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शत्रु को बिना लड़े ही पराजित करना चाहते हैं तो चाणक्य की इन बातों को जीवन में उतार लें

शत्रु को बिना लड़े ही पराजित करना चाहते हैं तो चाणक्य की इन बातों को जीवन में उतार लें
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चाणक्य नीति कहती कि सफल व्यक्ति को सदैव सतर्क और सावधान रहना चाहिए. सफल व्यक्ति के कभी कभी ज्ञात और अज्ञात शत्रु भी होते हैं, जो सदैव अवसरों की तलाश में रहते हैं और अवसर मिलते ही वार भी करते हैं. इसलिए सावधानी बरतना बहुत ही जरूरी है.
चाणक्य की चाणक्य नीति व्यक्ति को सफल बनाने के लिए प्रेरित करती है. चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य ने हर उस विषय का गंभीरता से अध्यन और शोध किया जो व्यक्ति की दिनचर्या और जीवन को प्रभावित करता है. ऐसा माना जाता है कि चाणक्य को अर्थशास्त्र के साथ-साथ राजनीति शास्त्र, समाज शास्त्र, सैन्य शास्त्र, कूटनीति शास्त्र और दर्शन शास्त्र का भी अच्छा ज्ञान था.
चाणक्य की बताई गई बातें, चाणक्य नीति में वर्णित हैं. आज भी बड़ी संख्या में लोग चाणक्य नीति का अध्ययन करते हैं. इसका कारण ये है कि आज के दौर में भी चाणक्य नीति प्रासंगिक है. चाणक्य नीति कहती है कि जीवन में हर व्यक्ति सफल होना चाहता है. सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति अथक प्रयास करता है. कठोर परिश्रम से लक्ष्य को प्राप्त करता है. सफलता की इस यात्रा में व्यक्ति के जाने-अंजाने शत्रु भी बन जाते हैं. इन शत्रुओं को बिना लड़े कैसे पराजित किया जा सकता है, आइए जानते हैं-


स्वयं की शक्ति में वृद्धि करें-

चाणक्य नीति कहती है कि शत्रु सदैव आपके कमजोर होने का इंतजार करता है. शत्रु इस बात पर घात लगाकर बैठा रहता है कि कब आप कमजोर पड़ें और वो हानि पहुंचाने का प्रयास करे. शत्रु कैसा भी हो, यदि आप अपनी प्रतिभा, कुशलता और शक्तियों में वृद्धि करते हैं तो शत्रु कभी हानि पहुंचाने का प्रयास नहीं करेगा.


गलत आदतों से दूर रहें-
चाणक्य नीति कहती कि शत्रु कभी हानि न पहुंचा सके इसके लिए खुद को गलत आदतों से दूर रखना चाहिए. यानि अवगुणों से दूर रहना चाहिए. चाणक्य के अनुसार अवगुण व्यक्ति की प्रतिभा को नष्ट करते हैं, कभी कभी ये अवगुण, उसकी कुशलता पर भी भारी पड़ जाते हैं. जब ऐसी स्थिति का निर्माण होता है तो शत्रु सक्रिय हो जाते हैं और हानि पहुंचाते हैं.

 


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