छत्तीसगढ़ पर फिर पड़ा Corona का साया,एक ही दिन में इस जिले में मिले इतने कोरोना मरीज,जानिए किस जिले में कितने एक्टिव केस ?    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    छत्तीसगढ़ में आज कोरोना के 10 नए मरीज मिले, कहां कितने केस मिले, देखें सूची…    |    प्रदेश में थमी कोरोना की रफ्तार, आज इतने नए मामलों की पुष्टिं, प्रदेश में अब 91 एक्टिव केस    |    CG CORONA UPDATE : छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामलों में बढ़त जारी...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    BREAKING : प्रदेश में आज 15 नए कोरोना मरीजों पुष्टि, देखें जिलेवार आकड़े    |    प्रदेश में कोरोना का कहर जारी...कल फिर मिले इतने से ज्यादा मरीज, एक्टिव मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 100 के पार    |    छत्तीसगढ़ में मिले कोरोना के 14 नए मरीज...इस जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित,कुल 111 एक्टिव केस    |    सावधान : छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ रहा कोरोना...जानें 24 घंटे में सामने आए कितने नए केस    |    Corona update: प्रदेश में 2 कोरोना मरीजों की मौत...इलाज के दौरान तोड़ा दम    |

लंपी बीमारी से मरी हजारों गायों की लाशें मैदान में फेंके जाने की तस्‍वीरें वायरल, जानिए जिला प्रशासन ने क्या कहा

लंपी बीमारी से मरी हजारों गायों की लाशें मैदान में फेंके जाने की तस्‍वीरें वायरल, जानिए जिला प्रशासन ने क्या कहा
Share

 जयपुर: देश के कई राज्यों में लंपी बीमारी बड़ी तेजी से फैल रहा है। इस बीच राजस्‍थान के बीकानेर में लम्‍पी बीमारी से ग्रस्‍त मृत मवेशियों के शव एक मैदान में फेंके जाने की तस्‍वीरें वायरल हुई हैं। पोस्‍ट में दावा किया गया है कि इन गायों की मौत 'लम्‍पी' के कारण हुई हैं, दूसरी ओर प्रशासन ने इससे इनकार किया है। इन तस्‍वीरों को कई समाचार पत्रों ने लिया है जिसमें दावा किया गया है कि लम्‍पी के कारण बीकानेर में रोजाना 250 से अधिक गौवंश की मौत हो रही है। दूसरी ओर, जिला प्रशासन ने इन खबरों को भ्रामक करार दिया है। बता दें, लम्‍पी वायरस एक त्वचा रोग का कारण बनता है जो मवेशियों को प्रभावित करता है. यह कुछ मक्खियों-मच्छरों या किल्लियों के द्वारा फैलता है।

बीकानेर जिला कलेक्‍टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा, ""यह क्षेत्र मृत जानवरों के निपटान के लिए एक सीमांकित क्षेत्र है। शहर की सीमा के भीतर मरने वाले जानवरों के शवों को यहां लाया जाता है, त्वचा को हटा दिया जाता है और कंकाल को सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है। ठेकेदार बाद में इन हड्डियों को बाजार में बेचने के लिए उठाता है। लगभग 1,000 जानवरों के शव यहां हमेशा पाए जाते हैं। यह वह फोटो है जो सर्कुलेट की जा रही है।"

जिला कलेक्टर ने कहा कि जोड़बीड़ का यह क्षेत्र पिछले 50 वर्षों से गिद्ध संरक्षण क्षेत्र है। उन्‍होंने कहा कि लम्‍पी वायरस से मरने वाले जानवरों को यह नहीं लाया जा रहा है। हमने ऐसे शवों के लिए अलग-अलग क्षेत्र निर्धारित किए हैं और वे जानवर जमीन के नीचे दबे हुए हैं।"


Share

Leave a Reply