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सरकार ने रेमडेसिविर को लेकर कही ये बड़ी बात, अब सिर्फ ये ही कर सकेंगे इस्तेमाल

सरकार ने रेमडेसिविर को लेकर कही ये बड़ी बात, अब सिर्फ ये ही कर सकेंगे इस्तेमाल
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एंटी वायरल इंजेक्शन रेमेडेसिविर और रेमडेसिविर एक्टिव से संबंधित फर्मास्युटिकल इंग्रीडेंट्स (API) का विदेश में निर्यात प्रतिबंधित करने के बाद सरकार ने इसके अस्पताल के अलावा कहीं भी इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. सरकार ने कहा है कि रेमडेसिविर का इस्तेमाल किसी भी मेडिकल श़ॉप पर नहीं किया जा सकेगा. इसका इस्तेमाल सिर्फ अस्पताल में भर्ती उन मरीजों पर होगा जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत है. इसका घर पर या केमिस्ट शॉप इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. यानी कोई भी केमिस्ट शॉप से इस दवा को नहीं खरीद सकता. कोविड-19 के मामलों में देश में वृद्धि होने से इस दवा की मांग काफी बढ़ गई है, ऐसे में भारत ने रविवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया.


ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों तक सहज उपलब्ध होगी रेमेडेसिविर
इसके अलावा सरकार ने अस्पताल और गंभीर मरीजों तक रेमडेसिविर की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तीन कदम उठाए हैं. सरकार ने रेमडेसिविर बनाने वाली सभी घरेलू कंपनियों से कहा है कि वे अपने स्टॉक, डिटेल और डिस्ट्रीब्यूटर आदि सुविधाओं से संबंधित जानकारी को अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराएं. कंपनियों की वेबसाइट में दी गई जानकारी के आधार पर ड्रग इंस्पेक्टर और संबंधित अन्य अधिकारी इनकी सत्यता को परखेंगे. अगर कोई कंपनी या डिस्ट्रीब्यूटर रेमडेसिविर से संबंधित धोखाधड़ी करते हुए पकड़े जाते हैं तो उनपर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. ड्रग इंस्पेक्टर के साथ राज्यों के हेल्थ सेक्रेटरी वास्तुस्थिति की समीक्षा के लिए प्रतिबद्ध होंगे.


प्रतिबंध लगाना जरूरी
सरकार ने बयान में कहा है कि दूसरी लहर में भारत में कोविड-19 के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हो गई है. 11 अप्रैल तक 11.08 लाख एक्टिव केस थे. इसमें हर दिन वृद्धि हो रही है. इसलिए रेमडेसिविर की मांग बढ़ गई है. अस्पताल में ऑक्सीजन की सपोर्ट वाले रोगियों को इसकी जरूरत पड़ती है. सरकार ने कहा है कि आने वाले दिनों में इसकी मांग और बढ़ेगी. इसलिए इस इंजेक्शन पर प्रतिबंध लगाना जरूरी था.


बेवजह की दहशत

इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी मेडिकल समुदाय से कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों में रेमडेसिविर इंजेक्शन का न्यायसंगत उपयोग करने का अनुरोध किया है. चिकित्सकों की संस्था ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर ने रेमेडेसिविर इंजेक्शन की भारी मांग पैदा की है, नतीजतन मांग एवं आपूर्ति में अंतर आ गया है और बेवजह की दहशत पैदा हो गई है. आईएमए ने एक बयान में कहा, ‘‘कई स्थानों पर इसके न्यायसंगत उपयोग नहीं किये जाने का यह परिणाम हुआ है. आम आदमी और मेडिकल समुदाय को अवश्य ही इस दवा के बारे में अवगत होना चाहिए और इसका न्यायसंगत उपयोग किये जाने की जरूरत है, ताकि इसका उन रोगियों के लिए उपयोग किया जाए जिन्हें इससे फायदा होगा.’’

 


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