अब बिजली भी होने जा रहे है प्रीपेड बिजली चाहिए तो कराना होगा रिचार्ज, जानें क्या है खास
रायपुर । केंद्र सरकार की प्री-पेड स्मार्ट योजना के तहत 6 माह बाद इस सुविधा का लाभ मिलने लगेगा। नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन ने घरेलू बिजली मीटर को प्री-पेड में तब्दील करने की मंजूरी दे दी है। मई तक योजना के तहत फाइनल अप्रूवल और बजट मिलेगा और उसके बाद बिजली विभाग घरों में पारंपरिक मीटर की जगह स्मार्ट मीटर लगाना शुरू कर देंगे।
प्री-पेड स्मार्ट मीटर के लिए बिजली विभाग ने केंद्र सरकार को तीन साल पहले प्रस्ताव भेजा था। उस दौरान योजना के तहत पहले चरण में रायपुर और बिलासपुर के 4 लाख 50 हजार उपभोक्ताओं का चयन हुआ था और उसका मास्टर प्लान तैयार किया गया था। मास्टर प्लान में इस प्रोजेक्ट में होने वाले खर्च का उल्लेख किया था। जनवरी में बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन के सचिव को प्रेजेंटेशन दिया और प्रोजेक्ट पास हो गया। सहमति मिलने के बाद फंड मई तक देने का आश्वासन दिया है।
स्मार्ट मीटर लगाने 590 करोड़ की जरूरत
बिजली अधिकारियों ने बताया कि रायपुर और बिलासपुर में प्री-प्रेड स्मार्ट मीटर लगाने में विभाग को 590 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा। मास्टर प्लान के तहत 590 करोड़ रुपए से रायपुर और बिलासपुर के लगभग 4 लाख 50 हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं का मीटर बदलने का प्रस्ताव 2018 में नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन (एनएसजीएम) को भेजा था। अगस्त से टेंडर प्रक्रिया करके मीटरों को बदलने का काम शुरू हो जाएगा।
यह खासियत है मीटर की
बिजली मीटर से किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी। कोई छेड़छाड़ करेगा या हाथ लगाएगा तो टावर के जरिए बिजली कंपनी को इसकी जानकारी मिल जाएगी। बिल जमा नहीं करने पर टीम को कनेक्शन काटने के लिए जाने की जरूरत नहीं होगी। बिल जमा नहीं करने पर कंट्रोल रूम में बैठे-बैठे ही सप्लाई बंद कर दी जाएगी। इसके बाद जैसे ही उपभोक्ता बिल भरेगा। बिजली फिर चालू कर दी जाएगी।