अग्रसेन महाविद्यालय के 2 दिवसीय सेमीनार में डॉ गुप्ता ने कहा भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुकूल नहीं है क्रिप्टोकरेंसी
रायपुर । अग्रसेन महाविद्यालय पुरानी बस्ती में दो दिवसीय सेमीनार शुरू हुआ। वाणिज्य और प्रबंध विभाग ने “भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी का प्रभाव“- विषय पर आयोजित इस सेमिनार में छत्तीसगढ़ महाविद्यालय में वाणिज्य विषय के प्राध्यापक डॉ तपेशचन्द्र गुप्ता और चार्टर्ड एकाउंटेन्ट डॉ आर.के अग्रवाल ने क्रिप्टोकरेंसी के अलग-अलग प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की।छात्रों को संबोधन में डॉ तपेशचन्द्र गुप्ता ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था कृषि और गांव पर आधारित है, इसलिए यहाँ डिजिटल करेंसी का बहुत अधिक उपयोग नहीं है। यह निवेश करने वालों के लिए एक विकल्प हो सकता है, लेकिन सामान्य लोगों के लिए फायदेमंद नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार, रिजर्व बैंक की मदद से खुद का एक नया सरकारी डिजिटल करेंसी लाने के लिए विधेयक बना चुकी है। इसलिए भी भारत में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति मिलने की सम्भावना नहीं है।
सेमिनार के दूसरे वक्ता डॉ आर.के. अग्रवाल ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी के आने से रोजगार का एक और क्षेत्र उपलब्ध हो जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इसके संचालन के लिए कुछ नियम बनाने होंगे, ताकि आम लोगों की मेहनत की कमाई को बाजार के जोखिम में डूबने से बचाया जा सके। महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ वी.के. अग्रवाल ने इस वेबिनार को सफल आयोजन बताते हुए कहा कि के समय में क्रिप्टो करेंसी पर लोगों को पर्याप्त जानकारी देने की जरुरत है। प्राचार्य डॉ युलेंद्र कुमार राजपूत ने कहा कि इसमें बैंक खाते की तरह नॉमिनी (उत्तराधिकारी) का प्रावधान भी होना चाहिए । कार्यक्रम के प्रारंभ में वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो. अमित अग्रवाल ने विषय की रुपरेखा प्रस्तुत की ।सेमिनार का संचालन वाणिज्य विभाग की प्राध्यापिका डॉ नुपूर अग्रवाल ने किया । प्रबंध संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ शोभा अग्रवाल ने कार्यक्रम का संयोजन किया । सेमिनार में प्रतिभागियों ने सवाल भी किये, जिनका आमंत्रित वक्ताओं ने विस्तार से जवाब दिया। कार्यक्रम में समस्त प्राध्यापकों और विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी रही।