शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में IQAC के द्वारा आयोजित हुआ सेमिनार
रायपुर,शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर में IQAC के द्वारा आयोजित सेमिनार की श्रृंखला में गृह विज्ञान विभाग के द्वारा विशेष व्याख्यान की व्यवस्था की गई । सर्वप्रथम IQAC प्रभारी Dr कविता शर्मा ने सेमिनार का महत्व बताया तथा यह यह ज्ञान हेतु बुनियादी योग्यता है बताया । विभागाध्यक्ष डॉक्टर संध्या वर्मा ने बताया पोषण का महत्व क्या हैभोजन क्या हैं। कुपोषण से क्या क्या समस्याएं हो सकती है।शासन द्वारा इस दिशा में चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र किया ।
प्रमुख वक्ता डॉ शैलबाला जैस ने अपने व्याखयान में पोषण और आहार से संबंधित जानकारी दी। खाना किसे कहते है यह प्रश्न पूछते हुए व्याख्यान की शुरुवात की।।मस्तिष्क के लेटरल भाग भोजन की आश्यकता को नियंत्रित करता है। संतुलित भोजन की जानकारी देते हुए बताया कितनी कैलोरी का भोजन लेना चाहिए जो उम्र और लिंग के अनुसार अलग होता है।उस भोजन में उचित मात्रानुसार कार्बोहाइड्रेट वसा प्रोटीन होना चाहिए।।और कैसे किन स्रोत से कितनी मात्रा में लेना चाहिए।इसी आधार पर डायट चार्ट बनता है।इसे ही मीनू में परिवर्तित किया जाता है।भारत में भोजन को चार भागों में विभाजित किया जाता है ।नाश्ता लंच शाम का नाश्ता रात का भोजन।प्रोटीन कितना लेना है कहा से लेना है। क्वालिटी प्रोटीन लेना चाहिए।।जिसमें एनिमल प्रोटीन के अलावा सोयाबीन दाले पनीर आदि। कार्बोहाइड्रेट 250से 400ग्राम तक लिया जाना चाहिए जिसमें स्टार्च ग्लूकोज अमिलोज अदिं सलाद दाल चावल आदि।वसा भी एनिमल और प्लांट से प्राप्त होता है।प्लांट से प्राप्त वसा ज्यादा अच्छे होते है इसमें सभी dry fruit ,HDL सबसे अच्छा है।अलसी तेल सोयाबीन तेल सरसो तेल ricebran तेलअच्छे है । मोजरेला चीस नुकसान देह हैं।।विटामिन हमें मिनरल सब्जी व फल से मिलता है ।इसे भी समाविष्ट करना चाहिए।तभी संतुलित भोजन होगा 2-3घंटे के अंतराल से भोजन करना जरूरी है । इसके आधार पर डायट प्लान करे। फास्ट फूड से दूर रहे रेडी टू इट भोजन भी सबसे बड़ा जहर है ।इससे बचना चाहिए।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राधयापक dr मीना पाठक, डॉ प्रीति पांडे , डॉ कल्पना झा, डा,रंजना तिवारी, डॉ सुषमा तिवारी ,उषा अग्रवाल डॉ डेनियल आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से IQ AC इंचार्ज डॉ कविता शर्मा की उपस्थिति रही। उन्होंने अपने धन्यवाद ज्ञापन में विशेष रूप से मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ उषा किरण अग्रवाल को धन्यवाद दिया जिन्होंने इस सेमिनार की श्रृंखला को पुनर्जीवित किया। यह कार्यक्रम शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर के प्राचार्य डॉ जायसवाल के निर्देशन में किया गया।