स्वर कोकिला ने ट्वीट कर याद की अपनी पहली स्टूडियो रिकॉर्डिंग , पढ़े उनका मेसेज ....
भारत रत्न से सम्मानित स्वर कोकिला के नाम से मशहूर लता मंगेशकर ने गुरुवार को एक ट्वीट किया। इसमे उन्होंने अपने पहले स्टूडियो परफॉरमेंस को याद किया। 92 वर्षीय लता ने अपने सोशल मीडिया में बताया कि आज उनके सिंगिंग करियर को 80 साल पूरे हो रहे हैं।
उन्होंने लिखा, 16 दिसंबर 1941 को,ईश्वर का, पूज्य माई और बाबा का आशीर्वाद लेकर मैंने रेडियो के लिए पहली बार स्टूडियो में 2 गीत गाए थे। आज इस बात को 80 साल पूरे हो रहे हैं। इन 80 सालों में मुझे जनता का असीम प्यार और आशीर्वाद मिला है,मुझे विश्वास है कि आपका प्यार, आशीर्वाद मुझे हमेशा यूं ही मिलता रहेगा।
लाता मंगेशकर के विषय में - - -
लता जी का जन्म 28 सितंबर, 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर रंगमंच के कलाकार और गायक थे। लता जी को बचपन से ही गाने का शौक था और म्यूजिक में उनकी दिलचस्पी भी शुरू से ही थी। लता ने 13 साल की उम्र में पहली बार साल 1942 में आई मराठी फिल्म ‘पहली मंगलागौर’ में गाना गाया। हिंदी फिल्मों में उनकी एंट्री साल 1947 में फिल्म ‘आपकी सेवा’ के जरिए हुई। उन्होंने अब तक 36 भाषाओं में करीब 50 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। साल 2015 में लता जी ने आखिरी बार निखिल कामत की फिल्म 'डुन्नो वाय 2' में गाना गाया था, उसके बाद से वो अब तक सिंगिग से दूर हैं।
स्वर कोकिला से जुडी एक मजेदार बात ...
1974 में लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में परफॉर्म करने वाली वे पहली भारतीय हैं। करियर के सुनहरे दिनों में वो गाना रिकॉर्ड करने से पहले आइसक्रीम खा लिया करती थीं और अचार, मिर्च जैसी चीजों से भी उन्होंने कभी परहेज नहीं किया। उनकी आवाज हमेशा अप्रभावित रही।
लाता मंगेशकर को इन अवार्ड्स से किया गया सम्मानित ...
फिल्मफेयर अवॉर्ड (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 और 1994) , नेशनल अवॉर्ड (1972, 1975 और 1990) , महाराष्ट्र सरकार अवॉर्ड (1966 और 1967), 1969- पद्म भूषण , 1989-दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड , 1993-फ़िल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड ,1996-स्क्रीन 'लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड ,1997-राजीव गांधी अवॉर्ड , 1999-पद्मविभूषण, ज़ी सिने का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड , 2000-आई.आई.ए.एफ(आइफ़ा) का 'लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड , 2001-स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, नूरजहां अवॉर्ड, महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड , 2001-भारत रत्न।