?

कोरोना वायरस से बचने के लिए,

हाथों को साबुन से धोना चाहिए.

अल्‍कोहल आधारित हैंड रब का इस्‍तेमाल भी किया जा सकता है. खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्‍यू पेपर से ढककर रखें.

जिन व्‍यक्तियों में कोल्‍ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें.

अंडे और मांस के सेवन से बचें.

जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें.

 होमियोपैथिक उपचार

डॉ उत्कर्ष त्रिवेदी के अनुसार

होमियोपैथी उपचार पूर्ण रूप से लक्षण पर आधारित होती है किसी भी  बीमारियों के लक्षणों को मिलान कर चुनी हुई होमियोपैथी दवाइया देने से मरीज की उस बीमारी से लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है, जिससे उसे तत्काल लाभ मिलता है नीचे दी हुई दवाइय का उपयोग लक्षण मिलान कर दिया जा सकता है

 होम्योपथिक दवाएं

होम्योपथी में रोग के नाम से कोई दवा नहीं होती है, रोगी के लक्षण के अनुसार चिकित्सकीय सलाह के बाद ये दवायें दे सकते हैं।

 

1)  आर्सेनिक एल्बम 30 /200यह दवा रोग के शुरुआत में उपयोगी है। मांस खाने के कारण होने वाले रोग, सांस लेने में तकलीफ, नाक से पतला पानी जैसा बहे, आंखों में जलन हो, तेज ज्वर के साथ बेचैनी, कमजोरी लगे, बुखार कभी ठीक हो जाता है। कभी फिर से हो जाता है। बहुत तेज प्यास लगती है। (यह दवा रात को नहीं खाएं)

 

2)  एकोनाएट (Aconite)30अचानक से और तीव्र गति से होने वाला बुखार, जिसमें बहुत ज्यादा शारीरिक व मानसिक बेचैनी होती है। बहुत ज्यादा छीकें आना, आँखें लाल सूजी हुई, गले में दर्द व जलन। (इस दवा को रात कोनहीं खाएं)

 

3)  नक्स -वोमिका रोगी को बहुत ठण्ड लगती है। कितनी भी गर्मी पहुंचाई जाए ठण्ड नहीं जाती है, शरीर में दर्द, सर्दी जुकाम, दिन में नाक से पानी बहता है और रात को नाक बंद हो जाती है, खांसी के साथ छाती में दबाव, सांस लेने में तकलीफ, खांसी के कारण सिरदर्द, आँखों से पानी गिरना।

4) जेल्सिमियम( Gelsemium) सारे शरीर में दर्द रहता है। रोगी नींद जैसी हालत में पड़ा रहता है, सिरदर्द, खांसी, जुकाम, आँखों में दर्द, सिर के पिछले भाग में दर्द, सिरदर्द के साथ गर्दन व कंधे में दर्द, छींकें, गले में निगलने में दर्द, बुखार में बहुत ज्यादा कांपता है, प्यास बिलकुल नहीं लगती है, चक्कर आते हैं।

5) ब्रायोनिया  प्यास बहुत ज्यादा लगती है, सारे शरीर के मसल्स में दर्द जो कि हिलने-डुलने से बढ़ता है और आराम करने से ठीक होता है। सिरदर्द के साथ पसलियों में दर्द, सूखी खांसी, उल्टी के साथ छाती में दर्द, चिड़चिड़ा होता है, गले में दर्द होता है, बलगम रक्त के रंग का होता है।

 

 

6)  बेपटीसिया धीमा बुखार, मसल्स में बहुत ज्यादा दर्द, सांस, पेशाब, पसीना आदि सभी स्त्राव से बहुत ज्यादा दुर्गन्ध आती है। महामारी के रूप में फैलने वाला इन्फ़्लुएन्ज़ा। लगता है कि शरीर टूट गया है, बड़बड़ाता है, बात करते-करते सो जाता है, मुहं में कड़वा स्वाद, गले में खराश, दम घुट जाने जैसा लगे, कमजोरी बहुत ज्यादा लगे।

 

7) सेबेडिला  सर्दी जुकाम, चक्कर बहुत ज्यादा छींकें, नींद नहीं आती है, आँखें लाल व जलन करती हैं, नाक से पतला बहता पानी, सर्दी के कारण सुनने में तकलीफ, गले में बहुत ज्यादा दर्द, गरम चीजें खाने-पीने से आराम, सूखी खाँसी।

 

8) एलियम -सीपा नाक से तीखा स्त्राव, माथे में दर्द, आँखें बहुत ज्यादा लाल व पानी गिरता है, पलकों में जलन, कान में दर्द, छींकें, नाक से बहुत ज्यादा पानी आता है, गले में दर्द, जोड़ों में दर्द होता है।

9 युपटोरियम-पर्फोलियम इन्फ़्लुएन्ज़ा के साथ सारे मसल्स व हड्डियों में दर्द, छींकें, गले व छाती में दर्द, बलगमयुक्त खाँसी, सुबह 7 से 9 बजे ठण्ड लगती है।

 

 प्रतिरोधकदवा preventive medicine

1) थूजा (THUJA)200

2) जेल्सिमियम( GELSEMIUM)

3) नक्स वोमिका

4) इन्फ़्लुएन्ज़िउम (INFLUENZIU

5) आर्सेनिक एल्बम

 

नोट होम्योपथी में रोग के कारण को दूर कर के रोगी को ठीक किया जाता है। प्रत्येक रोगी की दवा उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना चिकित्सकीय परामर्श यहां दी हुई किसी भी दवा का उपयोग न करें।

 

अधिक जानकारी के लिए आप संपर्क कर सकते है :-

 

 

डॉ उत्कर्ष त्रिवेदी

 

होमियोपैथिक चिकित्सक

डॉ त्रिवेदिस होमियोपैथी

लिली चौक,पुरानी बस्ती रायपुर छत्तीसगढ़

8462030001


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