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क्या आपके बच्चे को हर बात पर न कहने की है आदत ? ऐसे बदलें ये हैबिट

क्या आपके बच्चे को हर बात पर न कहने की है आदत ? ऐसे बदलें ये हैबिट
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जब पैरेंट्स बच्चों के लिए न शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो बच्चे भी उनसे यही सीखते हैं. नकारात्मक शब्द जैसे न, नहीं करना और नहीं ये बच्चों को बुरा बर्ताव सिखाता है. इन नकारात्मक शब्द की जगह बच्चों के लिए उनके पैरेंट्स को अलग शब्द तलाशने चाहिए जिससे बच्चे इस नकारात्मक शब्द का इस्तेमाल करने से बचें.

अक्सर बच्चे बात बात पर न कहने की आदत बना लेते हैं. ऐसे में पैरेंट्स को बच्चों की इस आदत को बदलने की कोशिश करनी चाहिए. आइए आपको बताते हैं कैसे आप अपने बच्चे की इन आदतों को बदल सकते हैं.

न की जगह बाद में कहें

अगर आपका बच्चा बात-बात पर न बोलता हो तो आपको उनके इन शब्दों में बदलाव करने की कोशिश करनी चाहिए. आप अपने बच्चों को सिखाएं कि आप न की जगह जरूर, लेकिन बाद में कहें. इससे आपके बच्चे के व्यवहार में पॉजिटिविटी नजर आएगी. इससे आपका बच्चा किसी भी चीज को करने के लिए न कहने से पीछे हटेगा.

ध्यान भटकाएं

कई बार बच्चे अपनी जिद को पूरा करने के लिए चिल्लाते हैं तो ऐसे में आपको उनका ध्यान भटकाना चाहिए. आप उनका ध्यान भटकाने के लिए कुछ भी कह सकते हैं. उनकी जिद्द को मानने से आप इनकार करें. बच्चों का ध्यान किसी और चीज पर लगाएं ताकि वह न कहने से डरें और आपकी बात सुनने की पूरी कोशिश करें.

किसी और खेल में व्यस्त करें

कैंची और चाकू जैसी खतरनाक चीजें बच्चों को बहुत पसंद होती हैं. बच्चे ऐसी चीजों से खेलने के लिए उत्सुक नजर आते हैं. लेकिन जब आप उन्हें इन हरकतों के लिए डांटते हैं या उनसे ये चीजें वापस लेते हैं तो वह इस बात के लिए साफतौर पर न कह देते हैं. इसकी जगह आप अपने बच्चे को कुछ और खेल में बिजी कर सकते हैं. कई बार आपको भी बच्चों को समझने की जरूरत होती है जिससे की आप उनके मुताबिक चीजें कर सकें.

बच्चों के साथ समय बिताएं

जरूरी नहीं कि आपका बच्चा स्कूल में ही सब चीजें सीख जाए. आपको भी उनके पीछे समय देने की जरूरत होती है. आप अपने बच्चों को समझने के लिए उनके साथ थोड़ा समय जरूर बिताएं. बच्चे छोटे हों या बड़े, सभी अपेन पैरेंट्स का प्यार और अटेंशन दोनों चाहते हैं. प्यार से बच्चों को कुछ भी सिखाया जा सकता है.

 

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