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शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर रायपुर के IQAC के द्वारा वेबीनार का हुआ सफल आयोजन

शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर रायपुर के IQAC के द्वारा वेबीनार का हुआ सफल  आयोजन
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शासकीय कला एवं वाणिज्य कन्या महाविद्यालय देवेंद्र नगर रायपुर के IQAC के द्वारा वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसका विषय इमर्जिंग ट्रेंड्स इन ऑनलाइन एजुकेशन एंड फ्यूचर प्रोस्पेक्ट्स था। कार्यक्रम का संचालन आइक्यूएसी इंचार्ज डॉ कविता शर्मा ने किया।कार्यक्रम की मुख्य प्रेरणा स्रोत महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ उषा किरण अग्रवाल रही। कार्यक्रम का प्रारंभ डॉ उषा किरण अग्रवाल की उद्बोधन से हुआ जिसमें उन्होंने बताया कि किस प्रकार हमारी शिक्षा का सफर ब्लैक बोर्ड से ग्रीन बोर्ड, और व्हाइट बोर्ड फिर ओएचपी, dlp और अब लैपटॉप की द्वारा हम शिक्षा करा रहे हैं। अब हम इस कोविड 19 के दौर में लॉकडाउन के कारण डिजीटल प्लेटफॉर्म मैं पढ़ाई कर रहे हैं। व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर बच्चों की समस्याओं का समाधान कर रहे है।

कार्यक्रम का कीनोट ऐड्रेस डॉ अरुणा पलटा कुलपति हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग ने दीया। इस सत्र के चेयर पर्सन डॉ प्रशांत श्रीवास्तव सर रहे। डॉ अरुणा पलटा का वक्तव्य इमर्जिंग ट्रेंड्स इन ऑनलाइन एजुकेशन पर था। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन मेटीरियल और वीडियो निश्चित तौर पर बच्चों की मदद कर पाएंगे। टॉप 100 यूनिवर्सिटी में अभी ऑनलाइन डिग्री कोर्स चल रहे हैं। जो काफी सफल हैं। इस पर चर्चा हुई। धन्यवाद ज्ञापन डॉ संध्या वर्मा ने किया।

द्वितीय सत्र आयुष विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन डॉक्टर इम्तियाज ने किया।किस प्रकार ऑनलाइन रिसोर्सेज का उपयोग किया जा सकता है कौन-कौन से ऑनलाइन रिसोर्सेस है इसकी विस्तृत जानकारी दी।

 

तृतीय सत्र डॉ विमल त्रिवेदी जो सेंटर फॉर सोशल स्टडीज सूरत गुजरात से थे ।इस सत्र के चेयर पर्सन डॉ अमिताभ बनर्जी प्राचार्य शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालय थे। अपने वक्तव्य में डॉक्टर विमल त्रिवेदी सर ने बताया कि किस प्रकार भारत में3.99 करोड़ विद्यार्थी उच्च शिक्षा से जुड़े हैं। 999 यूनिवर्सिटी है। अब हमारी शिक्षा ऑनलाइन एजुकेशन की तरफ जा रही है। यद्यपि ऑनलाइन एजुकेशन कक्षा का विकल्प नहीं है। लेकिन यह हमारी आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि अभी वर्तमान में काफी ऑनलाइन यूजर्स बड़े हैं। ऑनलाइन कोर्स की संख्या भी बढ़ी है। इसका लाभ लाभ है कि हम घर से ही इंटरएक्टिव तरीके से पढ़ाई कर सकते हैं इस पद्धति में काफी लचीलापन है, । हम कहीं भी अलग-अलग टाइम जोन में भी पढ़ाई कर सकते हैं। आसान है फैकल्टी से सीधे कनेक्ट हो सकते हैं। आजकल गूगल बुक सर्च, research gate मैं पाठ्य सामग्री उपलब्ध हो जाती है। पीएचडी स्टूडेंट के लिए भी यह लाभदायक है।

 

अगला सत्र देवेंद्र एं व्यास प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय अकोला का था। उनका विषय शेपिंग स्टूडेंट्स माइंडसेट थ्रो ऑनलाइन एजुकेशन पर था। उन्होंने ऑनलाइन एजुकेशन, सोर्स ऑफ ए learning, flipped classroom, स्वयं पोर्टल, मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स, आदि के बारे में बताया। इसके धनात्मक ऋणात्मक पक्ष तथा भविष्य की संभावनाओं की चर्चा की। प्राचार्य डॉ अमिताभ बैनर्जी ऑनलाइन एजुकेशन पर अपने विचार रखें। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से समय और ऊर्जा की बचत की बचत होती है तथा यहां सीखने की बहुत अवसर है साथी हम विद्यार्थी के फीडबैक को भी जान सकते हैं और उसकी मदद कर सकते हैं। इस व्यवस्था में अभी भी कुछ चुनौतियां हैं जिसकी चर्चा उन्होंने की।

अगला सत्र डॉ अर्चना पत्की उप प्राचार्य एमएमपी शाह वूमेन कॉलेज मुंबई का थी । उनका व्याख्यान टाइम मैनेजमेंट एंड सेल्फमोटिवेशन डुरिंग ऑनलाइन एजुकेशन पर था।उन्होंने बताया कि इस प्रकार है इस समय विद्यार्थियों को ऑनलाइन एजुकेशन के लिए समय प्रबंधन करना चाहिए। अपने लिए एक टू डू लिस्ट बनाएं रूटीन बनाएं, पूरा होने पर स्वयं को पुरस्कार दे। अच्छी किताबें ऑटोबायोग्राफी बायोग्राफी पढ़िए। जिसे अभी प्रेरणा मिलेगी। स्वयं का विश्लेषण कीजिए। और मोटिवेट चाहिए।

 

अंतिम सत्र अंग्रेजी के प्राध्यापक तथा रूसा के डायरेक्टर डॉ जे न घनश्याम का था। उन्होंने कोविड़ की एक नई परिभाषा दी। यह एक समय आत्म मूल्यांकन का जिसमें हम अपने आप को अपडेट, अपग्रेड, अपलिफ्ट कर सकते हैं। Blended learning के बारे में बताया। सीखना है सक्रिय होना चाहिए होना चाहिए। ऑनलाइन एजुकेशन रचनात्मकता प्रेरणा बढ़ जाती है। और उन्होंने बताया कि अभी छत्तीसगढ़ सबसे अच्छा कार्य कर रहा है शिक्षा के क्षेत्र में स्कूल शिक्षा तथा कॉलेज शिक्षा दोनों स्तर पर वीडियो ऑडियो पीडीएफ फॉर्म में अध्ययन सामग्री शिक्षकों के द्वारा अपलोड की जा रही है जिसका फायदा निश्चित तौर पर विद्यार्थियों को मिलेगा। इस सत्र की चेयर पर्सन डॉक्टर प्रजापति थे।

 

कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डॉ शीला दुबे ने किया। इस वेबीनार में लगभग 500 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जिसमें विद्यार्थी, शिक्षक, research scholar आदि थे। 22 राज्य तथा आईआईटी के 5 छात्रों ने इसमें हिस्सा लिया। आइक्यूएसी इंचार्ज डॉक्टर डॉ कविता शर्मातथा महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ उषा किरण अग्रवाल ने सभी वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापन किया। 


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