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दुर्गा महाविद्यालय भूगोल विभाग द्वारा ऑर्गेनिक लिविंग विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार का हुआ आयोजन

दुर्गा महाविद्यालय भूगोल विभाग द्वारा ऑर्गेनिक लिविंग विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार का हुआ आयोजन
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रायपुर | दुर्गा महाविद्यालय भूगोल विभाग द्वारा दिनांक 8/8/2020 को ऑर्गेनिक लिविंग विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार  आयोजित किया गया जिसके मुख्य वक्ता डॉ संकेत ठाकुर (प्रदेश के प्रथम कृषि उत्पादक संगठन(FPO), 'एंग्रीकाॅन एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी 'के संस्थापक  संचालक  एवं फाउण्डर, 'लीड फाउंडेशन' ) थे।इस वेबिनार में देश के 23से अधिक राज्यों के 1636 प्रतिभागी पंजीकृत हुए । वेबिनार को संबोधित करते हुए, डॉ ठाकुर ने कहा कि -मानव जीवन पद्धति, 'प्रकृति का पोषण' करते हुए होना चाहिए,अन्यथा प्राकृतिक असंतुलन उत्पन्न होगा, जिसका दुष्परिणाम समय-समय पर, महामारी व अन्य विपदा के रुप में सामने आयेगा । 

कोविड 19का संक्रमण प्रकृति के असंतुलित विदोहन का ही परिणाम है । 'संतुलित जीवन ' पद्धति का सामान्य तर्क है कि -हम जिससे बने हैं ,वहीं हमारी आवश्यकता है ।अतः उसी का उपभोग करें, शेष सभी आवश्यकताएं ,प्रलोभन स्वरुप कृत्रिम रूप से उत्पन्न की गई ।यहि असंतुलन उत्पन्न करती है  ।अपनी   'आवश्यकताओं' की पूर्ति हम स्वयं करने में सक्षम है ।इसमें संपूर्ण कृषि एवं गोधन महत्वपूर्ण है। रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं का कृषि में न्यूनीकरण एवं कम्पोस्ट/गोबर खाद का अधिकतम उपयोग ही 'आर्गेनिक लिविंग' है। इसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कर किया गया है।यहि हमारी 'प्राचीन  परंपरा ' है,और हमें पुनःअपने मूल की ओर लौटना होगा।वेबिनार में चर्चा करते हुए ,सागर विश्वविद्यालय भूगोल विभाग, के प्राध्यापक, डॉ संतोष शुक्ला जी ने इस महत्त्वपूर्ण तथ्य को रेखांकित किया कि- वन, में मानव जहां -जहां से गुजरते हैं, वहां पगडंडियों का निर्माण हो जाता है, अर्थात उनके चरणों के नीचे की समस्त वनस्पतियां नष्ट हो जाती है, जबकि वन्य पशुओं के चलने से पगडंडियों का निर्माण नहीं होता।
स्पष्ट है ,जहां मानव की निगाह पड़ी, वह सब उपभोग/विकास के नाम पर समाप्त हो जाता है।इस 'राष्ट्रीय वेबीनार ' आयोजन में दुर्गा महाविद्यालय 'भूगोल विभाग 'की विभागाध्यक्ष 'डॉ  पूर्णिमा शुक्ला 'ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता सम्माननीय डॉ संकेत ठाकुर जी का परिचय दिया । प्राचार्य डॉ राकेश कुमार तिवारी जी ने स्वागत भाषण एवं शुभकामनाएं प्रेषित की। विभाग के प्राध्यापक द्वय,श्रीमती सुनीता चंसोरिया एवं डॉ संजीव प्रमानिक ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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