बस्तर में निरंतर बढ़ रही टीबी मरीजों की संख्या
राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण अभियान के संचालित होने के बाद भी बढ़ते हुए टीबी के मरीजों की संख्या से स्वास्थ्य विभाग में कोहराम मचा हुआ है और उसके द्वारा चलाये जा रहे टीबी नियंत्रण कार्यक्रम पर सवालिया निशान उठ खड़े हुए हैं। जानकारी के अनुसार गत वर्ष जिले में 55 और अभी इस वर्ष के 09 महीने में टीबी से 25 मौतों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने दी है। जिससे बस्तर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आ गई है और इसी लिए इस विभाग में कोहराम मचा हुआ है। उल्लेखनीय है कि अब स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए नई प्लानिंग के तहत काम किये जाने की कोशिश शुरू कर दी है। अब प्रदेश में पहली बार टीबी के नए मरीजों को ढूंढ़कर लाने वाले और इस बीमारी से निजात दिलाने वाले व्यक्ति या सरकारी कर्मचारी को 1 हजार रुपए दिए जाएंगे। इस योजना में 500 रुपए केवल मरीज को ढूंढ़कर लाने के बाद ही दे दिया जाएगा। यही नहीं मौतों को रोकने के लिए टीबी के मरीजों को डोर-टू-डोर भी ढूंढ़ा जाएगा। जहां भी टीबी के मरीज मिलेंगे उनके पड़ोसियों की भी जांच की जाएगी। मरीजों की पहचान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मितानिनों के साथ ही एएनएम को जिम्मेदारी देगा। स्वास्थ्य विभाग ने 2025 तक जिले को टीबी रोग से मुक्त करने की योजना बनाई है।